Artwork

Sukhnandan Bindra द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Sukhnandan Bindra या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal
Player FM - पॉडकास्ट ऐप
Player FM ऐप के साथ ऑफ़लाइन जाएं!

स्वाकथा - "रसीदी टिकट" भाग - 6 ( "Rasidi Ticket" ,Amrita Pritam's biography ,epi-6)

9:52
 
साझा करें
 

Manage episode 317080067 series 3275321
Sukhnandan Bindra द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Sukhnandan Bindra या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

दुखों की कहानियां कह -कहकर लोग थक गए थे ,पर ये कहानियां उम्र से पहले ख़त्म होने वाली नहीं थीं। मैंने लाशें देखी थीं ,लाशों जैसे लोग देखे थे ,और जब लाहौर से आकर देहरादून में पनाह ली ,तब नौकरी की और दिल्ली में रहने के लिए जगह की तलाश में दिल्ली आयी ,और जब वापसी का सफर कर रही थी ,तो चलती हुई गाड़ी में ,नींद आंखों के पास नहीं फाटक रही थी.....

गाड़ी के बाहर घोर अँधेरा समय के इतिहास के सामान था। हवा इस तरह सांय- सांय कर रही थी ,जैसे इतिहास के पहलू में बैठकर रो रही हों। बाहर ऊंचे- ऊंचे उनके पेड़ दुखों की तरह उगे हुए थे। कई जगह पेड़ नहीं होते थे ,केवल एक वीरानी होती थी ,और इस वीरानी के टीले ऐसे प्रतीत होते थे,जैसे टीले, नहीं क़ब्रें हों।

वारिस शाह की पंक्तियाँ मेरे ज़हन में घूम रही थीं ---'भला मोये ते बिछड़े कौन मेले.....'

रसीदी टिकट पाठ 9 नफरत का एक दायरा ,पाठ 10 --1947

  continue reading

30 एपिसोडस

Artwork
iconसाझा करें
 
Manage episode 317080067 series 3275321
Sukhnandan Bindra द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Sukhnandan Bindra या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

दुखों की कहानियां कह -कहकर लोग थक गए थे ,पर ये कहानियां उम्र से पहले ख़त्म होने वाली नहीं थीं। मैंने लाशें देखी थीं ,लाशों जैसे लोग देखे थे ,और जब लाहौर से आकर देहरादून में पनाह ली ,तब नौकरी की और दिल्ली में रहने के लिए जगह की तलाश में दिल्ली आयी ,और जब वापसी का सफर कर रही थी ,तो चलती हुई गाड़ी में ,नींद आंखों के पास नहीं फाटक रही थी.....

गाड़ी के बाहर घोर अँधेरा समय के इतिहास के सामान था। हवा इस तरह सांय- सांय कर रही थी ,जैसे इतिहास के पहलू में बैठकर रो रही हों। बाहर ऊंचे- ऊंचे उनके पेड़ दुखों की तरह उगे हुए थे। कई जगह पेड़ नहीं होते थे ,केवल एक वीरानी होती थी ,और इस वीरानी के टीले ऐसे प्रतीत होते थे,जैसे टीले, नहीं क़ब्रें हों।

वारिस शाह की पंक्तियाँ मेरे ज़हन में घूम रही थीं ---'भला मोये ते बिछड़े कौन मेले.....'

रसीदी टिकट पाठ 9 नफरत का एक दायरा ,पाठ 10 --1947

  continue reading

30 एपिसोडस

सभी एपिसोड

×
 
Loading …

प्लेयर एफएम में आपका स्वागत है!

प्लेयर एफएम वेब को स्कैन कर रहा है उच्च गुणवत्ता वाले पॉडकास्ट आप के आनंद लेंने के लिए अभी। यह सबसे अच्छा पॉडकास्ट एप्प है और यह Android, iPhone और वेब पर काम करता है। उपकरणों में सदस्यता को सिंक करने के लिए साइनअप करें।

 

त्वरित संदर्भ मार्गदर्शिका