India Politics सार्वजनिक
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show episodes
 
This Hindi Podcast brings to you in-depth conversations on politics, public policy, technology, philosophy and pretty much everything that is interesting. Presented by tech entrepreneur Saurabh Chandra, public policy researcher Pranay Kotasthane, and writer-cartoonist Khyati Pathak, the show features conversations with experts in a casual yet thoughtful manner. जब महफ़िल ख़त्म होते-होते दरवाज़े के बाहर, एक पुलिया के ऊपर, हम दुनिया भर की जटिल समस्याओं को हल करने में लग जाते हैं, तो हो जाती है ...
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show series
 
Why is the housing market in India so expensive? Why is buying a house a decision fraught with risk and uncertainty? How can we find clues about the nexus between the builders and the politicians? This week, we speak to Vaidehi Tandel, an urban economist, who has researched into the issues that plague India’s housing market. भारत में घर इतने महंगे …
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नमस्कार, जासूसी कथा और कमांडो मिशन के किस्सों में किसे दिलचस्पी नहीं होती। हालिया, आईसी-814 के हाईजैक पर सीरीज़ के चलते ये किस्सा फिर से चर्चा में है, तो हमने सोचा कि क्यों न किसी ऐसे मेहमान से बात की जाए जो खुद इस घटना में शामिल थें। आज की पुलियाबाज़ी पर हमारे मेहमान हैं आनंद आरणिजी जो IC-814 की घटना में उन पांच अफसरो में से थे जिन्हें भारत सरकार के…
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Last week, the long ongoing conflict between Israel and Hezbollah saw an escalation with the blasts of pagers and other communication devices given to the members of Lebanon based political party and terrorist group Hezbollah. As we write this post, this situation is still evolving and it will take some time before the long term consequences of the…
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इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर चर्चा चीन के बेलगाम उत्पादन की। क्या चीन के अतिरिक्त उत्पादन से दुनियाभर के देशों के उद्योग पर जोखिम मंडरा रहा है? कई देश इस पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं, तो ऐसे में भारत को क्या करना चाहिए? चीन की मैन्युफैक्चरिंग से हम क्या सीख सकते है? इन सब बातों पर चर्चा आज की पुलियाबाज़ी पर। We discuss: * China’s overcapacity—a struct…
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इस पुलियाबाज़ी पर हमारे मेहमान हैं जावीद अहमद जी जो उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी रह चुके हैं, और एक आईपीएस अधिकारी के रूप में विभिन्न भूमिकाओं में काम कर चुके हैं। एक पुलिस अधिकारी को किन हालात में काम करना पड़ता है? उनकी कार्य परिस्थितियाँ कैसी हैं और पुलिस सुधारों की कमी हमारे समाज को कैसे प्रभावित करती है। आज पुलिया पर इन सब बातों पर खुलकर …
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आज पुलियाबाज़ी की २५०वि कड़ी प्रस्तुत है। इस सफर में हमारे साथ जुड़े रहने के लिए शुक्रिया। इस ख़ास मौके पर चर्चा रोज़गार के विषय पर। भारत में समस्या रोज़गार की है या वेतन की? क्या दिक्कतें है जिनकी वजह से भारत में कृषि सेक्टर से मैन्युफैक्चरिंग की तरफ नौकरियों का स्थानांतरण नहीं हो पाया? भविष्य में नौकरियाँ कहाँ से आएगी? इन सब बातों पर चर्चा TeamLease Se…
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प्रिय श्रोतागण, आज 249वी पुलियाबाज़ी पर एक अनूठे विषय पर चर्चा प्रस्तुत है। हम ने लोकनीति, टेक्नोलॉजी और सांस्कृतिक विषयों पर काफ़ी बातचीत की है, लेकिन किसी भी भाषा के साहित्य पर बहुत ज़्यादा चर्चा नहीं हुई है। अमित बसोले जी के साथ भक्ति मार्ग के विषय पर बात करते वक़्त कुछ भक्ति काव्य की बात हुई थी, पर उस चर्चा में मुख्य विषय अलग था। आज की चर्चा का विष…
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हालिया बजट के बाद कई राज्य सरकारें आंध्र प्रदेश और बिहार राज्य को दिए जा रहे स्पेशल पैकेज के बारे में शिकायत करते हुए पाई गई। पर इससे बड़ा मुद्दा है केंद्र सरकार और राज्यों के बीच वित्तीय वितरण का। 62% राजस्व केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है जब कि राज्य सरकारें 62% खर्चे के लिए जिम्मेदार हैं। यह राजकोषीय असंतुलन राज्यों की अपनी जिम्मेदारियों क…
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स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘आज़ादी की राह’ के इस ख़ास एपिसोड पर हम समझते हैं हमारे संविधान सभा के कामकाज के बारे में। संविधान सभा का गठन कैसे हुआ? सभा में निर्णय कैसे लिए जाते थे? बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान सभा में क्या भूमिका निभाई? क्या हमारे संविधान को एक कोलोनियल संविधान कहा जा सकता है? इन सब दिलचस्प सवालों पर विस्तार से चर्चा प्रोफेसर अच्युत …
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ओलंपिक खेल के इस अवसर पर हमने सोचा कि क्यों न खेल कूद पर ही एक पुलियबाज़ी हो जाये। हमारे समाज को खेल की चिंता क्यों करनी चाहिए? खेल समाज के लिए एक दर्पण की तरह काम करता है, जो उसके मूल्यों, आकांक्षाओं और चुनौतियों को दर्शाता है। इसके अलावा, खेल एक जीवंत प्रयोगशाला की तरह है जहाँ मानवीय क्षमता और मानदंडों की सीमाओं को चुनौती दी जा सकती है और उन्हें फ…
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पिछले हफ़्ते कर्नाटका के CM द्वारा घोषित स्थानीय आरक्षण ड्राफ्ट बिल पर काफ़ी हल्ला मचा। इस प्रकार का आरक्षण इससे पहले हरयाणा ने भी लाने की कोशिश की थी, पर उसे हरयाणा हाई कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया था। कर्नाटका में भी इस पॉलिसी को फिलहाल तो होल्ड पर रखा गया है पर सवाल ये है कि राज्य सरकारें ऐसी नीतियां क्यों लाती रहती हैं? क्या ऐसी संकीर्ण नीति…
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Power sector will play a crucial role in India's climate transition. However, reforms remain stalled and the price system is broken in this sector dominated by the state. What are some possible solutions to navigate this challenge? This week on Puliyabaazi, Akshay Jaitly joins us to give us a comprehensive view of the sector and presents new ideas …
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पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था उथल-पुथल भरे दौर से गुज़र रही है। बढ़ती महंगाई और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के जीवन स्तर को काफ़ी प्रभावित किया है। इसके पीछे क्या वज़ह है? पाकिस्तान इन आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए ज़रूरी सुधारों को लागू क्यों नहीं कर पा रहा है? इस हफ़्ते, हम बात करेंगे उज़ैर यूनुस से, जो अपने पॉडकास्ट पाकिस्तो…
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पेरिस ओलंपिक्स के नजदीक आने के साथ ही भारत में कई खेल प्रेमी सोच रहे होंगे: भारत ओलंपिक की मेजबानी कब करेगा? लेकिन अगर कोई खेल प्रेमी पुलियाबाज़ी का श्रोता है, तो वह सबसे पहले यह सवाल पूछेगा: क्या भारत को ओलंपिक की मेजबानी करनी चाहिए? क्या इस तरह के आयोजन से भारत में खेल को बढ़ावा मिलेगा या यह हमारे सीमित संसाधनों की बर्बादी होगी? क्या कोई और विकल्…
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इस सप्ताह पुलियाबाज़ी पर हम चर्चा करते हैं कि कैसे फ्री मोबिलिटी समझौतों के माध्यम से भारतीयों के लिए नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। क्या यह हमारे ब्रेन ड्रेन को ब्रेन गेन में बदलने का मार्ग हो सकता है? ज़रूर सुनें। This week on Puliyabaazi, we discuss how new opportunities can be created for Indians by improving rotational labour mobility for India…
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इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर और एक सफरनामा जिसमें सौरभ देते हैं अपने बोस्टन सफर का ब्यौरा। क्या इकोसिस्टम है बोस्टन में जिससे वहाँ रोबोटिक्स से लेकर बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्र में अप्रतिम संशोधन निकल कर आते हैं? क्या चीन में भी ऐसी इकोसिस्टम बनाना संभव है? जुड़िये इस पुलियाबाज़ी पर। अगर आपकी कोई टिप्पणियाँ हो तो ज़रूर भेजें। अगर आप पुलियाबाज़ी पर अपने विचार…
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भारत में आर्थिक विश्लेषण अक्सर राज्य-केंद्रित होता है। हालाँकि, राज्यों के भीतर भी काफ़ी आर्थिक भिन्नताएँ हैं। भारत को क्षेत्रीय विविधता के नज़रिए से देखना शायद ज़्यादा सटीक होगा- 85 क्षेत्रों का देश, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अर्थव्यवस्था, भौगोलिक पहचान, संसाधन और कुशलता हैं। इस नज़रिए से भारत कैसा दिखता है? क्षेत्रीय स्तर पर विश्लेषण से हम भारत क…
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