हिन्दी भक्ति गीत, भजन, कीर्तन, आरती, चालीसा - शब्द एवं गान bhajans.ramparivar.com
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“If you want to live a happy life, tie it to a goal, not to people or things.”
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यू ट्यूब के "भोला कृष्णा चेनल " में उपलब्ध - व्ही. एन . श्रीवास्तव "भोला" द्वारा गाये भजन निःशुल्क सीखिये और जी भर के गाइए, सीखने के साथ साथ अपने इष्ट को रिझाइये, मन वांछित फल पाइये इन में से अनेक भजनों के लिखने और गाने की प्रेरणा पारम्परिक रचनाओं से मिली है, पुरातन उन सभी अज्ञेय रचनाकारों एवं संगीतज्ञों का गुरुत्व शिरोधार्य है ! अंजनी सुत हे पवन द…
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Day 11 🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.13 (Chapter 1, Verse 13).
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1:04Day 11 🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.13 (Chapter 1, Verse 13).
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Day 10 🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.12 (Chapter 1, Verse 12).
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1:06Day 10 🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.12 (Chapter 1, Verse 12).
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Day 9 🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.11 (Chapter 1, Verse 11).
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1:08Day 9 🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.11 (Chapter 1, Verse 11).
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Day 8 🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.10 (Chapter 1, Verse 10)
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1:09Day 8 🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.10 (Chapter 1, Verse 10)
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Day 7 🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.9 (Chapter 1, Verse 9) .
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1:14Day 7 🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.9 (Chapter 1, Verse 9)
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Day 6 🌸 BHAGAVAD GITA SHLOΚΑ 1.8 (Chapter 1, Verse 8)
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1:13Day 6 🌸 BHAGAVAD GITA SHLOΚΑ 1.8 (Chapter 1, Verse 8)
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Day 5 🌸 BHAGAVAD GITA SHLOΚΑ 1.7 (Chapter 1, Verse 7)
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1:02Day 5 🌸 BHAGAVAD GITA SHLOΚΑ 1.7 (Chapter 1, Verse 7)
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Day 4🌸 BHAGAVAD GITA SHLOΚΑ 1.4, 1.5, 1.6 (Chapter 1, Verse 4,5,6)
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1:19BHAGAVAD GITA SHLOΚΑ 1.4, 1.5, 1.6 (Chapter 1, Verse 4,5,6)
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Day3 🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.3 (Chapter 1, Verse 3)
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1:15BHAGAVAD GITA Shloka 1.3 (Chapter 1, Verse 3) ....#krishna #radhakrishna #harekrishna #radheradhe #love #radhekrishna #vrindavan #lordkrishna #radha #india #iskcon #radhe #hindu #god #kanha #radharani #krishnalove #mahadev #hinduism #mahabharat #shiva #bhakti #krishnaconsciousness #radhakrishn #radheshyam #jaishreekrishna #instagram #bhagavadgita #…
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Day 2🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.2 (Chapter 1, Verse 2)
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1:26Shloka 1.2 (Chapter 1, Verse 2)
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Day 1🌸 BHAGAVAD GITA Shloka 1.1 (Chapter 1, Verse 1)
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1:16BHAGAVAD GITA SHLOKA MEANING AND LIFE LESSON Shloka 1.1 (Chapter 1, Verse 1)
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डगमग डगमग डोले नैया पार लगावो तो जानूँ खेवैया चंचल चित्त को मोह ने घेरा, पग-पग पर है पाप का डेरा, लाज रखो तो लाज रखैया पार लगावो तो जानूँ खेवैया छाया चारों ओर अँधेरा, तुम बिन कौन सहारा मेरा, हाथ पकड़ कर बंसी बजैया पार लगावो तो जानूँ खेवैया भक्तों ने तुमको मनाया भजन से, मैं तो रिझाऊँ तुम्हें आँसुवन से, गिरतों को आ के उठावो कन्हैया पार लगावो तो जानूँ …
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ये बिनती रघुबीर गुसांई, और आस बिस्वास भरोसो, हरो जीव जड़ताई, चहौं न कुमति सुगति संपति कछु, रिधि सिधि बिपुल बड़ाई, हेतू रहित अनुराग राम पद बढै अनुदिन अधिकाई, कुटील करम लै जाहिं मोहिं जहं जहं अपनी बरिआई, तहं तहं जनि छिन छोह छांडियो कमठ-अंड की नाईं, या जग में जहं लगि या तनु की प्रीति प्रतीति सगाई, ते सब तुलसी दास प्रभु ही सों होहिं सिमिटि इक ठाईं, Lis…
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चितचोरन छबि रघुबीर की। बसी रहति निसि बासर हिय में बिहरनि सरजू तीर की । चितचोरन छबि रघुबीर की... उर मणि माल पीत पट राजत चलनि मस्त गज गीर की । चितचोरन छबि रघुबीर की... सिया अलि लखि अवध छैल छबि सुधि नहीं भूषण चीर की । चितचोरन छबि रघुबीर की... Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
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ऐसो को उदार जग माहीं । बिनु सेवा जो द्रवै दीन पर, राम सरस कोउ नाहीं ॥ जो गति जोग बिराग जतन करि, नहिं पावत मुनि ज्ञानी । सो गति देत गीध सबरी कहँ, प्रभु न बहुत जिय जानी ॥ जो संपति दस सीस अरप करि, रावण सिव पहँ लीन्हीं । सो संपदा विभीषण कहँ अति सकुच-सहित हरि दीन्हीं ॥ तुलसीदास सब भांति सकल सुख जो चाहसि मन मेरो । तो भजु राम, काम सब पूरन करहि कृपानिधि ते…
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नाथ मेरो कहा बिगरेगो जायेगी लाज तुम्हारी भूमि बिहीन पाण्डव सुत डोले, जब ते धरमसुत हारे रही है ना पैज प्रबल पारथ की, कि भीम गदा महि डारी, नाथ मेरो कहा बिगरेगो ... शूर समूह भूप सब बैठे, बड़े बड़े प्रणधारी, भीष्म द्रोण कर्ण दुशासन, जिन्ह मोपे आपत डारी, नाथ मेरो कहा बिगरेगो ... तुम तो दीनानाथ कहावत, मैं अति दीन दुखारी, जैसे जल बिन मीन जो तड़पै, सोई गति भ…
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सुनि कान्हा तेरी बांसुरी, बांसुरी तेरी जादू भरी॥ सारा गोकुल लगा झूमने, क्या अजब मोहिनी छा गयी, मुग्ध यमुना थिरकने लगी, तान बंसी की तड़पा गयी, छवि मन में बसी सांवरी। सुनि कान्हा तेरी बांसुरी बांसुरी तेरी जादू भरी हौले से कोई धुन छेड़ के, तेरी मुरली तो चुप हो गयी, सात सुर भंवर में कहीं, मेरे मन की तरी खो गयी, मैं तो जैसे हुई बावरी। सुनि कान्हा तेरी ब…
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म्हाणे चाकर राखो जी, गिरधारी ... चाकर रहस्यूँ बाग लगास्यूँ नित उठ दरशन पास्यूँ। वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में गोविन्द लीला गास्यूँ। म्हाणे चाकर राखो जी, गिरधारी ... ऊँचे ऊँचे महल बनाऊँ बिच बिच राखूँ क्यारी। साँवरिया के दरशन पाऊँ पहर कुसुम्बी साड़ी। म्हाणे चाकर राखो जी, गिरधारी ... मीराँ के प्रभु गहर गम्भीरा हृदय धरो री धीरा। आधी रात प्रभु दरशन दीन्हे …
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Click here to listen to bhajan in the voice of Dr. Uma Shrivastav यदि नाथ का नाम दयानिधि है, तो दया भी करेंगे कभी न कभी । दुखहारी हरी, दुखिया जन के, दुख क्लेश हरेगें कभी न कभी । जिस अंग की शोभा सुहावनी है, जिस श्यामल रंग में मोहनी है । उस रूप सुधा से स्नेहियों के, दृग प्याले भरेगें कभी न कभी । जहां गीध निषाद का आदर है, जहां व्याध अजामिल का घर है । …
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नमो अंजनिनंदनं वायुपूतम् सदा मंगलाकर श्रीरामदूतम् । महावीर वीरेश त्रिकाल वेशम् घनानन्द निर्द्वन्द हर्तां कलेशम् । नमो अंजनिनंदनं वायुपूतम् सदा मंगलाकर श्रीरामदूतम् । संजीवन जड़ी लाय नागेश काजे गयी मूर्च्छना रामभ्राता निवाजे। सकल दीन जन के हरो दुःख स्वामी नमो वायुपुत्रं नमामि नमामि। नमो अंजनि नंदनं वायुपूतम् सदा मंगलागार श्री राम दूतम् । Listen to B…
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रघुवर तेरो ही दास कहाऊँ तेरो नाम जपूँ निसि वासर तेरो ही गुण गाऊँ रघुवर तेरो ही दास कहाऊँ तुम ही मेरे प्राण जीवन धन तुम तजि अनत न जाऊँ तुम्हरे चरण कमल को भज कर रतन हरि सुख पाऊँ रघुवर तेरो ही दास कहाऊँ Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.द्वारा Shri Ram Parivar
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साधो, मन का मान त्यागो। काम, क्रोध, संगत दुर्जन की, इनसे अहि निशि भागो, साधो, मन का मान त्यागो… सु:ख-दुःख दोऊ सम करि जानो, और मान अपमाना, हर्ष-शोक से रहै अतीता, तीनों तत्व पहचाना, साधो, मन का मान त्यागो… अस्तुति निंदा दोऊ त्यागो, जो है परमपद पाना, जन नानक यह खेल कठिन है, सद्गुरु के गुन गाना, साधो, मन का मान त्यागो… alternate अस्तुति निंदा दोऊ त्याग…
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प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर, प्रभु को नियम बदलते देखा । उनका मान भले टल जाए, भक्त का मान न टलते देखा ॥ जिनकी केवल कृपा दृष्टि से, सकल सृष्टि को पलते देखा । उनको गोकुल के गोरस पर, सौ-सौ बार मचलते देखा ॥ प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर… जिनके चरण कमल कमला के, करतल से न निकलते देखा । उनको बृज करील कुञ्जों में, कंटक पथ पर चलते देखा ॥ प्रबल प्रेम के पाले पड़ …
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अब तो माधव मोहे उबार | दिवस बीते रैन बीती, बार बार पुकार || नाव है मझधार भगवान्, तीर कैसे पाए, घिरी है घनघोर बदली पार कौन लगाये | काम क्रोध समेत तृष्णा, रही पल छिन घेर, नाथ दीनानाथ कृष्ण मत लगाओ देर | दौड़ कर आये बचाने द्रौपदी की लाज, द्वार तेरा छोड़ के किस द्वार जाऊं आज | Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
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रघुवर तुमको मेरी लाज । सदा सदा मैं शरण तिहारी, तुम हो गरीब निवाज़ ॥ पतित उधारण विरद तिहारो, श्रवनन सुनी आवाज । तुमको मेरी लाज, रघुवर तुमको मेरी लाज … हौँ तो पतित पुरातन कहिए, पार उतारो जहाज ॥ तुलसीदास पर किरपा कीजै, भगति दान देहु आज ॥ तुमको मेरी लाज, रघुवर तुमको मेरी लाज … अघ खंडन दुःख भन्जन जन के, यही तिहारो काज । तुमको मेरी लाज, रघुवर तुमको मेरी …
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मंगल मूरति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे, हे बजरंगबली हनुमान, हे महावीर करो कल्याण, हे महावीर करो कल्याण ॥ तीनों लोक तेरा उजियारा, दुखियों का तूने काज सँवारा, हे जगवंदन केसरीनंदन, कष्ट हरो हे कृपानिधान ॥ मंगल मूरति राम दुलारे… तेरे द्वारे जो भी आया, खाली नहीं कोई लौटाया, दुर्गम काज बनावन हारे, मंगलमय दीजो वरदान ॥ मंगल मूरति राम दुलारे… तेरा सु…
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गोविंद कबहुं मिलै पिया मेरा॥ चरण-कंवल को हंस-हंस देखूं राखूं नैणां नेरा। गोविंद, राखूं नैणां नेरा। गोविंद कबहुं मिलै पिया मेरा॥ निरखणकूं मोहि चाव घणेरो कब देखूं मुख तेरा। गोविंद, कब देखूं मुख तेरा। गोविंद कबहुं मिलै पिया मेरा॥ व्याकुल प्राण धरत नहिं धीरज मिल तूं मीत सबेरा। गोविंद, मिल तूं मीत सबेरा। गोविंद कबहुं मिलै पिया मेरा॥ मीरा के प्रभु गिरधर …
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Click here to listen to the bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में. उद्धार पतन अब मेरा है, भगवान तुम्हारे हाथों में. अब सौंप दिया इस जीवन का… हम तुमको कभी नहीं भजते, फिर भी तुम हमें नहीं तजते. अपकार हमारे हाथों में, उपकार तुम्हारे हाथों में. अब सौंप दिया इस जीवन का… हम में तुम में है भेद यही, हम नर हैं…
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Click here to listen to the bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava भगवान मेरी नैया उस पार लगा देना । अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना ॥ दल बल के साथ माया, घेरे जो मुझको आ कर । तो देखते न रहना, झट आ के बचा लेना ॥ भगवान मेरी नैया उस पार लगा देना । संभव है झंझटों में मैं तुमको भूल जाऊं । पर नाथ कहीं तुम भी मुझको ना भुला देना ॥ भगवान मेरी नैया उस पार ल…
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Click here to listen to the bhajan by Dr. Uma Shrivastav यही हरि भक्त कहते हैं, यही सद्-ग्रन्थ गाते हैं । कि जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते हैं ॥ नहीं स्वीकार करते हैं निमंत्रण नृप सुयोधन का । विदुर के घर पहुंचकर भोग छिलकों का लगाते हैं ॥ कि जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते हैं । यही हरि भक्त कहते हैं, यही सद्-ग्रन्थ गाते हैं ॥ न आये मधुपुर…
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कान्हा तोरी जोहत रह गई बाट । जोहत जोहत एक पग ठानी, कालिंदी के घाट, कान्हा तोरी जोहत रह गई बाट । झूठी प्रीत करी मनमोहन, या कपटी की बात, कान्हा तोरी जोहत रह गई बाट । मीरा के प्रभु गिरघर नागर, दे गियो बृज को चाठ, कान्हा तोरी जोहत रह गई बाट । Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
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अबकी टेक हमारी, लाज राखो गिरिधारी। जैसी लाज रखी पारथ की, भारत जुद्ध मंझारी। सारथि होके रथ को हांक्यो, चक्र-सुदर्शन-धारी। भगत की टेक न टारी। अबकी टेक हमारी… जैसी लाज रखी द्रौपदि की, होन्हिं न दीन्हिं उघारी। खैंचत खैंचत दोऊ भुज थाके, दु:शासन पचि हारी। चीर बढ़ायो मुरारी । अबकी टेक हमारी… सूरदास की लज्जा राखो, अब को है रखवारी ? राधे राधे श्रीवर-प्यारी …
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किसकी शरण में जाऊं अशरण शरण तुम्हीं हो ॥ गज ग्राह से छुड़ाया प्रह्लाद को बचाया। द्रौपदी का पट बढ़ाया निर्बल के बल तुम्हीं हो ॥ अति दीन था सुदामा आया तुम्हारे धामा। धनपति उसे बनाया निर्धन के धन तुम्हीं हो ॥ तारा सदन कसाई अजामिल की गति बनाई। गणिका सुपुर पठाई पातक हरण तुम्हीं हो ॥ मुझको तो हे बिहारी आशा है बस तुम्हारी। काहे सुरति बिसारी मेरे तो एक तुम…
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तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी। हौं प्रसिद्ध पातकी, तू पाप-पुंज-हारी॥ नाथ तू अनाथ को, अनाथ कौन मोसो। मो समान आरत नहिं, आरतिहर तोसो॥ ब्रह्म तू, हौं जीव, तू है ठाकुर, हौं चेरो। तात-मात, गुरु-सखा, तू सब विधि हितु मेरो॥ तोहिं मोहिं नाते अनेक, मानियै जो भावै। ज्यों त्यों तुलसी कृपालु! चरन-सरन पावै॥ Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava…
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जो भजे हरि को सदा सो परम पद पायेगा .. देह के माला तिलक और भस्म नहिं कुछ काम के . प्रेम भक्ति के बिना नहिं नाथ के मन भायेगा .. जो भजे हरि को सदा सो परम पद पायेगा .. दिल का दर्पण साफ कर और दूर कर अभिमान को . खाक हो गुरु के चरण की फिर जनम नहीं पायेगा .. जो भजे हरि को सदा सो परम पद पायेगा .. छोड़ दुनिया के मज़े और बैठ कर एकांत में . ध्यान धर हरि के चरण…
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श्याम आये नैनों में बन गयी मैं साँवरी शीश मुकुट बंसी अधर रेशम का पीताम्बर पहने है वनमाल, सखी सलोनो श्याम सुन्दर कमलों से चरणों पर जाऊँ मैं वारि री मैं तो आज फूल बनूँ धूप बनूँ दीप बनूँ गाते गाते गीत सखी आरती का दीप बनूँ आज चढ़ूँ पूजा में बन के एक पाँखुड़ी Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
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AZADI KI AMRIT MAHOTSAV :- INDEPENDENCE DAY
1:30
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1:30“Ask not what your country can do for you. Ask what you can do for your country!”– Happy Independence Day
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KAL KI HI BAAT HAI || FAREWELL SPECIAL 20-21 || OUR SCHOOL LIFE
4:11
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4:11🥺Whether it’s a simple goodbye to a friend before vacation or farewell to a coworker leaving for a new job—goodbye’s aren’t easy. Sometimes finding the right words to send someone off can be tricky. So if you’re not quite sure what to say, we’re here to help.,🙂🎉
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CLASS 11th COMMERCE STUDENTS (SESSION: 2021-22) 🔥BE READY TO ROCK THIS SESSION🔥|| PRANJAL THAKUR
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23:52BE POSITIVE AND BE MOTIVATED
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😊"Each of us must confront our own fears, must come face to face with them. How we handle our fears will determine where we go with the rest of our lives. To experience adventure or to be limited by the fear of it."--Judy Blume🙂
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Listen to this Holi `Holi aayii re kaanhaa brij ke basiya' in the voice of Dr. Uma Shrivastava होलीआई रे कान्हा बृज के बसिया होलीआई रे कान्हा… आज बिरज में धूम मची है, सब मिल खेलें होली झांझ मृदङ्ग मंजीरा बाजे, नाचे छोरा छोरी ऐसी धूम मची बृज में रसिया होलीआई रे कान्हा… अपने अपने घर से निकसी, कोई श्यामल कोई गोरी, किसी के हाथ गुलाल पिटारी कोई मारे पिच…
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Listen to the Holi `Ram Janki ki Hori` sung by Shri Vibhu Varma राम-जानकी की होरी (२) जनकपुर देखन चलो री, राम-जानकी की होरी… कौशल भूषण इत रघुनन्दन, उत मिथिलेश किशोरी, (२) सखा राम के, सखी सिया की, (२) कैसा ये फाग रचो री, जुगल छवि आज लखो री, राम जानकी की होरी… लपक झपक सीता ने लक्ष्मण, पकड़ लिये बरजोरी, (२) कहां गये वो धनुष बाण अब, (२) बेंदी माथे धरो …
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Listen to the Holi `Holi Aaj jale chahe kaal jale` in the voice of Shri Abhay Shrivastava. होली आज जले चाहे काल जले (२) मोरा श्याम सुन्दर मोसे आन मिले (२) होली आज जले ... जब सब सखियाँ श्रृंगार करत हैं, मैं बिरहन बिरहा से जलूँ सखी मैं बिरहन बिरहा से जलूँ होली आज जले ... सब के पिया घर ही बसत हैं, हमरे पिया परदेस बसे री सखी हमरे पिया परदेस बसे होली आज…
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Listen to the Holi, Mohan Ajab Khilari` in the voice of Shri Abhay Shrivastava मोहन अजब खिलाड़ी, देखो होली कौतुक भारी मोहन अजब... नर तन धर सोई नट नागर, श्री वृषभानु दुलारी, (२) दिखलावत नित नये तमाशे, (२) चतुरन बहुत विचारी, बुद्धि सबकी पचि हारी मोहन अजब... मन मटकी भर प्रेम रंग से, सुचिता की पिचकारी (२) तक तक मारिये श्याम सुंदर पर, (२) चूके न अवसर भा…
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Listen to the Holi, Biraj me dhoom machayo Kanha in the voice of Shri V N Shrivastav, Bhola. बिरज में धूम मचायो कान्हा (2) बिरज में धूम … बिरज में धूम मचायो कान्हा बिरज में धूम … कैसे कैसे जाऊँ, कैसे कैसे जाऊँ, अपने धाम बिरज में धूम मचायो कान्हा (2) बिरज में धूम … कैसे कैसे जाऊँ, मैं, कैसे कैसे जाऊँ, अपने धाम बिरज में धूम मचायो कान्हा (2) बिरज में …
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राम परिवार में गाये जाने वाले पारंपरिक होली गीत बिरज में धूम मचायो कान्हा मैं तो रंगी तुम ही रंग प्यारे मोहन अजब खिलाड़ी राम जानकी की होरी होरी खेलत गिरधारी होली आज जले चाहे काल जले होली आयी रे कान्हा बृज के बसियाद्वारा Shri Ram Parivar
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Bhajan: Ram Bhaja so Jeeta Jag Me Listen to the bhajan sung by Shri V N Shrivastav 'Bhola' राम भजा सो जीता जग में, राम भजा सो जीता रे। हृदय शुद्ध नही कीन्हों मूरख, कहत सुनत दिन बीता रे। राम भजा सो जीता जग में ... हाथ सुमिरनी, पेट कतरनी, पढ़ै भागवत गीता रे। हिरदय सुद्ध किया नहीं बौरे, कहत सुनत दिन बीता रे। राम भजा सो जीता जग में ... और देव की पूजा …
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Listen to VNS 'Bhola' teaching the bhajan to Prarthana & Chhavi. ये सब तुम्हारी मैहर है प्यारे, ये सब तुम्हारी मैहर है बाबा, कि अब भी महफिल जमी हुई है । जहाँ भी देखूँ जिधर भी देखूँ, तुम्हारी मूरत/सूरत पड़े दिखाई । यहाँ के हर शय में प्यारे बाबा, तुम्हारी ख़ुशबू भरी हुई है ॥ ये सब तुम्हारी मैहर है बाबा, कि अब भी महफिल जमी हुई है । जो आँख मूदूँ तो यूँ ल…
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Dhun: aate bhi Ram bolo, jaate bhi Ram bolo Listen in the Voice of Shri VNS Bhola वृद्धि आस्तिक भाव की शुभ मंगल संचार । अभ्युदय सद्धर्म का राम नाम विस्तार ॥ (३) गुरु को करिए वंदना, भाव से बारम्बार । नाम सुनौका से किया, जिसने भव से पार ॥ कर्म धर्म का बोध दे, जिसने बताया राम । उसके चरण सरोज को, नतशिर हो प्रणाम ॥ वारे जाऊं संत के, जो देवे शुभ नाम । ब…
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