Artwork

Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal
Player FM - पॉडकास्ट ऐप
Player FM ऐप के साथ ऑफ़लाइन जाएं!

Tum Hansi Ho | Agyeya

2:26
 
साझा करें
 

Manage episode 431077184 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

तुम हँसी हो | अज्ञेय

तुम हँसी हो - जो न मेरे होंठ पर दीखे,

मुझे हर मोड़ पर मिलती रही है।

धूप - मुझ पर जो न छाई हो,

किंतु जिसकी ओर

मेरे रुद्ध जीवन की कुटी की खिड़कियाँ खुलती रही हैं।

तुम दया हो जो मुझे विधि ने न दी हो,

किंतु मुझको दूसरों से बाँधती है

जो कि मेरी ही तरह इंसान हैं।

आँख जिनसे न भी मेरी मिले,

जिनको किंतु मेरी चेतना पहचानती है।

धैर्य हो तुम : जो नहीं प्रतिबिंब मेरे कर्म के धुँधले मुकुर में पा सका,

किंतु जो संघर्ष-रत मेरे प्रतिम का, मनुज का,

अनकहा पर एक धमनी में बहा संदेश मुझ तक ला सका,

व्यक्ति की इकली व्यथा के बीज को

जो लोक-मानस की सुविस्तृत भूमि में पनपा सका।

हँसी ओ उच्छल, दया ओ अनिमेष,

धैर्य ओ अच्युत, आप्त, अशेष।

  continue reading

584 एपिसोडस

Artwork
iconसाझा करें
 
Manage episode 431077184 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

तुम हँसी हो | अज्ञेय

तुम हँसी हो - जो न मेरे होंठ पर दीखे,

मुझे हर मोड़ पर मिलती रही है।

धूप - मुझ पर जो न छाई हो,

किंतु जिसकी ओर

मेरे रुद्ध जीवन की कुटी की खिड़कियाँ खुलती रही हैं।

तुम दया हो जो मुझे विधि ने न दी हो,

किंतु मुझको दूसरों से बाँधती है

जो कि मेरी ही तरह इंसान हैं।

आँख जिनसे न भी मेरी मिले,

जिनको किंतु मेरी चेतना पहचानती है।

धैर्य हो तुम : जो नहीं प्रतिबिंब मेरे कर्म के धुँधले मुकुर में पा सका,

किंतु जो संघर्ष-रत मेरे प्रतिम का, मनुज का,

अनकहा पर एक धमनी में बहा संदेश मुझ तक ला सका,

व्यक्ति की इकली व्यथा के बीज को

जो लोक-मानस की सुविस्तृत भूमि में पनपा सका।

हँसी ओ उच्छल, दया ओ अनिमेष,

धैर्य ओ अच्युत, आप्त, अशेष।

  continue reading

584 एपिसोडस

Toate episoadele

×
 
Loading …

प्लेयर एफएम में आपका स्वागत है!

प्लेयर एफएम वेब को स्कैन कर रहा है उच्च गुणवत्ता वाले पॉडकास्ट आप के आनंद लेंने के लिए अभी। यह सबसे अच्छा पॉडकास्ट एप्प है और यह Android, iPhone और वेब पर काम करता है। उपकरणों में सदस्यता को सिंक करने के लिए साइनअप करें।

 

त्वरित संदर्भ मार्गदर्शिका