Artwork

Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal
Player FM - पॉडकास्ट ऐप
Player FM ऐप के साथ ऑफ़लाइन जाएं!

Democracy Kya Hoti Hai | Ashok Chakradhar | Varun Grover

3:11
 
साझा करें
 

Manage episode 363730779 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

डेमोक्रेसी क्या होती है? - अशोक चक्रधर

पार्क के कोने में

घास के बिछौने पर लेटे-लेटे

हम अपनी प्रियसी से पूछ बैठे—

क्यों डियर!

डेमोक्रेसी क्या होती है?

वह बोलीं—

तुम्हारे वादों जैसी होती है!

इंतज़ार में,

बहुत तड़पाती है,

झूठ बोलती है

सताती है,

तुम तो आ भी जाते हो,

ये कभी नहीं आती है!

एक विद्वान से पूछा

वह बोले—

हमने राजनीति-शास्त्र

सारा पढ़ मारा,

डेमोक्रेसी का मतलब है—

आज़ादी, समानता और भाईचारा।
आज़ादी का मतलब

रामनाम की लूट है,

इसमें गधे और घास

दोनों को बराबर की छूट है।

घास आज़ाद है कि

चाहे जितनी बढ़े,

और गधे स्वतंत्र हैं कि

लेटे-लेटे या खड़े-खड़े

कुछ भी करें,

जितना चाहें इस घास को चरें।
और समानता!

कौन है जो इसे नहीं मानता?

हमारे यहाँ—

ग़रीबों और ग़रीबों में समानता है,

अमीरों और अमीरों में समानता है,

मंत्रियों और मंत्रियों में समानता है,

संत्रियों और संत्रियों में समानता है।

चोरी, डकैती, सेंधमारी, बटमारी

राहज़नी, आगज़नी, घूसख़ोरी, जेबकतरी

इन सबमें समानता है।

बताइए, कहाँ असमानता है?

और भाईचारा!

तो सुनो भाई!

यहाँ हर कोई

एक-दूसरे के आगे

चारा डालकर

भाईचारा बढ़ा रहा है।
जिसके पास

डालने को चारा नहीं है

उसका किसी से

भाईचारा नहीं है।

और अगर वो बेचारा है

तो इसका हमारे पास

कोई चारा नहीं है।

फिर हमने अपने

एक जेलर मित्र से पूछा—

आप ही बताइए मिस्टर नेगी।

वह बोले—

डेमोक्रेसी?

आजकल ज़मानत पर रिहा है,

कल सींखचों के अंदर दिखाई देगी।
अंत में मिले हमारे मुसद्दीलाल,

उनसे भी कर डाला यही सवाल।

बोले—

डेमोक्रेसी?

दफ़्तर के अफ़सर से लेकर

घर की अफ़सरा तक

पड़ती हुई फटकार है!

ज़बान के कोड़ों की मार है

चीत्कार है, हाहाकार है।

इसमें लात की मार से कहीं तगड़ी

हालात की मार है।

अब मैं किसी से

ये नहीं कहता,

कि मेरी ऐसी-तैसी हो गई है,

कहता हूँ—

मेरी डेमोक्रेसी हो गई है!

  continue reading

382 एपिसोडस

Artwork
iconसाझा करें
 
Manage episode 363730779 series 3463571
Nayi Dhara Radio द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Nayi Dhara Radio या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal

डेमोक्रेसी क्या होती है? - अशोक चक्रधर

पार्क के कोने में

घास के बिछौने पर लेटे-लेटे

हम अपनी प्रियसी से पूछ बैठे—

क्यों डियर!

डेमोक्रेसी क्या होती है?

वह बोलीं—

तुम्हारे वादों जैसी होती है!

इंतज़ार में,

बहुत तड़पाती है,

झूठ बोलती है

सताती है,

तुम तो आ भी जाते हो,

ये कभी नहीं आती है!

एक विद्वान से पूछा

वह बोले—

हमने राजनीति-शास्त्र

सारा पढ़ मारा,

डेमोक्रेसी का मतलब है—

आज़ादी, समानता और भाईचारा।
आज़ादी का मतलब

रामनाम की लूट है,

इसमें गधे और घास

दोनों को बराबर की छूट है।

घास आज़ाद है कि

चाहे जितनी बढ़े,

और गधे स्वतंत्र हैं कि

लेटे-लेटे या खड़े-खड़े

कुछ भी करें,

जितना चाहें इस घास को चरें।
और समानता!

कौन है जो इसे नहीं मानता?

हमारे यहाँ—

ग़रीबों और ग़रीबों में समानता है,

अमीरों और अमीरों में समानता है,

मंत्रियों और मंत्रियों में समानता है,

संत्रियों और संत्रियों में समानता है।

चोरी, डकैती, सेंधमारी, बटमारी

राहज़नी, आगज़नी, घूसख़ोरी, जेबकतरी

इन सबमें समानता है।

बताइए, कहाँ असमानता है?

और भाईचारा!

तो सुनो भाई!

यहाँ हर कोई

एक-दूसरे के आगे

चारा डालकर

भाईचारा बढ़ा रहा है।
जिसके पास

डालने को चारा नहीं है

उसका किसी से

भाईचारा नहीं है।

और अगर वो बेचारा है

तो इसका हमारे पास

कोई चारा नहीं है।

फिर हमने अपने

एक जेलर मित्र से पूछा—

आप ही बताइए मिस्टर नेगी।

वह बोले—

डेमोक्रेसी?

आजकल ज़मानत पर रिहा है,

कल सींखचों के अंदर दिखाई देगी।
अंत में मिले हमारे मुसद्दीलाल,

उनसे भी कर डाला यही सवाल।

बोले—

डेमोक्रेसी?

दफ़्तर के अफ़सर से लेकर

घर की अफ़सरा तक

पड़ती हुई फटकार है!

ज़बान के कोड़ों की मार है

चीत्कार है, हाहाकार है।

इसमें लात की मार से कहीं तगड़ी

हालात की मार है।

अब मैं किसी से

ये नहीं कहता,

कि मेरी ऐसी-तैसी हो गई है,

कहता हूँ—

मेरी डेमोक्रेसी हो गई है!

  continue reading

382 एपिसोडस

सभी एपिसोड

×
 
Loading …

प्लेयर एफएम में आपका स्वागत है!

प्लेयर एफएम वेब को स्कैन कर रहा है उच्च गुणवत्ता वाले पॉडकास्ट आप के आनंद लेंने के लिए अभी। यह सबसे अच्छा पॉडकास्ट एप्प है और यह Android, iPhone और वेब पर काम करता है। उपकरणों में सदस्यता को सिंक करने के लिए साइनअप करें।

 

त्वरित संदर्भ मार्गदर्शिका