Artwork

Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal
Player FM - पॉडकास्ट ऐप
Player FM ऐप के साथ ऑफ़लाइन जाएं!

Ghar Rahenge | Kunwar Narayan

2:09
 
साझा करें
 

Manage episode 386632815 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

घर रहेंगे - कुँवर नारायण

घर रहेंगे, हमीं उनमें रह न पाएँगे :

समय होगा, हम अचानक बीत जाएँगे :

अनर्गल ज़िंदगी ढोते किसी दिन हम

एक आशय तक पहुँच सहसा बहुत थक जाएँगे।

मृत्यु होगी खड़ी सम्मुख राह रोके,

हम जगेंगे यह विविधता, स्वप्न, खो के,

और चलते भीड़ में कंधे रगड़ कर हम

अचानक जा रहे होंगे कहीं सदियों अलग होके।

प्रकृति औ' पाखंड के ये घने लिपटे

बँटे, ऐंठे तार-

जिनसे कहीं गहरा, कहीं सच्चा,

मैं समझता-प्यार,

मेरी अमरता की नहीं देंगे ये दुहाई,

छीन लेगा इन्हें हमसे देह-सा संसार।

राख-सी साँझ, बुझे दिन की घिर जाएगी :

वही रोज़ संसृति का अपव्यय दुहराएगी।

  continue reading

481 एपिसोडस

Artwork
iconसाझा करें
 
Manage episode 386632815 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

घर रहेंगे - कुँवर नारायण

घर रहेंगे, हमीं उनमें रह न पाएँगे :

समय होगा, हम अचानक बीत जाएँगे :

अनर्गल ज़िंदगी ढोते किसी दिन हम

एक आशय तक पहुँच सहसा बहुत थक जाएँगे।

मृत्यु होगी खड़ी सम्मुख राह रोके,

हम जगेंगे यह विविधता, स्वप्न, खो के,

और चलते भीड़ में कंधे रगड़ कर हम

अचानक जा रहे होंगे कहीं सदियों अलग होके।

प्रकृति औ' पाखंड के ये घने लिपटे

बँटे, ऐंठे तार-

जिनसे कहीं गहरा, कहीं सच्चा,

मैं समझता-प्यार,

मेरी अमरता की नहीं देंगे ये दुहाई,

छीन लेगा इन्हें हमसे देह-सा संसार।

राख-सी साँझ, बुझे दिन की घिर जाएगी :

वही रोज़ संसृति का अपव्यय दुहराएगी।

  continue reading

481 एपिसोडस

सभी एपिसोड

×
 
Loading …

प्लेयर एफएम में आपका स्वागत है!

प्लेयर एफएम वेब को स्कैन कर रहा है उच्च गुणवत्ता वाले पॉडकास्ट आप के आनंद लेंने के लिए अभी। यह सबसे अच्छा पॉडकास्ट एप्प है और यह Android, iPhone और वेब पर काम करता है। उपकरणों में सदस्यता को सिंक करने के लिए साइनअप करें।

 

त्वरित संदर्भ मार्गदर्शिका