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Bachpan Ki Wah Nadi | Nasira Sharma

2:03
 
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बचपन की वह नदी | नासिरा शर्मा

बचपन की वह नदी

जो बहती थी मेरी नसों में

जाने कितनी बार

उतारा है मैंने उसे अक्षरों में

पढ़ने वाले करते हैं शिकायत

यह नदी कहाँ है जिसका ज़िक्र है

अकसर आपकी कहानियों में?

कैसे कहूँ कि यादों का भी एक सच होता है

जो वर्तमान में कहीं नज़र नहीं आता

वर्तमान का अतीत हो जाना भी

समय के बहने जैसा है

जैसे वह नदी बहती थी कभी पिघली चाँदी जैसी

अभी अलसाई सी पड़ी रहती है तलहटी में

शायद कल वह भी न हो

और ज़िक्र हो उसका सिंधु घाटी की तरह

कोर्स की पुस्तक के किसी पन्ने पर

अतीत में बहती एक नदी की तरह।

  continue reading

639 एपिसोडस

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बचपन की वह नदी

जो बहती थी मेरी नसों में

जाने कितनी बार

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यह नदी कहाँ है जिसका ज़िक्र है

अकसर आपकी कहानियों में?

कैसे कहूँ कि यादों का भी एक सच होता है

जो वर्तमान में कहीं नज़र नहीं आता

वर्तमान का अतीत हो जाना भी

समय के बहने जैसा है

जैसे वह नदी बहती थी कभी पिघली चाँदी जैसी

अभी अलसाई सी पड़ी रहती है तलहटी में

शायद कल वह भी न हो

और ज़िक्र हो उसका सिंधु घाटी की तरह

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