Society सार्वजनिक
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सर्वश्रेष्ठ Society पॉडकास्ट हम पा सकते हैं
सर्वश्रेष्ठ Society पॉडकास्ट हम पा सकते हैं
Over the years, podcasts have become an increasingly popular medium because they are well-packed, can be followed from any place, at any time and without Internet connection. Listening to podcasts enables people gain a clearer insight about the social affairs and social issues in every corner of the world. In this catalog, there are podcasts where well-read hosts and guests discuss about people of different religions and their way of life and culture, of different communities, countries, continents, different philosophies as well as different points of view on society. Also, literature fans can learn more about the latest news from their favourite genres, emerging authors, current best selling books and literary theories. Furthermore, people can find interviews and true and inspiring life stories told by people from all walks of life. Some podcasts house activists who fight for the rights of the oppressed, ranging from animals to people, aiming at creating a better society.
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show episodes
 
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Nayidhara Ekal

Nayi Dhara Radio

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मासिक
 
साहित्य और रंगकर्म का संगम - नई धारा एकल। इस शृंखला में अभिनय जगत के प्रसिद्ध कलाकार, अपने प्रिय हिन्दी नाटकों और उनमें निभाए गए अपने किरदारों को याद करते हुए प्रस्तुत करते हैं उनके संवाद और उन किरदारों से जुड़े कुछ किस्से। हमारे विशिष्ट अतिथि हैं - लवलीन मिश्रा, सीमा भार्गव पाहवा, सौरभ शुक्ला, राजेंद्र गुप्ता, वीरेंद्र सक्सेना, गोविंद नामदेव, मनोज पाहवा, विपिन शर्मा, हिमानी शिवपुरी और ज़ाकिर हुसैन।
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कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।
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Savdhan Hindustan

livehindustan - HT Smartcast

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साप्ताहिक
 
हमारे आस-पास कब क्या वारदात हो जाए कौन आपका दुश्मन साबित हो जाए ये जानना मुश्किल है। जब जुर्म दस्तक देता है तो उसकी आवाज़ बहुत कम पर रफ़्तार तेज़ होती है, लेकिन उसके शुरू होने के 4 मुख्य कारण होते हैं, पहला - लालच, दूसरा - मोह, तीसरा - माया यानि पैसा और शोहरत, चौथा - बदला। इस श्रंखला में अंकुश बख्शी पेश करेंगे अपराध जगत के तमाम मामलों की रिपोर्ट, सुनिए और सावधान रहिए।
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Din Bhar

Aaj Tak Radio

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रोज
 
Din Bhar is a daily news analysis podcast in Hindi language presented by Aaj Tak Radio. It covers issues ranging from Politics and international relations to health, society, cinema and sports. Did your regular prime time debate miss something that really matters to you? Close your day with Din Bhar, wherein we pick four big news stories of the day and analyse them with help of experts in a manner that is easy to understand. दिन भर के शोर के बाद शाम ढल गई है. हमारे यहां आइए. ख़बरों के सबसे अ ...
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Hi there beautiful! In my podcast, I bring you topics that are close to women's heart. Using research and storytelling (and poetry), I shed light on issues that are often ignored by the society, such as contribution of full time mothers, grey hair and society ki soch, challenges faced by working mothers. I hope that you will find your story reflected in my podcasts. I also have a weekly news (samachar) brief where you can catch up with the latest from the world. So join me on a new journey e ...
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Ek Tukda Zindagi Ka

HT Smartcast Originals

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साप्ताहिक
 
हमें ज़िन्दगी में एक दोस्त ऐसा ज़रूर चाहिए होता है जो हमारी problems को सुने और समझे भी, क्यूंकि बिना समझे ज्ञान तो सभी देतें हैं। एक टुकड़ा ज़िन्दगी का, में Ashish Bhusal आपके उस दोस्त की कमी पूरा करना चाहतें हैं। In each episode, Ashish will talk about a common yet pressing issue proposed by you. And he will share a few tips to resolve it. To get your issue featured and resolved on this podcast DM Ashish on Instagram @ashupanti. And to stay updated on Ek Tukda Zindagi ka follow us on FB, IG, T ...
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Bhalta Raja

Red FM

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Bhalta Raja - Musical presentation on the lines of Altaf Raja. RJ Ravi imitates Altaf like nobody else and uses the sarcasm to highlight important matters of the society.
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Maila Aanchal by Phanishwar Nath Renu

Audio Pitara by Channel176 Productions

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Hum lekar aaye hain aap logon ke liye ek bahut hi khaas audio series jo ki inspired hai “Maila Aanchal” upanyas se jiske lekhak hai “Phanishwar Nath Renu”. Aaiye samajhte hain gaon ki kathinaiyon, gareebi, zamindari pratha ke bare mein vistaar se Depak Yadav ke aawaz mein.Toh der kis baat ki shuru kariye sunana “Maila Anchal” sirf “Audio Pitara” par. #audiopitara #sunnazaroorihai #audio #series #rural #life #poverty #zamindari #system #mailaaanchal #books #society #culture #history
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Mauraya Samrajya ke sansthapak Chandragupt ne apni sujhbhujh aur himmat par Bharat ki taraf badhte videshi hamlavar Sikandar ko roka tha. Isi Chandragupt ko kendra mein rakh kar Jayshankar Prasad ne 'Chandragupt' shirshak se natak ki rachna ki hai, jisme Bharatiya itihaas, darshan evam sanskriti ki jhalak milti hai. Aise hi, interesting audio stories aur podcast suniye only on Audio Pitara par. #chandragupt #journey #power #struggles #sacrifices #ancient #india #epic #audiopitara #sunnazaroo ...
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Skandgupt by Jai Shankar Prasad

Audio Pitara by Channel176 Productions

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“Skandagupta" is a drama by the poet "Jaishankar Prasad". The play revolves around the historical figure Skandagupta, a "Gupta dynasty" emperor who ruled in ancient India. The play explores Skandagupta's challenges and commitment to upholding justice and righteousness through the dramatic narrative. The drama delves into themes of leadership, duty, and patriotism while also depicting the personal struggles and decisions faced by Skandagupta. Skandagupta" is a drama written by Hindi poet and ...
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Saadat Hasan Manto was a renowned Urdu writer who gained fame for his stories with a touch of mystery and cool detachment. And now, Audio Pitara has brought to you 'Saadat Hasan Manto,' featuring "25 Sarvshreshth Kahaniyaan" a Hindi audiobook narrated by Kishore and his team. Experience Manto's intriguing tales, where you will discover the true meaning of love and passion—a must-listen audiobook exclusively on "Audio Pitara”. These captivating stories, including "Thanda Gosht”, "Toba Tek Sin ...
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Pratinidhi Kahaniyan : Ismat Chugtai

Audio Pitara by Channel176 Productions

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मासिक
 
Paish hai aapke liye brand new series ‘’Pratinidhi kahaniyan’’ jo likhi gayi hain ek bahut hi jaani-maani lekhika, upanyaskar,aur bahut hi achhi film nirmata Ismat Chugtai dwara. Iss series main honge 14 interesting episodes jisme aap janenge muslim dharm ke bare main,lekhika ke jeewan ke baare main aur bhi bahut kuch khaas, toh rukna kisliye? Shuru kariye sari sunana or janiye Ismat Chugtai ke bare main sirf ‘’Audio Pitara’’ par. Stay Updated on our shows at audiopitara.com and follow us on ...
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show series
 
बिहार में NDA खेमे ने सीटों का गणित सुलझा लिया है तो क्या फॉर्मूला सामने आया, चुनावी चंदे पर SBI से सुप्रीम कोर्ट और क्या-क्या जानकारी मांग रहा है और SBI को वो उपलब्ध कराने में दिक्कत कहां आ रही है, रूस में पुतिन फिर जीत गए लेकिन सवाल है कि विपक्ष कौन है, पुतिन के खिलाफ चल रहा अनोखा प्रोटेस्ट क्या है और दुनिया के साथ अब रूस के रिश्ते कैसे होंगे, एल…
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महाराष्ट्र के पुणे के पास एक शख्स अपने तीन दोस्तों के साथ एक होटल में शनिवार 16 मार्च की रात खाना खाने जाता है..खाना आर्डर करके वे बैठे बात ही कर रहे थे कि कुछ ही सेकेंड में ऐसी वारदात हो गई कि इसका सीसीटीवी वीडियो देखकर आप भी दंग रह जाएंगे...द्वारा HT Smartcast
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कसौटियाँ | विश्वनाथ प्रसाद तिवारी 'जो एक का सत्य है वही सबका सत्य है' —यह बात बहुत सीधी थी लेकिन वे चीजों पर उलटा विचार करते थे उन्होंने सबके लिए एक आचार—संहिता तैयार की थी लेकिन खुद अपने विशेषाधिकार में जीते थे उनकी कसौटियाँ झाँवें की तरह खुरदरी थीं जिसे वे आदमियों की त्वचा पर रगड़ते थे और इस तरह कसते थे आदमी को आदमी बड़ा था और कसौटियाँ छोटी इस पर…
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ज़िलाधीश | आलोक धन्वा तुम एक पिछड़े हुए वक्ता हो। तुम एक ऐसे विरोध की भाषा में बोलते हो जैसे राजाओं का विरोध कर रहे हो! एक ऐसे समय की भाषा जब संसद का जन्म नहीं हुआ था! तुम क्या सोचते हो संसद ने विरोध की भाषा और सामग्री को वैसा ही रहने दिया जैसी वह राजाओं के ज़माने में थी? यह जो आदमी मेज़ की दूसरी ओर सुन रह है तुम्हें कितने करीब और ध्यान से यह राजा …
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तिरोहित सितार | दामोदर खड़से खूँखार समय के घनघोर जंगल में बहरा एकांत जब देख नहीं पाता अपना आसपास... तब अगली पीढ़ी की देहरी पर कोई तिरोहित सितार अपने विसर्जन की कातर याचना करती है यादों पर चढ़ी धूल हटाने वाला कोई भी तो नहीं होता तब जब आँसू दस्तक देते हैं– बेहिसाब! मकान छोटा होता जाता है और सितार ढकेल दी जाती है कूड़े में आदमी की तरह... सितार के अंतर …
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इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली टॉप 3 कम्पनियों की प्रोफाइल क्या है, विपक्ष के आरोप क्या सही साबित हो रहे हैं, इलेक्टोरल बॉन्ड के डेटा से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट क्यों नहीं है, बिहार मंत्रिमंडल विस्तार की हाइलाइट्स क्या हैं, मंत्रिमंडल विस्तार में इतना समय क्यों लगा, NDA गठबंधन को चुनाव में क्या इसका फायदा मिलेगा और दिल्ली में सबसे ज्यादा गाड़ियां चोरी क…
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सीख | बलराज साहनी वैज्ञानिकों का कथन है कि डरे हुए मनुष्य के शरीर से एक प्रकार की बास निकलती है जिसे कुत्ता झट सूँघ लेता है और काटने दौड़ता है। और अगर आदमी न डरे तो कुत्ता मुँह खोल मुस्कुराता, पूँछ हिलाता मित्र ही नहीं, मनुष्य का ग़ुलाम भी बन जाता है। तो प्यारे! अगर जीने की चाह है, जीवन को बदलने की चाह है तो इस तत्व से लाभ उठाएँ, इस मंत्र की महिमा गा…
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देश को क्या 2 नए चुनाव आयुक्त मिल गए, इनका प्रोफाइल क्या है, चुनाव के एलान में देरी से किसे फायदा और किसे नुकसान, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में क्या सुप्रीम कोर्ट दखल दे सकता है, बिहार में NDA और INDIA खेमें में सीट शेयरिंग पर कहां पेंच फंसा है, पशुपति पारस के मुकाबले बीजेपी चिराग पासवान को ज़्यादा अहमियत क्यों दे रही है और केंद्र सरकार …
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कुछ बन जाते हैं | उदय प्रकाश कुछ बन जाते हैं तुम मिसरी की डली बन जाओ मैं दूध बन जाता हूँ तुम मुझमें घुल जाओ। तुम ढाई साल की बच्ची बन जाओ मैं मिसरी घुला दूध हूँ मीठा मुझे एक साँस में पी जाओ। अब मैं मैदान हूँ तुम्हारे सामने दूर तक फैला हुआ। मुझमें दौड़ो। मैं पहाड़ हूँ। मेरे कंधों पर चढ़ो और फिसलो । मैं सेमल का पेड़ हूँ मुझे ज़ोर-ज़ोर से झकझोरो और मेर…
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हरियाणा विधानसभा में आज क्या-क्या हुआ, दुष्यंत चौटाला की पार्टी के सामने और क्या-क्या चैलेंज है, जाट मतदाताओं का रुझान इस बार किसकी ओर दिख रहा है,देश में CAA लागू होने से क्या एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है, CAA को लेकर विपक्ष की कोई साझी स्ट्रेटजी है या फिर ये अपने -अपने कुनबे को साधने की कोई कवायद है, ट्रंप और बाइडेन के बीच क्या एक बार फिर कांटे …
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नई धारा एकल के इस एपिसोड में देखिए मशहूर अभिनेता विपिन शर्मा द्वारा, राजेंद्र यादव द्वारा अनुदित आल्बेयर कामू के उपन्यास ‘अजनबी’ में से एक अंश। नई धारा एकल श्रृंखला में अभिनय जगत के सितारे, अपने प्रिय हिन्दी नाटकों में से अंश प्रस्तुत करेंगे और साथ ही साझा करेंगे उन नाटकों से जुड़ी अपनी व्यक्तिगत यादें। दिनकर की कृति ‘रश्मिरथी’ से मोहन राकेश के नाट…
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सूर्य ढलता ही नहीं | रामदरश मिश्र | आरती जैन चाहता हूँ, कुछ लिखूँ, पर कुछ निकलता ही नहीं है दोस्त, भीतर आपके कोई विकलता ही नहीं है! आप बैठे हैं अंधेरे में लदे टूटे पलों से बंद अपने में अकेले, दूर सारी हलचलों से हैं जलाए जा रहे बिन तेल का दीपक निरन्तर चिड़चिड़ाकर कह रहे- ‘कम्बख़्त, जलता ही नहीं है!’ बदलियाँ घिरतीं, हवाएँ काँपती, रोता अंधेरा लोग गिरत…
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नायब सिंह सैनी का पॉलिटिकल बैकग्राउंड क्या है, बीजेपी और दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी के बीच गठबंधन टूटने की इनसाइड स्टोरी क्या है, चुनाव से ठीक पहले सीएम बदलकर बीजेपी हरियाणा में क्‍या हासिल करना चाहती है, CAA पश्चिम बंगाल की राजनीति को सीधे तौर पर कैसे प्रभावित कर रहा है, ममता बनर्जी ने कैंडिडेट लिस्ट में किन बातों का खास तौर पर ध्यान रखा है स…
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टेढ़ी कमर की औरतें | ऐश्वर्य विजय अमृत राज छः-सात साल की लड़कियाँ छोटे भाइयों/बड़े भाई के बच्चे के साथ/ सोलह साल की सालभर पुरानी कन्याएँ अपने बच्चे/जेठानी के बच्चे के साथ चालीस-साठ की दादी/नानी कमर एक तरफ निकालकर बच्चे को लटकाए कुल्हे की हड्डी से, हो जाती हैं पेड़ के किसी टेढ़े तने सी तिरछी, और ठोंस, किसी पुरानी सभ्यता की मूर्ति सी, जो टिकी-बची हो हर मौ…
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लोकसभा चुनाव से ऐन पहले मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन क़ानून देशभर में लागू कर दिया है, क्या केंद्र के इस फैसले की टाइमिंग और इम्पैक्ट में ही सारी बात छिपी है, सुप्रीम कोर्ट ने आज SBI की धुलाई कर दी. मामला चुनावी चंदे से जुड़ी जानकारी देने का है. कोर्ट के इस आदेश का पालन SBI कैसे करेगी और क्या सामने आने वाले इन्फॉर्मेशन से राजनीतिक दलों की टेंशन बढ़ेग…
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कमरे में दाखिल होते ही एक शख्स पर ताबड़तोड़ हमला..और फिर लात घूंसो से बुरी तरह पिटाई ..जी हां ये वीडियो सोशल मीडिया पर जम के वायरल हो रहा है...और इसके साथ ही एक बार फिर उछल रहा है उस व्यक्ति का नाम जो अक्सर सोशल मीडिया की सुर्खियां बना रहता है...जी हां सोशल मीडिया स्टार से बिग बॉस ओटीटी तक का सफर तय करने वाले एल्विश यादव एक बार फिर विवादों में है. …
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क़िले में बच्चे | नरेश सक्सेना क़िले के फाटक खुले पड़े हैं और पहरेदार गायब ड्योढ़ी में चमगादड़ें दीवाने ख़ास में जाले और हरम बेपर्दा हैं सुल्तान दौड़ो! आज किले में भर गए हैं बच्चे उन्होंने तुम्हारी बुर्जियों, मेहराबों, खंभों और कंगूरों पर लिख दिए हैं अपने नाम कक्षाएँ और स्कूल के पते अब वे पूछ रहे हैं सवाल कि सुल्तान के घर का इतना बड़ा दरवाज़ा उसकी इतन…
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चुनाव की चोट | काका हाथरसी हार गए वे, लग गई इलेक्शन में चोट। अपना अपना भाग्य है, वोटर का क्या खोट? वोटर का क्या खोट, ज़मानत ज़ब्त हो गई। उस दिन से ही लालाजी को ख़ब्त हो गई॥ कह ‘काका’ कवि, बर्राते हैं सोते सोते। रोज़ रात को लें, हिचकियाँ रोते रोते॥द्वारा Nayi Dhara Radio
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जो कुछ देखा-सुना, समझा, लिख दिया | निर्मला पुतुल बिना किसी लाग-लपेट के तुम्हें अच्छा लगे, ना लगे, तुम जानो चिकनी-चुपड़ी भाषा की उम्मीद न करो मुझसे जीवन के ऊबड़-खाबड़ रास्ते पर चलते मेरी भाषा भी रूखड़ी हो गई है मैं नहीं जानती कविता की परिभाषा छंद, लय, तुक का कोई ज्ञान नहीं मुझे और न ही शब्दों और भाषाओं में है मेरी पकड़ घर-गृहस्थी सँभालते लड़ते अपने …
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अगर अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी हो जाती है तो पार्टी का प्लान बी क्या है और ये भी बताएंगे और कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी के लिए क्या सोचा है, CBI ने कैसे रूस-यूक्रेन युद्ध में भारतीयों के भेज रहे गिरोह का भंडाफोड़ कैसे किया और कैसे महिलाएं फ़ाइनेंसियली इंडिपेंडेंट बन सकती हैं और किन स्कीम्स में इन्वेस्ट करके फाइनेंसियल स्टेबिलिटी को अचीव कर सकत…
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जो मेरे घर कभी नहीं आएँगे | विनोद कुमार शुक्ल जो मेरे घर कभी नहीं आएँगे मैं उनसे मिलने उनके पास चला जाऊँगा। एक उफनती नदी कभी नहीं आएगी मेरे घर नदी जैसे लोगों से मिलने नदी किनारे जाऊँगा कुछ तैरूँगा और डूब जाऊँगा पहाड़, टीले, चट्टानें, तालाब असंख्य पेड़ खेत कभी नहीं आएँगे मेरे घर खेत-खलिहानों जैसे लोगों से मिलने गाँव-गाँव, जंगल-गलियाँ जाऊँगा। जो लगात…
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15 साल बाद BJP और BJD एक साथ चुनाव लड़ने जा रही है, ये दोस्ती कैसे हुई और क्यों हुई, युवाओं के लिए क्या चुनावी वादे कर रही है कांग्रेस पार्टी, 2019 से क्या सबक सीखा है कांग्रेस ने, SBI क्यों कंटेंप्ट ऑफ़ कोर्ट झेलने के लिए तैयार है लेकिन चुनावी चंदे का ब्योरा देने के लिए नहीं, SBI पर क्यों ये आरोप लग रहे हैं कि वो BJP को फ़ायदा पहुंचाना चाह रही है,…
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बारिश के काँधे पर सिर रखता हूँ | शहंशाह आलम पीड़ा में पेड़ जब दुःख बतियाते हैं दूसरे पेड़ से मैं बारिश के काँधे पर सिर रखता हूँ अपना आदमी बमुश्किल दूसरे का दुःख सुनना पसंद करता है बारिश लेकिन मेरा दुखड़ा सुनने ठहर जाती है कभी खिड़की के पास कभी दरवाज़े पर तो कभी ओसारे में कवि होना कितना कठिन है आज के समय में और गिरहकट होना कितना आसान काम है हत्यारा …
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पश्चिम बंगाल की सियासत में टीएमसी के लिए सिरदर्द बने शाहजहां शेख का मामला उलझता जा रहा है, कोर्ट के फैसले के बाद भी बंगाल की CID और CBI के बीच शाहजहां शेख की हिरासत को लेकर रस्साकशी चलती रही. इसमें किसकी जीत हुई और इस पर क्या सियासत चल रही है, महाराष्ट्र में सीटों का बंटवारा बीजेपी और कांग्रेस - दोनों ही खेमों के लिए टेढ़ी खीर बना हुआ था, इसे सुलझा …
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झज्जर पुलिस, दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल और हरियाणा एसटीएफ ने जॉइंट ऑपरेशन चलाकर ये हदफ हासिल किया है... एएनआई के हवाले से जो खबरे आ रही हैं उनके मुताबिक पुलिस ने गोवा से सौरभ और आशीष नाम के दो शूटर्स को गिरफ्तार किया है...झज्जर पुलिस का कहना है कि दीगर दो शूटर्स की तलाश जारी है...आपको बता दें कि नफे सिंह राठी हत्याकांड के आरोपियों की पहचान आशीष, नक…
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एक माँ की बेबसी | कुँवर नारायण न जाने किस अदृश्य पड़ोस से निकल कर आता था वह खेलने हमारे साथ— रतन, जो बोल नहीं सकता था खेलता था हमारे साथ एक टूटे खिलौने की तरह देखने में हम बच्चों की ही तरह था वह भी एक बच्चा। लेकिन हम बच्चों के लिए अजूबा था क्योंकि हमसे भिन्न था। थोड़ा घबराते भी थे हम उससे क्योंकि समझ नहीं पाते थे उसकी घबराहटों को, न इशारों में कही …
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क्यों राज्य दर राज्य कांग्रेस का कुनबा सिकुड़ता जा रहा है, पार्टी क्यों उस ज़मीन को भी गवांती जा रही है, जो हाल तक उसकी मुट्ठी में थी, डीयू के पूर्व प्रो. साईंबाबा 10 साल से UAPA के तहत जेल में बंद थे, साईंबाबा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी कर दिया, किन सबूतों के आधार पर गिरफ़्तारी हुई थी और कोर्ट ने आज क्या कहा, राजस्थान में टॉपर भी पेपर लीक के सहारे …
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एक आश्वस्ति - हल्की फुलकी | प्रेम वत्स एक हल्का घुला हुआ गुलाबीपन पंखुरियों की भाँति चिपक-सा जाता है उसके हल्के रोंयेदार गालों के दोनों उट्ठलों से जो हल्का-सा भी अप्रत्याशित होने पर उठ खड़े होते हैं खरगोशी कान जैसे प्रेम में अक्सर उसे भी तुम प्रेम ही कहो जब वह अपनी ठुड्ढी पर तड़के आए हल्के नर्म बालों को वजह-बेवजह अपनी उंगलियों से पुचकारता रहता है औ…
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सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने ही एक 25 साल पुराने फ़ैसले को क्यों पलटते हुए विधायकों-सासंदों के पर कतर दिए, क्या 'मोदी का परिवार' कैंपन, पिछले चुनाव के 'मैं भी चौकीदार' की तरह कमाल कर पाएगा, कलकत्ता हाई कोर्ट के एक जज साहब कोर्ट की बजाय संसद में बैठना चाहते हैं, किस पार्टी से लड़ सकते हैं और एक मौजूदा जज का चुनावी अखाड़े में उतरना कितना सही है, सुनिए 'दि…
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अफसोस कि हमारे देश को देखने आए विदेशी मेहमानों के साथ ऐसा कृत्य हुआ है...जी हां झारखंड के दुमका में शुक्रवार की रात सामूहिक बलात्कार की एक शर्मनाक घटना हुई। इसकी शिकार स्पेन की ट्रैवल ब्लॉगर ने इंस्टाग्राम पोस्ट में इस दर्दनाक घटना का खौफनाक अनुभव साझा किया है। अपने चेहरे पर चोट के निशान दिखाते हुए उसने स्पेनिश में एक वीडियो में संदेश दिया है। इस व…
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अम्मा बचपन को लौट रही है | अजेय जुगरान उठने को सहारा चाहे अम्मा बचपन को लौट रही है। चलने को सहारा चाहे अम्मा छुटपन को लौट रही है। बैठने को सहारा चाहे अम्मा शिशुपन को लौट रही है। ज़िद्द से न किनारा पाए अम्मा बालपन को लौट रही है। खाते खाना गिराए अम्मा बचपन को लौट रही है। सोने को टी वी चलाए अम्मा छुटपन को लौट रही है। नितकर्म को टालती जाए अम्मा शिशुपन …
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भूखदान | महबूब शांत अंधेरे सन्नाटे के बीच चीखती गुजरती एक आवाज़ लोहे के लोहे से टकराने की या उस भूखे पेट के गुर्राने की जो लेटा है उसी लोहे के सड़क किनारे किसी भिनभिनाती-सी जगह पर खेल रही हैं कुछ मक्खियाँ उसके मुख पर जैसे वो जानती हों कि गरीब यहाँ सिर्फ खेलने की चीज है इस बीच कुछ लोग गुज़रे उधर से उसे निहारते हुए कोई हँसा कोई मुस्कुराया किसी को घृणा …
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यह कैसी विवशता है? | कुँवर नारायण यह कैसी विवशता है— किसी पर वार करो वह हँसता रहता या विवाद करता। यह कैसी पराजय है— कहीं घाव करें रक्त नहीं केवल मवाद बहता। अजीब वक़्त है— बिना लड़े ही एक देश का देश स्वीकार करता चला जाता अपनी ही तुच्छताओं की अधीनता! कुछ तो फ़र्क़ बचता धर्मयुद्ध और कीटयुद्ध में— कोई तो हार-जीत के नियमों में स्वाभिमान के अर्थ को फिर स…
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भाजपा की पहली लिस्ट कैसी होगी, महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन ने कैसे बीच का रास्ता निकाला, असम में CAA को लेकर पुरज़ोर विरोध की तैयारी चल रही है यहां और सरकार इस बात पर अड़ी है कि CAA तो आकर ही रहेगा, एक रिपोर्ट ये कह रही है कि लोकतंत्र के लिए ये साल बहुत ज़रूरी है.. 64 देशों में चुनाव हैं.. मगर एक पहलू और है जिसे सुनना हर नागरिक के लिए ज़रूरी है, …
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क्या आपको प्रेम पसंद है ? | श्रद्धा उपाध्याय मैं पहले भी खो गई थी एक खाई की गहराई के भय में मैं नहीं सुन पाई थी झरने का संगीत शोकगीत लिखने की व्यस्तता में सूरज से आँख ना मिला पाने की निराशा में मैंने फोड़ी ही अपनी आँखें कृत्रिम रौशनियों को घूरकर अतीत के घाव जिन पर लगनी थी समय की मरहम उनको लेकर बेवक्त भागी और तोड़े अपने पैर क्या मैं हमेशा मुँह धोउंगी…
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55 दिनों से सबकी नज़रों से दूर शाहजहां शेख पर आज पुलिस की नज़र पड़ी, वो भी संदेशखली में ही, कैसे हुई गिरफ़्तारी, कोर्ट में क्या हुआ और अब क्या राजनीतिक बवाल कटा है, वॉल्ट डिज़नी और रिलायांस के बीच करार हो गया है, डिज़नी की क्या मजबूरी थी जो उसे स्टार का साथ छोड़ना पड़ा, सांसदों की एक रिपोर्ट कार्ड आई है, कौन कितने दिन आया, किसने कितने सवाल पूछे, कौ…
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माँ - ममता कालिया पुराने तख़्त पर यों बैठती हैं जैसे वह हो सिंहासन बत्तीसी। हम सब उनके सामने नीची चौकियों पर टिक जाते हैं या खड़े रहते हैं अक्सर। माँ का कमरा उनका साम्राज्य है। उन्हें पता है यहाँ कहाँ सौंफ की डिबिया है और कहाँ ग्रन्थ साहब कमरे में कोई चौकीदार नहीं है पर यहाँ कुछ भी बगैर इजाज़त छूना मना है। माँ जब ख़ुश होती हैं मर्तबान से निकालकर थो…
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हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के हाथ से सरकार जाते-जाते बची है और सुक्खू सरकार पर आया संकट फिलहाल 3 महीने के लिए टलता हुआ दिख रहा है. कांग्रेस ने ये डैमेज कंट्रोल कैसे किया, राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने सपा में सेंधमारी कैसे की और इससे कांग्रेस की चिंता भी क्यों बढ़ गई, देश के समुद्री राज्य गुजरात से ड्रग्स की अबतक की सबसे बड़ी खेप पकड़ में आई है. …
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नई धारा एकल के इस एपिसोड में देखिए प्रसिद्ध अभिनेता वीरेंद्र सक्सेना द्वारा भीष्म साहनी के नाटक ‘हानूश’ में से एक अंश। नई धारा एकल श्रृंखला में अभिनय जगत के सितारे, अपने प्रिय हिन्दी नाटकों में से अंश प्रस्तुत करेंगे और साथ ही साझा करेंगे उन नाटकों से जुड़ी अपनी व्यक्तिगत यादें। दिनकर की कृति ‘रश्मिरथी’ से मोहन राकेश के नाटक ‘आषाढ़ का एक दिन’ तक और …
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नृत्य - निधि शर्मा मैं नाचती हूं, अपने दुखों के गीत पर। मैं मुस्कुराती हूं जब तुम मुझे छोड़ कर चले जाते हो। मेरे रोम रोम में बजता है विरह का संगीत। और उसमे रस घोलती है मेरे प्राणों की बांसुरी। हर दफा हर दुख के पश्चात्‌ मैं जन्म लेती हृ। पहले से कुछ अलग, पहले से कोमल हृदय और मजबूत भावनाओं के साथ। दुःख के प्रत्येक क्षण को संजो लेती हूं अपने बालों के …
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आज देश के 3 राज्यों की 15 राज्यसभा सीटों के लिए वोट डाले गए. जिसमें खूब आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं. जानेंगे आज किसकी बात बनी और किसकी बात बनते-बनते रह गई, हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रहे नफे सिंह राठी की हत्या के तार कैसे विदेश से जुड़े दिख रहे हैं, इस साल भारत एस्ट्रोनॉट भेजने की तैयारी कर रहा है, जिनके के नाम आज पीएम मोदी ने …
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थोड़ी-सी उम्मीद चाहिए | गगन गिल जैसे मिट्टी में चमकती किरण सूर्य की जैसे पानी में स्वाद भीगे पत्थर का जैसे भीगी हुई रेत पर मछली में तड़पन थोड़ी-सी उम्मीद चाहिए जैसे गूँगे के कंठ में याद आया गीत जैसे हल्की-सी साँस सीने में अटकी जैसे काँच से चिपटे कीट में लालसा जैसे नदी की तह में डूबी हुई प्यास थोड़ी-सी उम्मीद चाहिए…
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हरियाणा में हुए हत्याकांड पर भारी बवाल मचा है, विधानसभा में आज गृह मंत्री ने सीबीआई जांच का ऐलान भी किया, गांव और शहर के खर्चों पर एक रिपोर्ट आई है, इसमें क्या ख़ास है, रांची टेस्ट में टीम इंडिया ने अंग्रेज़ों को धूल चटाकर सीरीज़ अपने नाम कर ली, कौन से फैक्टर भारी पड़े इंग्लिश टीम पर, आज 72 साल की उम्र में गज़ल गायक पंकज उधास का निधन हो गया, सुनिए …
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संक्रमण | सत्यम तिवारी रेखा के उस पार सब संदिग्ध थे इस तरह वह लंपट था और मुँहफट सूचियों से नदारद चौकसी से अंजान वह जिस देवता को फूल चढ़ाता उसकी कृपा चट्टानी पत्थरों के बरक्स ढुलकती उसकी प्रार्थना अँधेरी काली सड़कों-सी अंतहीन जहाँ नीचे वाला ही ऊपर वाला हो वहाँ फाँसी के फंदे पर गिलोटिन के तख्ते पर उन्मादियों के झंडे पर वह किसके भरोसे चढ़ा? अगर उसे अपन…
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खिचड़ी | अनामिका इतने बरस बीते, इतने बरस ! सन्तोष है तो बस इतना कि मैंने ये बाल धूप में तो सफेद नहीं किए ! इन खिचड़ी बालों का वास्ता, देखा है संसार मैंने भी थोड़ा-सा ! दुनिया के हर कोने क्या जाने क्या-क्या खिचड़ी पक रही है : संसद में, निर्णायक मंडल में, दूर वहाँ इतिहास के खंडहरों में ! 'चाणक्य की खिचड़ी' से लेकर 'बीरबल की खिचड़ी' तक सल्तनतें हैं और …
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लोकतंत्र से उम्मीद | मयंक असवाल एक देश की संसद को कीचड़ के बीचों बीच होना चाहिए ताकि अपने हर अभिभाषण के बाद संसद से निकलते ही एक राजनेता को पुल बनाना याद रहे। एक लोकतांत्रिक कविता को गाँव, मोहल्ले और शहर के हर चौराहे पर होना चाहिए ताकि जनता के बीच आजादी और तानाशाही का अंतर स्पष्ट रहें। एक लेखक को प्रतिपक्ष की कविता लिखने की समझ होनी चाहिए ताकि सिर्…
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मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र में थे तो सबसे पहले आज दिन भर के क्या अपडेट्स रहे, लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी की नज़र इन सीटों को साधने पर है, मणिपुर हाईकोर्ट ने फैसला वापस लेने के पीछे क्या वजह बताई,ये फैसला दोनों समुदायों के बीच की दूरियों को क्या कम करेगा, क्या ये फैसला पब्लिक सेंटीमेंट्स में बदलाव लाने का काम करेगा, रांची टेस्ट में जो रूट के ख…
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चुप की साज़िश | अमृता प्रीतम रात ऊँघ रही है... किसी ने इनसान की छाती में सेंध लगायी है हर चोरी से भयानक यह सपनों की चोरी है। चोरों के निशान - हर देश के हर शहर की हर सड़क पर बैठे हैं पर कोई आँख देखती नहीं, न चौंकती है। सिर्फ़ एक कुत्ते की तरह एक जंजीर से बंधी किसी वक़्त किसी की कोई नज़्म भौंकती है।द्वारा Nayi Dhara Radio
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