This podcast is all about the romance hidden beneath distances, sadness dissolved in breakup & memories which we have to carry all over our lives. But still something remains incomplete and that is the presence of just one person. Toh milte hain Podcast mein...
…
continue reading
यह वो जज़्बात हैं जिन्हें कभी कोई मंज़िल ही नही मिली, यह वो दास्ताँ हैं जो अबतक अधूरी हैं…
…
continue reading
1
Dil Humara-Ghazal | दिल हमारा-ग़ज़ल |
1:15
1:15
बाद में चलाएं
बाद में चलाएं
सूचियाँ
पसंद
पसंद
1:15
यह Podcast सुबह तुम्हारे दीदार से लेकर रात तक के तुम्हारे आख़िरी ख़्वाब के नाम... “अल्फ़ाज़ ख़ामोश हैं, तुम कभी आखों से मेरे जज़्बात पढ़ लो...”
…
continue reading
1
Mujhe Le Dooba-Ghazal | मुझे ले डूबा-ग़ज़ल |
1:57
1:57
बाद में चलाएं
बाद में चलाएं
सूचियाँ
पसंद
पसंद
1:57
This Ghazal is really very close to my heart. I’ve poured my feelings, my emotions into this. और मुझे सच में नहीं पता के इसे वो सुनेगी भी या नहीं, पर अगर तुम सुन रहीं हो तो.............. छोड़ो! बस आख़िर में इतना कहूँगा के कभी मेरा ख़याल आए तो अपना ख़याल रखना...
…
continue reading
“Woh Burke Mein Dhaki Ladki” not only relatable to any specific community or caste but it also describes the beauty. This poem is a sign of proposal. कुछ बातें अधूरी रह गई...
…
continue reading
Mishka, tum sun toh rahi ho na?
…
continue reading