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Threshold is a Peabody Award-winning documentary podcast about our place in the natural world. Each season, we take listeners on a journey into the heart of a complex environmental story, asking how we got here and where we might be headed. In our latest season, Hark, we hand the mic over to our planet-mates and investigate what it means to truly listen to nonhuman voices—and the cost if we don't. With mounting social and ecological crises, what happens when we tune into the life all around us? Threshold is nonprofit, listener-supported, and independently produced.
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यू ट्यूब के "भोला कृष्णा चेनल " में उपलब्ध - व्ही. एन . श्रीवास्तव "भोला" द्वारा गाये भजन निःशुल्क सीखिये और जी भर के गाइए, सीखने के साथ साथ अपने इष्ट को रिझाइये, मन वांछित फल पाइये इन में से अनेक भजनों के लिखने और गाने की प्रेरणा पारम्परिक रचनाओं से मिली है, पुरातन उन सभी अज्ञेय रचनाकारों एवं संगीतज्ञों का गुरुत्व शिरोधार्य है ! अंजनी सुत हे पवन दुलारे , हनुमत लाल राम के प्यारे !! शब्द स्वर = भोला अब तुम कब सुमिरोगे राम जिवडा दो दिन को मेहमान !! पारंपरिक - एमपी3 गुरु की कृपा दृष्टि हो जिसपर !! शब्द स्वर = भोला गुरु चरनन में ध्यान लगाऊँ !! प्रेरणा स्रोत - पंडित जसराज गुरु बिन कौन सम्हारे !! शब्द स्वर = भोला जय शिव शंकर औगढ़ दानी, विश्वनाथ विश्वम्भर स्वामी !! शब्द स्वर = भोला तुझसे हमने दिल है लगाया !! शब्द स्वर = भोला तेरे चरणों में प्यारे अय पिता !! प्रेरणा - राधास्वामी सत्संग - स्वर = भोला दाता राम दिए ही जाता, भिक्षुक मन पर नहीं अघाता !! शब्द स्वर = भोला पायो निधि राम नाम !! शब्द स्वर - व्ही के मेहरोत्रा तथा भोला बिरज में धूम मचायो कान्हा !! होली !! = स्वर भोला रहे जनम जनम तेरा ध्यान यही वर दो मेरे राम !! प्रेरणा पारम्परिक - शब्द-स्वर = भोला राम बोलो राम !! शब्द स्वर = भोला राम राम काहे ना बोले !! प्रेरणा - मिश्र बन्धु - संशोधित शब्द एवं स्वर = भोला राम राम बोलो !! शब्द स्वर = भोला - एमपी3 राम हि राम बस राम हि राम, और नाही काहू सों काम !! शब्द स्वर = भोला रोम रोम में रमा हुआ है मेरा राम रमैया तू !! शब्द स्वर = भोला शंकर शिव शम्भु साधु संतन सुखकारी !! शब्द स्वर = भोला श्याम आये नैनों में बन गयी मैं सांवरी !! प्रेरणा - आकाशवाणी = स्वर - भोला हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम !! पारंपरिक - स्वर = भोला ============================= महावीर बिनवउँ हनुमाना से साभार उद्धृत…
डगमग डगमग डोले नैया पार लगावो तो जानूँ खेवैया चंचल चित्त को मोह ने घेरा, पग-पग पर है पाप का डेरा, लाज रखो तो लाज रखैया पार लगावो तो जानूँ खेवैया छाया चारों ओर अँधेरा, तुम बिन कौन सहारा मेरा, हाथ पकड़ कर बंसी बजैया पार लगावो तो जानूँ खेवैया भक्तों ने तुमको मनाया भजन से, मैं तो रिझाऊँ तुम्हें आँसुवन से, गिरतों को आ के उठावो कन्हैया पार लगावो तो जानूँ खेवैया Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
ये बिनती रघुबीर गुसांई, और आस बिस्वास भरोसो, हरो जीव जड़ताई, चहौं न कुमति सुगति संपति कछु, रिधि सिधि बिपुल बड़ाई, हेतू रहित अनुराग राम पद बढै अनुदिन अधिकाई, कुटील करम लै जाहिं मोहिं जहं जहं अपनी बरिआई, तहं तहं जनि छिन छोह छांडियो कमठ-अंड की नाईं, या जग में जहं लगि या तनु की प्रीति प्रतीति सगाई, ते सब तुलसी दास प्रभु ही सों होहिं सिमिटि इक ठाईं, Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
ऐसो को उदार जग माहीं । बिनु सेवा जो द्रवै दीन पर, राम सरस कोउ नाहीं ॥ जो गति जोग बिराग जतन करि, नहिं पावत मुनि ज्ञानी । सो गति देत गीध सबरी कहँ, प्रभु न बहुत जिय जानी ॥ जो संपति दस सीस अरप करि, रावण सिव पहँ लीन्हीं । सो संपदा विभीषण कहँ अति सकुच-सहित हरि दीन्हीं ॥ तुलसीदास सब भांति सकल सुख जो चाहसि मन मेरो । तो भजु राम, काम सब पूरन करहि कृपानिधि तेरो ॥ Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
नाथ मेरो कहा बिगरेगो जायेगी लाज तुम्हारी भूमि बिहीन पाण्डव सुत डोले, जब ते धरमसुत हारे रही है ना पैज प्रबल पारथ की, कि भीम गदा महि डारी, नाथ मेरो कहा बिगरेगो ... शूर समूह भूप सब बैठे, बड़े बड़े प्रणधारी, भीष्म द्रोण कर्ण दुशासन, जिन्ह मोपे आपत डारी, नाथ मेरो कहा बिगरेगो ... तुम तो दीनानाथ कहावत, मैं अति दीन दुखारी, जैसे जल बिन मीन जो तड़पै, सोई गति भई हमारी, नाथ मेरो कहा बिगरेगो ... मम पति पांच, पांचन के तुम पति, मो पत काहे बिसारी, सूर श्याम पाछे पछितहिओ, कि जब मोहे देखो उघारी, नाथ मेरो कहा बिगरेगो ... Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
सुनि कान्हा तेरी बांसुरी, बांसुरी तेरी जादू भरी॥ सारा गोकुल लगा झूमने, क्या अजब मोहिनी छा गयी, मुग्ध यमुना थिरकने लगी, तान बंसी की तड़पा गयी, छवि मन में बसी सांवरी। सुनि कान्हा तेरी बांसुरी बांसुरी तेरी जादू भरी हौले से कोई धुन छेड़ के, तेरी मुरली तो चुप हो गयी, सात सुर भंवर में कहीं, मेरे मन की तरी खो गयी, मैं तो जैसे हुई बावरी। सुनि कान्हा तेरी बांसुरी, बांसुरी तेरी जादू भरी। Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
Click here to listen to bhajan in the voice of Dr. Uma Shrivastav यदि नाथ का नाम दयानिधि है, तो दया भी करेंगे कभी न कभी । दुखहारी हरी, दुखिया जन के, दुख क्लेश हरेगें कभी न कभी । जिस अंग की शोभा सुहावनी है, जिस श्यामल रंग में मोहनी है । उस रूप सुधा से स्नेहियों के, दृग प्याले भरेगें कभी न कभी । जहां गीध निषाद का आदर है, जहां व्याध अजामिल का घर है । वही वेश बनाके उसी घर में, हम जा ठहरेगें कभी न कभी । करुणानिधि नाम सुनाया जिन्हें, कर्णामृत पान कराया जिन्हें । सरकार अदालत में ये गवाह, सभी गुजरेगें कभी न कभी । हम द्वार में आपके आके पड़े, मुद्दत से इसी जिद पर हैं अड़े । भव-सिंधु तरे जो बड़े से बड़े, तो ये 'बिन्दु' तरेगें कभी न कभी ।…
साधो, मन का मान त्यागो। काम, क्रोध, संगत दुर्जन की, इनसे अहि निशि भागो, साधो, मन का मान त्यागो… सु:ख-दुःख दोऊ सम करि जानो, और मान अपमाना, हर्ष-शोक से रहै अतीता, तीनों तत्व पहचाना, साधो, मन का मान त्यागो… अस्तुति निंदा दोऊ त्यागो, जो है परमपद पाना, जन नानक यह खेल कठिन है, सद्गुरु के गुन गाना, साधो, मन का मान त्यागो… alternate अस्तुति निंदा दोऊ त्यागो, खोजो पद निरवाना, जन नानक यह खेल कठिन है, कोऊ गुरुमुख जाना, साधो, मन का मान त्यागो… Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
रघुवर तेरो ही दास कहाऊँ तेरो नाम जपूँ निसि वासर तेरो ही गुण गाऊँ रघुवर तेरो ही दास कहाऊँ तुम ही मेरे प्राण जीवन धन तुम तजि अनत न जाऊँ तुम्हरे चरण कमल को भज कर रतन हरि सुख पाऊँ रघुवर तेरो ही दास कहाऊँ Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.
नमो अंजनिनंदनं वायुपूतम् सदा मंगलाकर श्रीरामदूतम् । महावीर वीरेश त्रिकाल वेशम् घनानन्द निर्द्वन्द हर्तां कलेशम् । नमो अंजनिनंदनं वायुपूतम् सदा मंगलाकर श्रीरामदूतम् । संजीवन जड़ी लाय नागेश काजे गयी मूर्च्छना रामभ्राता निवाजे। सकल दीन जन के हरो दुःख स्वामी नमो वायुपुत्रं नमामि नमामि। नमो अंजनि नंदनं वायुपूतम् सदा मंगलागार श्री राम दूतम् । Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर, प्रभु को नियम बदलते देखा । उनका मान भले टल जाए, भक्त का मान न टलते देखा ॥ जिनकी केवल कृपा दृष्टि से, सकल सृष्टि को पलते देखा । उनको गोकुल के गोरस पर, सौ-सौ बार मचलते देखा ॥ प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर… जिनके चरण कमल कमला के, करतल से न निकलते देखा । उनको बृज करील कुञ्जों में, कंटक पथ पर चलते देखा ॥ प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर… जिनका ध्यान विरंचि शम्भु सनकादिक से न सम्हलते देखा । उनको बाल सखा मंडल में, लेकर गेंद उछलते देखा ॥ प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर… जिनकी वक्र भृकुटि के भय से, सागर सप्त उबलते देखा । उनको ही यशोदा के भय से, अश्रु बिंदु दृग ढलते देखा ॥ प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर… Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
मंगल मूरति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे, हे बजरंगबली हनुमान, हे महावीर करो कल्याण, हे महावीर करो कल्याण ॥ तीनों लोक तेरा उजियारा, दुखियों का तूने काज सँवारा, हे जगवंदन केसरीनंदन, कष्ट हरो हे कृपानिधान ॥ मंगल मूरति राम दुलारे… तेरे द्वारे जो भी आया, खाली नहीं कोई लौटाया, दुर्गम काज बनावन हारे, मंगलमय दीजो वरदान ॥ मंगल मूरति राम दुलारे… तेरा सुमिरन हनुमत वीरा, नासे रोग हरे सब पीरा, राम लखन सीता मन बसिया, शरण पड़े का कीजे ध्यान ॥ मंगल मूरति राम दुलारे… Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
रघुवर तुमको मेरी लाज । सदा सदा मैं शरण तिहारी, तुम हो गरीब निवाज़ ॥ पतित उधारण विरद तिहारो, श्रवनन सुनी आवाज । तुमको मेरी लाज, रघुवर तुमको मेरी लाज … हौँ तो पतित पुरातन कहिए, पार उतारो जहाज ॥ तुलसीदास पर किरपा कीजै, भगति दान देहु आज ॥ तुमको मेरी लाज, रघुवर तुमको मेरी लाज … अघ खंडन दुःख भन्जन जन के, यही तिहारो काज । तुमको मेरी लाज, रघुवर तुमको मेरी लाज … Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.…
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