Artwork

Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal
Player FM - पॉडकास्ट ऐप
Player FM ऐप के साथ ऑफ़लाइन जाएं!

O Mandir Ke Shankh, Ghantiyon | Ankit Kavyansh

2:58
 
साझा करें
 

Manage episode 433712141 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

ओ मन्दिर के शंख, घण्टियों | अंकित काव्यांश

ओ मन्दिर के शंख, घण्टियों तुम तो बहुत पास रहते हो,

सच बतलाना क्या पत्थर का ही केवल ईश्वर रहता है?

मुझे मिली अधिकांश

प्रार्थनाएँ चीखों सँग सीढ़ी पर ही।

अनगिन बार

थूकती थीं वे हम सबकी इस पीढ़ी पर ही।

ओ मन्दिर के पावन दीपक तुम तो बहुत ताप सहते हो,

पता लगाना क्या वह ईश्वर भी इतनी मुश्किल सहता है?

भजन उपेक्षित

हो भी जाएं फिर भी रोज सुने जाएंगे।

लेकिन चीखें

सुनने वाला ध्यान कहाँ से हम लाएंगे?

ओ मन्दिर के सुमन सुना है ईश्वर को पत्थर कहते हो!

लेकिन मेरा मन जाने क्यों दुनिया को पत्थर कहता है?

  continue reading

551 एपिसोडस

Artwork
iconसाझा करें
 
Manage episode 433712141 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

ओ मन्दिर के शंख, घण्टियों | अंकित काव्यांश

ओ मन्दिर के शंख, घण्टियों तुम तो बहुत पास रहते हो,

सच बतलाना क्या पत्थर का ही केवल ईश्वर रहता है?

मुझे मिली अधिकांश

प्रार्थनाएँ चीखों सँग सीढ़ी पर ही।

अनगिन बार

थूकती थीं वे हम सबकी इस पीढ़ी पर ही।

ओ मन्दिर के पावन दीपक तुम तो बहुत ताप सहते हो,

पता लगाना क्या वह ईश्वर भी इतनी मुश्किल सहता है?

भजन उपेक्षित

हो भी जाएं फिर भी रोज सुने जाएंगे।

लेकिन चीखें

सुनने वाला ध्यान कहाँ से हम लाएंगे?

ओ मन्दिर के सुमन सुना है ईश्वर को पत्थर कहते हो!

लेकिन मेरा मन जाने क्यों दुनिया को पत्थर कहता है?

  continue reading

551 एपिसोडस

सभी एपिसोड

×
 
Loading …

प्लेयर एफएम में आपका स्वागत है!

प्लेयर एफएम वेब को स्कैन कर रहा है उच्च गुणवत्ता वाले पॉडकास्ट आप के आनंद लेंने के लिए अभी। यह सबसे अच्छा पॉडकास्ट एप्प है और यह Android, iPhone और वेब पर काम करता है। उपकरणों में सदस्यता को सिंक करने के लिए साइनअप करें।

 

त्वरित संदर्भ मार्गदर्शिका