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Pratyush Srivastava (सुख़नवर) द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Pratyush Srivastava (सुख़नवर) या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal
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Be Awaaz (बे आवाज़)

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हर छोटी बात आज कल रुला देती है, कोई परेशान रहे, ये सह नहीं पता, जाने क्यों पर खैर कौन किसी के ग़म में रोया है कभी बेशक अपना ही कोई दर्द याद आता होगा अश्क अब बहते नहीं है, धीरे धीरे सरकते हैं डर है इन्हें, कि ये जो हजारों यादें क़ैद हैं हर कतरे में, कहीं तकिए की सलवटों में डूब कर वजूद ना खो दें सिसकियां अब शोर नहीं करती, दबे पैर आती हैं शायद इसलिए कि कोई सुन्दर सपना ना जग जाए थोड़ा रो लेने दो, जलती आंखों को कुछ राहत मिले - Pratyush
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