रुद्राक्ष माहात्म्य | शिव पुराण | विद्येश्वर संहिता अध्याय २५ | Ajay Tambe
MP3•एपिसोड होम
Manage episode 432541461 series 2732821
Ajay Tambe द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Ajay Tambe या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal।
शिव पुराण’ में भगवान शिव के महात्म्य, लीला और उनके कल्याणकारी स्वरूप का विस्तृत वर्णन किया गया है। गौरीश्वर भगवान शिव महामांगल महादेव हैं। वे अनादि सिद्ध परमेश्वर और सभी देवों में प्रधान हैं। वेदों में भगवान शिव को अजन्मा, अव्यक्त, सबका कारण, विश्वव्यापक और संहारक माना गया है। शिव का अर्थ है कल्याणस्वरूप अर्थात सभी का भला करने वाला। वे देवों, मानव, गंधर्व, मनुष्य, ऋषि-मुनि, सिद्ध, योगी, तपस्वी, संन्यासी, भक्त और नास्तिकों की भी कल्याण करने वाला हैं। विश्व कल्याण के लिए वे स्वयं गरल का पान करने वाले नीलकंठ हैं और संसार में प्रलय मचाने वाले तांडव। वे स्वयं भगवान हैं और सभी देवताओं के आराध्य हैं। इस महापुराण में शिवतत्व का विशद विवेचन किया गया है। सरल गद्य-भाषा में शिव के विविध अवतारों, नामों, लीलाओं, उनकी पूजा विधि, पंचाक्षर मंत्र की महिमा, अनेकों के ज्ञातप्रद आदेश, शिष्याद्रत तथा उद्धेश्यपरक कथाओं का अत्यंत सुंदर आकंलन किया गया है। इस पुराण में प्रयास किया गया है कि भाषा को सरल से सरल रखा जाए, ताकि श्रद्धालु पाठक शिव के कल्याणकारी स्वरूप और शिवत्व के मर्म को सहज रूप से हृदयंगम कर सकें। हमें विश्वास है कि श्रद्धालु और जिज्ञासुजन इस महान पुराण को अनुसरण करके अपने जीवन को उपकृत कर पाएंगे क्योंकि शिव ही एक ऐसे परम ब्रह्म हैं, जो अच्छे-बुरे सभी के लिए सहज सुलभ हैं। यह उनकी विश्वव्यापकता और अद्वितीयता ही है कि जहां अन्य साधनाओं में तमोगुण की अपेक्षा की जाती है, वहीं शिव तमोगुण का परित्याग कर उसे ‘सत्व’ के रूप में परिवर्तित कर देते हैं। विश्व को स्वस्थ रखने की औषधि बनाने की युक्ति-साधना शिव के अलावा और कौन बताएगा। तभी तो महादेव हैं। इसलिए उन्हें भोलानाथ कहा जाता है। शिव संकल्पमस्तु!
…
continue reading
318 एपिसोडस