Artwork

Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal
Player FM - पॉडकास्ट ऐप
Player FM ऐप के साथ ऑफ़लाइन जाएं!

Bhutha Baag | Kedarnath Singh

2:59
 
साझा करें
 

Manage episode 412397901 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

भुतहा बाग़ | केदारनाथ सिंह

उधर जाते हुए बचपन में डर लगता था

राही अक्सर बदल देते थे रास्ता

और उत्तर के बजाय

निकल जाते थे दक्खिन से

अबकी गया तो देखा

भुतहा बाग़ में खेल रहे थे बच्चे

वहाँ बन गए थे कच्चे कुछ पक्के मकान

दिखते थे दूर से कुछ बिजली के खंभे भी

लोगों ने बताया

जिस दिन गाड़ा गया पहला खम्भा

एक आवाज़-सी सुनाई पड़ी थी

मिट्टी के नीचे से

पर उसके बाद कभी कुछ नहीं सुनाई पड़ा।

उनका अनुमान था

कुछ भूत बह गए सन् सरसठ की बाढ़ में

कुछ उड़ गए जेठ की पीली आँधी में

जो बच गए चले गए शायद

किसी शहर की ओर

धन्धे की तलाश में

बेचारे भूत!

कितने ग़रीब थे वे कि रास्ते में मिल गए

तो आदमी से माँगते थे सिर्फ़ चुटकी-भर सुर्ती

या महज़ एक बीड़ी

अब रहा नहीं बस्ती में कोई सुनसान

कोई सन्नाटा

यहाँ तक कि नदी के किनारे का

वह वीरान पीपल भी कट चुका है कब का

सोचता हूँ - जब होते थे भूत

तो कम से कम इतना तो करते थे

कि बचाए रखते थे हमारे लिए,

कहीं कोई बावड़ी

कहीं कोई झुरमुट

कहीं निपट निरल्ले में

एकदम अकेला कोई पेड़ छतनार!

  continue reading

481 एपिसोडस

Artwork
iconसाझा करें
 
Manage episode 412397901 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

भुतहा बाग़ | केदारनाथ सिंह

उधर जाते हुए बचपन में डर लगता था

राही अक्सर बदल देते थे रास्ता

और उत्तर के बजाय

निकल जाते थे दक्खिन से

अबकी गया तो देखा

भुतहा बाग़ में खेल रहे थे बच्चे

वहाँ बन गए थे कच्चे कुछ पक्के मकान

दिखते थे दूर से कुछ बिजली के खंभे भी

लोगों ने बताया

जिस दिन गाड़ा गया पहला खम्भा

एक आवाज़-सी सुनाई पड़ी थी

मिट्टी के नीचे से

पर उसके बाद कभी कुछ नहीं सुनाई पड़ा।

उनका अनुमान था

कुछ भूत बह गए सन् सरसठ की बाढ़ में

कुछ उड़ गए जेठ की पीली आँधी में

जो बच गए चले गए शायद

किसी शहर की ओर

धन्धे की तलाश में

बेचारे भूत!

कितने ग़रीब थे वे कि रास्ते में मिल गए

तो आदमी से माँगते थे सिर्फ़ चुटकी-भर सुर्ती

या महज़ एक बीड़ी

अब रहा नहीं बस्ती में कोई सुनसान

कोई सन्नाटा

यहाँ तक कि नदी के किनारे का

वह वीरान पीपल भी कट चुका है कब का

सोचता हूँ - जब होते थे भूत

तो कम से कम इतना तो करते थे

कि बचाए रखते थे हमारे लिए,

कहीं कोई बावड़ी

कहीं कोई झुरमुट

कहीं निपट निरल्ले में

एकदम अकेला कोई पेड़ छतनार!

  continue reading

481 एपिसोडस

همه قسمت ها

×
 
Loading …

प्लेयर एफएम में आपका स्वागत है!

प्लेयर एफएम वेब को स्कैन कर रहा है उच्च गुणवत्ता वाले पॉडकास्ट आप के आनंद लेंने के लिए अभी। यह सबसे अच्छा पॉडकास्ट एप्प है और यह Android, iPhone और वेब पर काम करता है। उपकरणों में सदस्यता को सिंक करने के लिए साइनअप करें।

 

त्वरित संदर्भ मार्गदर्शिका