Bhagavad Gita Sanskrit
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गुरु-वन्दना : ।। ॐ श्री सद्गुरुदेव भगवान् की जय ।। जय सद्गुरुदेवं, परमानन्दं, अमर शरीरं अविकारी।। निर्गुण निर्मूलं, धरि स्थूलं, काटन शूलं भवभारी।। सूरत निज सोहं, कलिमल खोहं, जनमन मोहन छविभारी।। अमरापुर वासी, सब सुख राशी, सदा एकरस निर्विकारी।। अनुभव गम्भीरा, मति के धीरा, अलख फकीरा अवतारी।। योगी अद्वैष्टा, त्रिकाल द्रष्टा, केवल पद आनन्दकारी।। चित्रकू…
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भगवान् श्रीकृष्णो यस्मिन् काले गीतायाः सदुपदेशं प्रादात्, तदानीं तस्य मनोभावाः कीदृशा आसन्? ते सर्वे मनोगता भावा वक्तुं न शक्यन्ते। केचन सन्ति भावा वर्णयितुं योग्याः केचन भावभङ्गिमयैव प्रकटयितुमर्हाः, अपरे शेषा भावाः क्रियात्मकाः सन्ति, तान् भावान् कोऽपि जनस्तत्पथमारुह्यैव ज्ञातुं शक्नोति। यस्मिन् स्तरे श्रीकृष्ण आसीत्, तदेव स्तरमात्मसात् कृत्वैव क…
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प्रथमोऽध्याय: (संशयविषादयोग:)
1:43:46
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘संशयविषादयोगो’ नाम प्रथमोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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द्वितीयोऽध्याय: (कर्मजिज्ञासा)
2:56:11
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘कर्मजिज्ञासा’ नाम द्वितीयोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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तृतीयोऽध्याय: (शत्रुविनाशप्रेरणा)
1:55:20
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसंवादे ‘शत्रुविनाशप्रेरणा’ नाम तृतीयोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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चतुर्थोऽध्याय: (यज्ञकर्मस्पष्टीकरणम्)
2:22:26
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘यज्ञकर्मस्पष्टीकरणम्’ नाम चतुर्थोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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पञ्चमोऽध्याय: (यज्ञभोक्तामहापुरुषस्थमहेश्वर:)
1:04:22
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘‘यज्ञभोक्तामहापुरुषस्थमहेश्वरः’’ नाम पञ्चमोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘अभ्यासयोगो’ नाम षष्ठोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘समग्रबोधः’ नाम सप्तमोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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अष्टमोऽध्याय: (अक्षरब्रह्मयोग:)
1:20:48
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘अक्षरब्रह्मयोगो’ नामाष्टमोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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नवमोऽध्याय: (राजविद्याजागृति:)
1:23:04
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘राजविद्याजागृति’ नाम नवमोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘विभूतिवर्णनम्’ नाम दशमोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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एकादशोऽध्याय: (विश्वरूपदर्शनयोग:).
1:40:21
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘विश्वरूपदर्शनयोगो’ नामैका- दशोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘भक्तियोगो’ नाम द्वादशोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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त्रयोदशोऽध्याय: (क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग:)
53:37
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोगो’ नाम त्रयोदशोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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चतुर्दशोऽध्याय: (गुणत्रयविभागयोग:)
44:04
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘गुणत्रयविभागयोगो’ नाम चतुर्दशोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘पुरुषोत्तमयोगो’ नाम पञ्चदशोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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षोडशोऽध्याय: (दैवासुरसम्पद्विभागयोग:)
42:53
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘दैवासुरसम्पद्विभागयोगो’ नाम षोडशोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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सप्तदशोऽध्याय: (ॐ तत्सत् श्रद्धात्रयविभागयोग:)
52:05
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘ॐ तत्सत् श्रद्धात्रयविभागयोगो’ नाम सप्तदशोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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अष्टादशोऽध्याय: (संन्यासयोग:)
2:24:42
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श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसम्वादे ‘संन्यासयोगो’ नामाष्टादशोऽध्यायः।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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स सर्वसमर्थोऽविनाशी परमात्मा मानवस्य हृदये निवसति। सम्पूर्णभावेन तस्य शरणं गन्तुं विधानमस्ति, येन शाश्वतं धाम, सदाविद्यमाना- शान्तिस्तथानन्तजीवनस्य, प्राप्तिर्भवति।द्वारा Bhagavad Gita Sanskrit
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