Agar Paas Hoti
Manage episode 281471386 series 2833389
आंखों से पढ़ ली जाए, ऐसी बात होती।
जुगनू भी न सुन पाए, वो आवाज़ होती।
ना होता दूसरा, तेरे मेरे खामोशियों के बीच
ना झूठा मुस्कुरा पाते, "ज़ेहन" गर पास होती।
किसी तकिये पे ना ही, आँसुवों कि छाप होती।
अभी बस चाँद है, तब रोशनी भी साथ होती।
बाहें बन जाती पर्दा, मैं तुम्हे मेहफ़ूज़ कर लेता
और लिखता रात तेरे नाम, "ज़ेहन" गर पास होती।
धड़कन चले पर शांत, ऐसी रात होती।
तेरी बातों में सच्चाई, मेरे में राज़ होती।
उलझ कर एकदूजे में, कोई कहानियां पढ़ते;
ना होता दिन न कोई रात, ज़ेहन गर पास होती।
17 एपिसोडस