Jeevan Nahi Mara Karta Hai | Gopaldas Neeraj
Manage episode 415593351 series 3463571
जीवन नहीं मारा करता है | गोपालदस नीरज
छिप छिप अंश्रु बहाने वालों,
मोती व्यर्थ लुटाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।
सपना क्या है, नयन सेज पर
सोया हुया आँख का पानी
और टूटना है उसको ज्यों
जागे कच्ची नींद जवानी
गीली उमर बनाने वालों, डूबे बिना नहाने वालों
कुछ पानी के बह जाने से सावन नहीं मरा करता है।
माला बिखर गई तो क्या है,
खुद ही हल हो गयी समस्या
आंसू गर नीलाम हुये तो
समझो पूरी हुई तपस्या
रूठे दिवस मनाने वालों, फटी कमीज़ सिलाने वालों
कुछ दीपक के बुझ जाने से आंगन नहीं मरा करता है।
खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर
केवल जिल्द बदलती पोथी
जैसे रात उतार चाँदनी
पहने सुबह धूप की धोती
वस्त्र बदलकर आने वालों, चाल बदलकर जाने वालों
चंद खिलौनों के खोने से बचपन नहीं मरा करता है।
लाखों बार गगरिया फूटी
शिकन नहीं आयी पनघट पर
लाखों बार किश्तियाँ डूबीं
चहल-पहल वो ही है तट पर
तम की उमर बढ़ाने वालों लौ की आयु घटाने वालों
लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है।
लूट लिया माली ने उपवन
लूटी न लेकिन गंध फूल की
तूफानों तक ने छेड़ा पर
खिड़की बन्द न हुई धूल की
नफ़रत गले लगाने वालों, सब पर धूल उड़ाने वालों
कुछ मुखड़ों की नाराज़ी से दर्पण नहीं मरा करता है।
481 एपिसोडस