Hindi Si Ma | Ajay Jugran
Manage episode 401874516 series 3463571
हिंदी सी माँ | अजेय जुगरान
जब पर्दे खोलने पर
ठंड की नर्म धूप
पलंग तक आ गई
तो बड़ा भाई
गेट पर अटका हिंदी अख़बार
ले आया माँ के लिए।
तेज़ी से वर्तमान भूल रही माँ
अब रज़ाई के भीतर ही बैठ
तीन तकियों पर टिका पीठ
होने लगी तैयार उसे पढ़ने को।
सर पर पल्लू
माथे पर बिंदी
हृदय में भाषा
मन में जिज्ञासा
हाथ में हिंदी अख़बार
और उसे पढ़ने को
भूली ऐनक ढूँढती मेरी माँ
हिंदी कदाचित् नहीं भूलती
मातृभाषा सी प्यारी मेरी माँ।
536 एपिसोडस