नारदजी का शिवतीर्थों में भ्रमण व ब्रह्माजी से प्रश्न | शिव पुराण | श्रीरुद्र संहिता- अध्याय 5
Manage episode 438905883 series 2732821
शिव पुराण हिंदू धर्म में अठारह पुराणों में सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला पुराण है। यह सनातन भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती के चारों ओर केंद्रित है। भगवान शिव सनातन धर्म में सबसे अधिक पूजे जाने वाले भगवानों में से एक हैं।
शिव महापुराण में सात 'संहिताएं' शामिल हैं जो भगवान शिव के जीवन के विभिन्न पहलुओं का एक ज्वलंत विवरण प्रदान करती हैं।
शिवमहापुराण की दूसरी संहिता रुद्र संहिता है। रुद्र संहिता के पांच खंड हैं। प्रथम खंड में बीस अध्याय हैं। दूसरे खंड को सती खंड कहा गया है, जिसमें 43 अध्याय हैं। तीसरा खंड पार्वती खंड है, जिसमें 55 अध्याय हैं। चौथा खंड कुमार खंड के नाम से जाना जाता है, जिसमें 20 अध्याय हैं। इस संहिता का पांचवां खंड युद्ध खंड के नाम से जाना जाता है, जिसमें कुल 59 अध्याय हैं। इसी संहिता में 'सृष्टि खण्ड' के अन्तर्गत जगत का आदि कारण शिव को माना गया है। शिव से ही आद्या शक्ति 'माया' का आविर्भाव होता है, फिर शिव से ही 'ब्रह्मा' और 'विष्णु' की उत्पत्ति बताई गई है। इस पुराण में 24,000 श्लोक हैं तथा इसके क्रमशः 6 खंड हैं।
301 एपिसोडस