तुलसीदास जी का जन्म, आज से लग-भग 490 बरस पहले, 1532 ईसवी में उत्तर प्रदेश के एक गाँव में हुआ और उन्होंने अपने जीवन के अंतिम पल काशी में गुज़ारे। पैदाइश के कुछ वक़्त बाद ही तुलसीदास महाराज की वालिदा का देहांत हो गया, एक अशुभ नक्षत्र में पैदा होने की वजह से उनके पिता उन्हें अशुभ समझने लगे, तुलसीदास जी के जीवन में सैकड़ों परेशानियाँ आईं लेकिन हर परेशानी का रास्ता प्रभु श्री राम की भक्ति पर आकर खत्म हुआ। राम भक्ति की छाँव तले ही तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस और हनुमान चालीसा जैसी नायाब रचनाओं को ...
…
continue reading
1
तुल्सीदास जी की कथा | केवल कपूर के संग | Episode 8
8:04
8:04
बाद में चलाएं
बाद में चलाएं
सूचियाँ
पसंद
पसंद
8:04
इस एपिसोड में हम बात करेंगे, तुलसीदास महाराज की ज़िंदगी के कुछ मुख़्तसर किस्सों के बारे में, कुछ ऐसे किस्से जिनमें राम भक्ति के रस के साथ-साथ, ज़िंदगी के अनमोल सबक भी शामिल हैं, और साथ ही उनके कुछ नायाब दोहों के ज़रिए, ऐसी बातें सीखने की कोशिश करेंगे, जो हमारी ज़िंदगी को बेहतर बनाने में हमारी मदद कर सकें।…
…
continue reading
1
तुल्सीदास जी की कथा | केवल कपूर के संग | Episode 7
8:27
8:27
बाद में चलाएं
बाद में चलाएं
सूचियाँ
पसंद
पसंद
8:27
इस एपिसोड में हम आपको बताएँगे, दिल में प्रभु श्री राम के दर्शन की तीव्र इच्छा लिए, तुलसीदास महाराज किस तरह एक प्रेत के कहने पर, चित्रकूट पहुँच गए और चित्रकूट में ही अपना जीवन व्यतीत करने लगे। और फिर 1 दिन किस तरह प्रभु श्री राम ने उन्हें स्वयं दर्शन दिए, न सिर्फ़ दर्शन दिए बल्कि उनके माथे पर चंदन का तिलक भी लगाया।…
…
continue reading
1
तुल्सीदास जी की कथा | केवल कपूर के संग | Episode 6
9:33
9:33
बाद में चलाएं
बाद में चलाएं
सूचियाँ
पसंद
पसंद
9:33
इस एपिसोड में हम आपको बताएँगे अपने वैवाहिक जीवन की ज़िम्मेदारियाँ निभाते हुए किस तरह तुलसीदास महाराज ने समाज को बेहतर बनाने मैं अपना योगदान दिया, लेकिन फिर विवाह के बाद एक दिन उनके जीवन में ऐसा कौनसा हादसा हुआ कि उस हादसे के बाद वह पूरी तरह से प्रभु श्री राम की भक्ति मैं डूब गए।द्वारा Kewal Kapoor
…
continue reading
1
तुल्सीदास जी की कथा | केवल कपूर के संग | Episode 5
7:08
7:08
बाद में चलाएं
बाद में चलाएं
सूचियाँ
पसंद
पसंद
7:08
इस एपिसोड में हम आपको बताएँगे, तुलसीदास महाराज के विवाह के विषय में कितने अलग-अलग तरह के तर्क दिए जाते हैं। असल में तुलसीदास महाराज का विवाह हुआ या नहीं हुआ, और अगर हुआ तो वह किस तरह समाज में फैले अंधविश्वास रूपी अँधेरे को मिटाने के रास्ते पर चलते-चलते विवाह की मंज़िल तक पहुँच गए।द्वारा Kewal Kapoor
…
continue reading
1
तुल्सीदास जी की कथा | केवल कपूर के संग | Episode 4
7:49
7:49
बाद में चलाएं
बाद में चलाएं
सूचियाँ
पसंद
पसंद
7:49
इस एपिसोड में हम आपको बताएँगे, अयोध्या में अपनी शुरुआती दौर की शिक्षा पूरी करने के बाद, तुलसीदास महाराज किस तरह अपने गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए, अपने गुरु के साथ बनारस आ गए, और बनारस आ कर किस तरह एक सिद्ध महात्मा की शागिर्दी में उन्होंने जटिल से जटिल विषयों पर महारत हासिल की।तुलसीदास जी का जन्म, आज से लग-भग 490 बरस पहले, 1532 ईसवी में उत्तर प्र…
…
continue reading
1
तुल्सीदास जी की कथा | केवल कपूर के संग | Episode 3
8:46
8:46
बाद में चलाएं
बाद में चलाएं
सूचियाँ
पसंद
पसंद
8:46
इस एपिसोड में हम आपको बताएँगे, अपने वजूद पर अशुभ होने की मुहर लगने के बाद किस तरह रामबोला भटकते हुए जंगल तक आ पहुँचे, किस तरह इस भटकन के दौरान उनकी मुलाकात प्रभु श्री राम के भक्त गुरु नरहरी दास जी से हुई, जिन्होंने रामबोला का हाथ थामा और उन्हें अपने साथ अयोध्या ले आए। हम आपको बताएँगे किस तरह रामबोला को तुलसीदास नाम मिला।तुलसीदास जी का जन्म, आज से ल…
…
continue reading
1
तुल्सीदास जी की कथा | केवल कपूर के संग | Episode 2
10:33
10:33
बाद में चलाएं
बाद में चलाएं
सूचियाँ
पसंद
पसंद
10:33
इस एपिसोड में हम आपको बताएँगे, जब रामबोला के पिता उन्हें अशुभ समझने लगे, तो किस तरह बाई मुनिया ने रामबोला का हाथ थामा और उन्हें ने सहारा दिया। हम आपको बताएँगे कि किस तरह बाई मुनिया के देहांत के बाद इतिहास में खुद को दोहराया और एक बार फिर रामबोला के ऊपर अशुभ होने की मोहर लग गई।तुलसीदास जी का जन्म, आज से लग-भग 490 बरस पहले, 1532 ईसवी में उत्तर प्रदेश…
…
continue reading
1
तुल्सीदास जी की कथा | केवल कपूर के संग | Episode 1
8:59
8:59
बाद में चलाएं
बाद में चलाएं
सूचियाँ
पसंद
पसंद
8:59
इस एपिसोड में हम आपको बताएँगे, एक ऐसे बालक की कहानी, पैदाइश के वक़्त से ही जिनकी ज़बान पर भगवान श्री राम का नाम था, पैदा होते ही राम नाम जपने की वजह से जिनका नाम लोगों ने रामबोला रख दिया। हम आपको बताएँगे, किस तरह अशुभ नक्षत्र में पैदा होने वाले रामबोला को उनके पिता, आत्माराम जी, अपने और अपने परिवार के लिए शुभ समझने लगे।तुलसीदास जी का जन्म, आज से लग-भ…
…
continue reading