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तुम को देखा (Tum Ko Dekha)

2:20
 
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तुम को देखा तो ये ख़याल आया।

प्यार पाकर तेरा है रब पाया।

झील जैसी तेरी ये आँखें हैं।

रात-रानी सी महकी साँसें हैं।

झाँकती हो हटा के जब चिलमन,

जाम जैसे ज़रा सा छलकाया।

तुम को देखा ……

देखने दे मुझे नज़र भर के।

जी रहा हूँ अभी मैं मर मर के।

इस कड़ी धूप में मुझे दे दे,

बादलों जैसी ज़ुल्फ़ की छाया।

तुम को देखा ……

ज़िंदगी भर थी आरज़ू तेरी।

तू ही चाहत तू ज़िंदगी मेरी।

पास आकर भी दूर क्यूँ बैठे,

चाँद सा चेहरा क्यूँ है शरमाया।

तुम को देखा ……

तुम को देखा तो ये ख़याल आया।

प्यार पाकर तेरा है रब पाया।

You can write to me at HindiPoemsByVivek@gmail.com

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प्यार पाकर तेरा है रब पाया।

झील जैसी तेरी ये आँखें हैं।

रात-रानी सी महकी साँसें हैं।

झाँकती हो हटा के जब चिलमन,

जाम जैसे ज़रा सा छलकाया।

तुम को देखा ……

देखने दे मुझे नज़र भर के।

जी रहा हूँ अभी मैं मर मर के।

इस कड़ी धूप में मुझे दे दे,

बादलों जैसी ज़ुल्फ़ की छाया।

तुम को देखा ……

ज़िंदगी भर थी आरज़ू तेरी।

तू ही चाहत तू ज़िंदगी मेरी।

पास आकर भी दूर क्यूँ बैठे,

चाँद सा चेहरा क्यूँ है शरमाया।

तुम को देखा ……

तुम को देखा तो ये ख़याल आया।

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