On this episode of Advances in Care , host Erin Welsh and Dr. Craig Smith, Chair of the Department of Surgery and Surgeon-in-Chief at NewYork-Presbyterian and Columbia discuss the highlights of Dr. Smith’s 40+ year career as a cardiac surgeon and how the culture of Columbia has been a catalyst for innovation in cardiac care. Dr. Smith describes the excitement of helping to pioneer the institution’s heart transplant program in the 1980s, when it was just one of only three hospitals in the country practicing heart transplantation. Dr. Smith also explains how a unique collaboration with Columbia’s cardiology team led to the first of several groundbreaking trials, called PARTNER (Placement of AoRTic TraNscatheteR Valve), which paved the way for a monumental treatment for aortic stenosis — the most common heart valve disease that is lethal if left untreated. During the trial, Dr. Smith worked closely with Dr. Martin B. Leon, Professor of Medicine at Columbia University Irving Medical Center and Chief Innovation Officer and the Director of the Cardiovascular Data Science Center for the Division of Cardiology. Their findings elevated TAVR, or transcatheter aortic valve replacement, to eventually become the gold-standard for aortic stenosis patients at all levels of illness severity and surgical risk. Today, an experienced team of specialists at Columbia treat TAVR patients with a combination of advancements including advanced replacement valve materials, three-dimensional and ECG imaging, and a personalized approach to cardiac care. Finally, Dr. Smith shares his thoughts on new frontiers of cardiac surgery, like the challenge of repairing the mitral and tricuspid valves, and the promising application of robotic surgery for complex, high-risk operations. He reflects on life after he retires from operating, and shares his observations of how NewYork-Presbyterian and Columbia have evolved in the decades since he began his residency. For more information visit nyp.org/Advances…
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...ग़ाज़ा के रफ़ाह में, इसराइल के आशंकित हमले की स्थिति में, बड़ी संख्या में लोगों की मौतें होने का डर, इस बीच भोजन नहीं मिलने के कारण, लाखों लोगों की हालत बेहद गम्भीर.महिला मज़बूती के लिए, संयुक्त राष्ट्र का एक नया कार्यक्रम, अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं में निवेश बढ़ाने की मुहिम भी.अफ़ग़ानिस्तान में अनेक आर्थिक चुनौतियों से स्थिति गम्भीर, महिलाओं पर से पाबन्दियाँ हटाए जाने की पुकार.ड्रग्स का धन्धा करने वाले आपराधिक गुटों की, ऑनलाइन मौजूदगी बढ़ने पर चिन्ता.बेहतर जीवन की तलाश में, अन्य देशों की जोखिम भरी यात्रा करने वालों के लिए, 2023 रहा सबसे घातक साल.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...ग़ाज़ा के रफ़ाह में, इसराइल के आशंकित हमले की स्थिति में, बड़ी संख्या में लोगों की मौतें होने का डर, इस बीच भोजन नहीं मिलने के कारण, लाखों लोगों की हालत बेहद गम्भीर.महिला मज़बूती के लिए, संयुक्त राष्ट्र का एक नया कार्यक्रम, अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं में निवेश बढ़ाने की मुहिम भी.अफ़ग़ानिस्तान में अनेक आर्थिक चुनौतियों से स्थिति गम्भीर, महिलाओं पर से पाबन्दियाँ हटाए जाने की पुकार.ड्रग्स का धन्धा करने वाले आपराधिक गुटों की, ऑनलाइन मौजूदगी बढ़ने पर चिन्ता.बेहतर जीवन की तलाश में, अन्य देशों की जोखिम भरी यात्रा करने वालों के लिए, 2023 रहा सबसे घातक साल.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...एआई की क्षमता चंद देशों और कम्पनियों में सीमित होना चिन्ताजनक, टैक्नॉलॉजी का लाभ हर एक व्यक्ति तक पहुँचाने की पुकारबांग्लादेश में पिछले वर्ष हुए विरोध प्रदर्शनों के क्रूर दमन में शीर्ष नेताओं की कथित भूमिका पर, यूएन मानवाधिकार कार्यालय की नई रिपोर्टग़ाज़ा पट्टी में लड़ाई पर विराम के बीच, ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनी आबादी तक सहायता पहुँचाने के प्रयासकाँगो लोकतांत्रिक गणराज्य के पूर्वी हिस्से में विद्रोहियों और सरकारी सुरक्षा बलों के बीच हिंसक टकराव से गहराया विस्थापन संकटबढ़ती वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए विज्ञान जगत में महिलाओं की भागेदारी बढ़ाने पर ज़ोर…
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...यूएन प्रमुख की, ग़ाज़ा में नस्लीय सफ़ाए से बचने की पुकार के साथ, स्थाई युद्धविराम का भी आहवान.डॉनल्ड ट्रम्प सरकार द्वारा अनेक यूएन एजेंसियों के साथ सहयोग और धन सहायता रोकने के आदेशों से व्यापक असर की आशंका.काँगो में तत्काल युद्धविराम की पुकार, मानवाधिकार उल्लंघन पर भी गम्भीर चिन्ता.महिला ख़तना पर रोक लगाने के लिए, कार्रवाई और प्रयास बढ़ाने का आहवान.प्रौद्योगिकी में तेज़ विकास की बदौलत, हवाई यातायात बढ़ने और सफ़र साफ़ व आसान होने के अनुमान.…
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य के पूर्वी हिस्से में सरकारी सुरक्षा बलों और विद्रोही गुटों में भीषण लड़ाई, आम नागरिकों के लिए गम्भीर संकट की स्थितिग़ाज़ा में युद्धविराम के बाद अपने घर लौट रहे फ़लस्तीनियों को सहायता देने में जुटी यूएन एजेंसियाँ, बड़े पैमाने पर हुई बर्बादी की वास्तविकता से मायूस हैं आम लोगयूएन महासचिव ने म्याँमार में सैन्य तख़्तापलट के चार साल पूरे होने पर, लोकतंत्र व नागरिक शासन की वापसी की पुकार लगाईएचआईवी, एड्स के उपचार के लिए समर्थन जारी रखने के अमेरिकी सरकार के निर्णय का स्वागतसशस्त्र टकरावों के दौरान आम नागरिकों को निशाना बनाया जाना और युद्ध नियमों की अवहेलना गहरी चिन्ता की वजह, भारतीय सेना में पूर्व लैफ़्टिनेंट जनरल जेएस लिद्दर के साथ एक ख़ास बातचीत…
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में आम लोगों पर इसराइल के हमलों की निन्दा, ग़ाज़ा युद्ध में भारी मुसीबत उठाने वाले बच्चों का साथ देने की पुकार भी.दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक, यूएन प्रमुख ने दुनिया के सामने गिनाईं दो प्रमुख चुनौतियाँ.अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान की दो बड़ी हस्तियों के विरुद्ध, ICC में गिरफ़्तारी वॉरंट के लिए अर्ज़ियाँ.WHO और पेरिस जलवायु सम्मेलन से, अमेरिका के हाथ खींचने पर खेद व पुनर्विचार करने की पुकारें.निरस्त्रीकरण पर उच्च प्रतिनिधि इज़ूमी नाकामित्सू के साथ बातचीत आधारित पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट.अन्तरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर, शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की महत्ता पर विशेष ज़ोर.…
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...दुनिया के सामने दरपेश हैं अभूतपूर्व चुनौतियाँ, मगर 2025 में, आशा बनाए रखने के कारण भी मौजूद, कहना है यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश का.ग़ाज़ा में युद्धविराम से हालात बेहतर होने की उम्मीद, मानवीय सहायता तेज़ करने की योजनाएँ भी.भू-राजनैतिक तनाव, जलवायु परिवर्तन की बढ़ती क़ीमत, अनसुलझे क़र्ज़ मुद्दे जैसे कारणों से श्रम बाज़ारों पर भारी दबाव, आर्थिक पुनर्बहाली की रफ़्तार धीमी.WHO ने दुनिया भर में स्वास्थ्य आपदाओं से निपटने के लिए जारी की 1.5 अरब डॉलर की अपील.भारत के ओडीशा प्रदेश में यूनीसेफ़ की मदद से बाल विवाह को रोकने में मिली ख़ास कामयाबी.…
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...युद्ध से बेहाल ग़ाज़ा पट्टी में सहायता सामग्री की भीषण क़िल्लत, ठंड के मौसम में बच्चे गँवा रहे हैं जानयूक्रेन युद्ध के तीन साल पूरे होने को, मगर शान्तिपूर्ण हल निपटारे की दिशा में प्रगति धुंधली, टकराव में ख़तरनाक तेज़ी2024 ने बनाया अब तक का सबसे गर्म साल साबित होने का रिकॉर्डविश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा, चीन में नए वायरस का फैलाव कोई बड़ा ख़तरा नहीं2025 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि की रफ़्तार 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान…
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध के क़हर से ढह रही हैं स्वास्थ्य सेवाएँ, सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में हालात पर चर्चायूएन स्वास्थ्य एजेंसी की चेतावनी, रणभूमि में तब्दील हो चुके हैं अस्पतालरूसी सैन्य बलों के आक्रमण के क़रीब तीन वर्ष बाद भी, यूक्रेन में मानवाधिकारों की चिन्ताजनक स्थितिसंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नए पाँच अस्थाई सदस्य देशों का कार्यकाल हुआ शुरूअफ़ग़ानिस्तान में ग़ैर-सरकारी संगठनों में अफ़ग़ान महिलाओं पर पाबन्दी को वापिस लिए जाने की मांगअमेरिका के न्यू ऑरलीन्स शहर में आतंकी हमले की यूएन महासचिव ने की निन्दा…
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP), दुनिया भर में खाद्य सामग्री व भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने और भुखमरी व कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए निरन्तर प्रयासरत है. भारत में यूएन खाद्य एजेंसी का सफ़र वर्ष 1963 में खाद्य सहायता व वितरण प्रयासों से शुरू हुआ, जोकि अब इन प्रणालियों को मज़बूती देने पर केन्द्रित तकनीकी सहायता प्रदान किए जाने के पड़ाव तक पहुँचा है. साल 2024 अपने समापन की ओर अग्रसर है और इसी सिलसिले में, यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा ने भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम के संचार व मीडिया प्रमुख, परविन्दर सिंह के साथ बात की. उन्होंने बताया कि 2024 में भारत सरकार के साथ सहयोग से अनेक पहल शुरू की गई, जिनके अनुभव का लाभ अन्य देशों में खाद्य असुरक्षा व कुपोषण पर पार पाने में किया जा सकता है.…
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...यमन और इसराइल के बीच बढ़ता टकराव, यूएन महासचिव ने जताई चिन्तासना हवाई अड्डे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख की मौजूदगी के दौरान इसराइली बमबारी, यूएन टीम सुरक्षितग़ाज़ा में भोजन व सहायता सामग्री की क़िल्लत, भीषण सर्दी में नवजात शिशुओं की मौतों पर क्षोभअफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तानी सैन्य बलों के हवाई हमले में बड़ी संख्या में लोगों की गई जान, यूएन मिशन ने जाँच की मांग कीवैश्विक महामारी के जोखिम से निपटने के लिए, दुनिया फ़िलहाल तैयार नहीं, यूएन महासचिव की चेतावनी 2024 में, यूएन खाद्य कार्यक्रम ने भारत सरकार के साथ मिलकर अनेक क्षेत्रों में किए साझा प्रयास…
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...ग़ाज़ा में इसराइल की लगातार भीषण बमबारी और सर्दियों की बारिश से हालात भीषण, लोग हर रोज़ धकेले जा रहे हैं मौत के मुँह में.सीरिया में नए सत्ता ढाँचे में मानवाधिकारों की गारंटी सुनिश्चित किए जाने की पुकार.कृत्रिम बुद्धिमत्ता – AI प्रौद्योगिकी की निगरानी व संचालन पर मानव नियंत्रण की हिमायत.WHO ने भारत में शुरू की, कमज़ोर नज़र वाले लोगों को मुफ़्त चश्मे मुहैया कराने की पहल.और संयुक्त राष्ट्र के नए पर्यावरण चैम्पियन्स में शामिल भारत के माधव गाडगिल के साथ सुनिएगा एक ख़ास बातचीत.…
भारत के पारिस्थितिकी तंत्र विज्ञानी माधव गाडगिल को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अपने अहम योगदान के लिए, संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान, 'पृथ्वी चैम्पियन' पुरस्कार प्रदान किया गया है. माधव गाडगिल ने दशकों तक विज्ञान की मदद से, भारत की कुछ सबसे गम्भीर पर्यावरणीय चुनौतियों के लिए स्थाई समाधान प्रस्तुत किए हैं. उन्होंने सामुदायिक ज्ञान और अपने प्रयासों के ज़रिये, पर्यावरण संरक्षण कार्रवाई को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया. यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा ने माधव गाडगिल से एक विशेष बातचीत में उनकी उपलब्धियों, उनके समाधानों और पर्यावरण की देखरेख के लिए समर्पित उनके जीवन पर विस्तार से चर्चा की.…
इस सप्ताह के बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...सीरिया में नाटकीय घटनाक्रम के बाद, शान्ति व स्थिरता पर ज़ोर. इसराइल से सीरिया में हमले बन्द करने और गोलान इलाक़ों से वापिस लौटने का आग्रह.ग़ाज़ा में इसराइली हमलों में आम लोगों की मौतें जारी, सहायता क़ाफ़िले भी हमलों की ज़द में.अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान के कड़े फ़ैसलों के बावजूद, उनके साथ बातचीत जारी रखने का सुझाव.कोविड-19 के दौरान मानव तस्करी में कमी के बाद, अब फिर से इसमें उछाल पर चिन्ता.दुनिया भर में पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के लिए बढ़ रहे हैं ख़तरे, इस वर्ष 68 पत्रकारों की मौत.सरकारों द्वारा स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर धन ख़र्च घटाने से स्वास्थ्य कवरेज के प्रयासों को झटका.…
दुनिया भर में तीन अरब लोग भूमि की ख़राब गुणवत्ता, बंजर होती ज़मीन जैसी समस्याओं और उसके प्रभावों से जूझ रहे हैं. मरुस्थलीकरण, सूखा पड़ने और भूमि क्षरण का ख़तरा निरन्तर बढ़ता जा रहा है, जिसका खाद्य सुरक्षा और लोगों की आजीविकाओं पर गहरा असर हो सकता है. मरूस्थलीकरण की चुनौती से निपटने के लिए सऊदी अरब की राजधानी रियाद में दिसम्बर में (2024) संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन आयोजित किया गया. इसी सिलसिले में, यूएन ने विश्व भर से 35 वर्ष से कम आयु के 10 भूमि नायकों का चयन किया है, जो अपने समुदायों में भूमि की बेहतर देखभाल के लिए समाधान तलाश कर रहे हैं. इनमें भारत के महाराष्ट्र प्रदेश के केन्दूर गाँव के किसान और ऐग्रो रेंजर्स नामक संस्था के प्रमुख सिद्धेश साकोरे भी हैं जो भूमि की गुणवत्ता में आ रही गिरावट को रोकने के लिए प्रयासों में जुटे हैं.रियाद में यूएन न्यूज़ के हमारे सहयोगी डैनियल डिकिन्सन ने सिद्धेश साकोरे से बात की, और सबसे पहले उनकी संस्था, उनके काम के बारे में पूछा...…
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...सीरिया में लड़ाई में अचानक आई तेज़ी, सरकारी नियंत्रण वाले इलाक़ों पर हथियारबन्द गुटों के हमले, सुरक्षित आश्रय की तलाश में ढाई लाख से अधिक लोग विस्थापितहिंसक टकराव, युद्ध से जूझ रहे देशों में जलवायु संकट की मार से हालात हुए गम्भीर, 2025 में ज़रूरतमन्दों का आँकड़ा साढ़े 30 करोड़ तक पहुँचने का अनुमानअफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, और बांग्लादेश समेत दक्षिण एशियाई देशों में साढ़े चार करोड़ बच्चों को मानवीय सहायता की आवश्यकता होने की सम्भावनाअफ़ग़ानिस्तान के निजी चिकित्सा संस्थानों में महिलाओं द्वारा प्रशिक्षण हासिल करने पर थोपी गई पाबन्दी को वापिस लेने की मांगसूखे व बंजर भूमि की समस्या से निपटने में जुटे एक भारतीय किसान सिद्देश साकोरे को मिला सम्मान…
हर वर्ष 3 दिसम्बर को अन्तरराष्ट्रीय विकलांग जन दिवस मनाया जाता है. युद्ध या टकराव के हालात हों, प्राकृतिक आपदाएँ या फिर दैनिक जीवनयापन की परिस्थितियाँ, विकलांगजन इन सभी स्थितियों में सबसे अधिक प्रभावित होते हैं और अक्सर हाशिए पर धकेले जाते हैं. खाद्य सुरक्षा, पोषक आहार एक ऐसा ही क्षेत्र है, जिसमें विकलांग जन का समावेशन बहुत ज़रूरी है ताकि न केवल पोषण की कमी से उनकी विकलांगता की पीड़ा को और अधिक बढ़ने से रोका जाए बल्कि कई मामलों में पोषण आहार का अभाव उन्हें विकलांगता के अन्धकार में धकेल देता है. भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के संचार और मीडिया प्रमुख परविन्दर सिंह ने यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा के साथ एक बातचीत में बताया कि WFP किस तरह, पोषण व खाद्य सुरक्षा में विकलांगजन का समावेशन सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार के स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम कर रही है...…
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