Artwork

Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal
Player FM - पॉडकास्ट ऐप
Player FM ऐप के साथ ऑफ़लाइन जाएं!

Baarish Ke Kandhe Par Sar rakhta Hun

2:43
 
साझा करें
 

Manage episode 405081105 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

बारिश के काँधे पर सिर रखता हूँ | शहंशाह आलम

पीड़ा में पेड़ जब दुःख बतियाते हैं दूसरे पेड़ से

मैं बारिश के काँधे पर सिर रखता हूँ अपना

आदमी बमुश्किल दूसरे का दुःख सुनना पसंद करता है

बारिश लेकिन मेरा दुखड़ा सुनने ठहर जाती है

कभी खिड़की के पास कभी दरवाज़े पर तो कभी ओसारे में

कवि होना कितना कठिन है आज के समय में

और गिरहकट होना कितना आसान काम है

हत्यारा होना तो और भी आसान होता है

बस चाकू निकाला और घोंप डाला

सामने से आ रहे कम बातचीत करने वाले के पेट में

गिरहकट से या हत्यारे से बचाने का कोई उपाय

बारिश के पास कभी नहीं होता

हाँ, इतना उसके पास ज़रूर होता है

कि बारिश मेरे आँसुओं को छुपा लेती है अपने पानी में

ताकि मेरे क्रांतिकारी होने का भ्रम बचा रहे

इस पूरे कालखंड की कविता में।

  continue reading

409 एपिसोडस

Artwork
iconसाझा करें
 
Manage episode 405081105 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

बारिश के काँधे पर सिर रखता हूँ | शहंशाह आलम

पीड़ा में पेड़ जब दुःख बतियाते हैं दूसरे पेड़ से

मैं बारिश के काँधे पर सिर रखता हूँ अपना

आदमी बमुश्किल दूसरे का दुःख सुनना पसंद करता है

बारिश लेकिन मेरा दुखड़ा सुनने ठहर जाती है

कभी खिड़की के पास कभी दरवाज़े पर तो कभी ओसारे में

कवि होना कितना कठिन है आज के समय में

और गिरहकट होना कितना आसान काम है

हत्यारा होना तो और भी आसान होता है

बस चाकू निकाला और घोंप डाला

सामने से आ रहे कम बातचीत करने वाले के पेट में

गिरहकट से या हत्यारे से बचाने का कोई उपाय

बारिश के पास कभी नहीं होता

हाँ, इतना उसके पास ज़रूर होता है

कि बारिश मेरे आँसुओं को छुपा लेती है अपने पानी में

ताकि मेरे क्रांतिकारी होने का भ्रम बचा रहे

इस पूरे कालखंड की कविता में।

  continue reading

409 एपिसोडस

सभी एपिसोड

×
 
Loading …

प्लेयर एफएम में आपका स्वागत है!

प्लेयर एफएम वेब को स्कैन कर रहा है उच्च गुणवत्ता वाले पॉडकास्ट आप के आनंद लेंने के लिए अभी। यह सबसे अच्छा पॉडकास्ट एप्प है और यह Android, iPhone और वेब पर काम करता है। उपकरणों में सदस्यता को सिंक करने के लिए साइनअप करें।

 

त्वरित संदर्भ मार्गदर्शिका