Artwork

Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal
Player FM - पॉडकास्ट ऐप
Player FM ऐप के साथ ऑफ़लाइन जाएं!

Andhera Bhi Ek Darpan Hai | Anupam Singh

2:29
 
साझा करें
 

Manage episode 420865971 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

अँधेरा भी एक दर्पण है | अनुपम सिंह

अँधेरा भी एक दर्पण है

साफ़ दिखाई देती हैं सब छवियाँ

यहाँ काँटा तो गड़ता ही है

फूल भी भय देता है

कभी नहीं भूली अँधेरे में गही बाँह

पृथ्वी सबसे उच्चतम बिन्दु पर काँपी थी

जल काँपा था काँपे थे सभी तत्त्व

वह भी एक महाप्रलय था

आँधेरे से सन्धि चाहते दिशागामी पाँव

टकराते हैं आकाश तक खिंचे तम के पर्दे से

जीवन-मृत्यु और भय का इतना रोमांच!

भावों की पराकाष्ठा है यह अँधेरा

अँधेरे की घाटी में सीढ़ीदार उतरन नहीं होती

सीधे ही उतरना पड़ता है मुँह के बल

अँधेरे के आँसू वही देखता है

जिसके होती है अँधेरे की आँख।

उजाले के भ्रम से कहीं अच्छा है

इस दर्पण को निहारते

देखूँ काँपती पृथ्वी को

तत्वों के टकराव को

अँधेरे की देह धर उतरूँ उस बिन्दु पर

जहाँ सृजित होता है अँधेरा

तो उजाले में मेरी लाश आएगी

यह कविता के लिए जीवन होगा।

  continue reading

594 एपिसोडस

Artwork
iconसाझा करें
 
Manage episode 420865971 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

अँधेरा भी एक दर्पण है | अनुपम सिंह

अँधेरा भी एक दर्पण है

साफ़ दिखाई देती हैं सब छवियाँ

यहाँ काँटा तो गड़ता ही है

फूल भी भय देता है

कभी नहीं भूली अँधेरे में गही बाँह

पृथ्वी सबसे उच्चतम बिन्दु पर काँपी थी

जल काँपा था काँपे थे सभी तत्त्व

वह भी एक महाप्रलय था

आँधेरे से सन्धि चाहते दिशागामी पाँव

टकराते हैं आकाश तक खिंचे तम के पर्दे से

जीवन-मृत्यु और भय का इतना रोमांच!

भावों की पराकाष्ठा है यह अँधेरा

अँधेरे की घाटी में सीढ़ीदार उतरन नहीं होती

सीधे ही उतरना पड़ता है मुँह के बल

अँधेरे के आँसू वही देखता है

जिसके होती है अँधेरे की आँख।

उजाले के भ्रम से कहीं अच्छा है

इस दर्पण को निहारते

देखूँ काँपती पृथ्वी को

तत्वों के टकराव को

अँधेरे की देह धर उतरूँ उस बिन्दु पर

जहाँ सृजित होता है अँधेरा

तो उजाले में मेरी लाश आएगी

यह कविता के लिए जीवन होगा।

  continue reading

594 एपिसोडस

सभी एपिसोड

×
 
Loading …

प्लेयर एफएम में आपका स्वागत है!

प्लेयर एफएम वेब को स्कैन कर रहा है उच्च गुणवत्ता वाले पॉडकास्ट आप के आनंद लेंने के लिए अभी। यह सबसे अच्छा पॉडकास्ट एप्प है और यह Android, iPhone और वेब पर काम करता है। उपकरणों में सदस्यता को सिंक करने के लिए साइनअप करें।

 

त्वरित संदर्भ मार्गदर्शिका