क्या ख्रीष्ट इस योग्य है।
Manage episode 363961121 series 3247075
“यदि कोई मेरे पास आए और अपने पिता, माता, पत्नी, बच्चों, तथा भाई-बहनों को, यहाँ तक कि अपने प्राण को भी अप्रिय न जाने, वह मेरा चेला नहीं सकता है। जो कोई अपना क्रूस उठाकर मेरे पीछे नहीं चलता, वह भी मेरा चेला नहीं हो सकता।” (लूका 14:26-27)
यीशु बिना डरे तथा बिना लज्जित हुए हमें आरम्भ में ही सबसे “भयंकर” बात बताता है — अर्थात् ख्रीष्टीय होने के कष्टदायक मूल्य के विषय में: हमें परिवार से घृणा करनी होगी (पद 26), हमें क्रूस उठाना पड़ेगा (पद 27), अपनी सम्पत्ति को त्यागना पड़ेगा (पद 33)। अनुग्रह की वाचा की कोई भी बात छोटे अक्षरों में नहीं है। इसमें सब कुछ बड़े तथा मोटे अक्षरों में स्पष्टता से लिखा हुआ है। यह सस्ता अनुग्रह नहीं है! यह बहुत मूल्यवान है! इसलिए आओ, और मेरे शिष्य बनो।
परन्तु शैतान स्वयं की भयंकर बातों को छिपा कर रखता है और केवल अपनी सर्वोत्तम बातों को ही दिखाता है। शैतान के साथ लेन-देने करने में समस्या यह है कि सभी महत्वपूर्ण बातें छोटे अक्षरों में तथा अन्तिम पृष्ठ पर लिखी होती हैं।
उसके सामने के पृष्ठ पर बड़े अक्षरों में लिखा होता है, “तुम निश्चय न मरोगे” (उत्पत्ति 3:4), और “यदि तू गिरकर मुझे दण्डवत् करे तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूँगा” (मत्ती 4:9)। परन्तु पीछे के पृष्ठ पर छोटे अक्षरों में — इतने छोटे अक्षर जिनको केवल बाइबलिए आवर्धक लेन्स से पढ़ा जा सकता है — लिखा होता है, “और इस क्षणिक सुख के बाद, तुम सदा के लिए मेरे साथ नरक में तड़पोगे।”
ऐसा क्यों है कि यीशु अपने सर्वोत्तम पक्ष के साथ-साथ “भयंकर” पक्ष को भी दिखाता है, किन्तु शैतान अपने सर्वोत्तम पक्ष को ही दिखाता है? मैथ्यू हेनरी इसका उत्तर देते हैं, “शैतान सर्वोत्तम पक्ष दिखाता तो है किन्तु भयंकर पक्ष को छिपा लेता है, क्योंकि उसका सर्वोत्तम पक्ष उसके भयंकर पक्ष के सामने नहीं टिक पायेगा; किन्तु ख्रीष्ट का सर्वोत्तम पक्ष दृढ़तापूर्वक खड़ा रहेगा।”
यीशु की बुलाहट केवल दुःख उठाने और आत्मत्याग करने की बुलाहट ही नहीं है; सर्वप्रथम यह बुलाहट एक भोज के लिए है। लूका 14:16-24 के दृष्टान्त की मुख्य बात यही है। यीशु एक महिमान्वित पुनरुत्थान की प्रतिज्ञा भी करता है जहाँ इस जीवन की सभी हानियों की भरपाई हो जायेगी (लूका 14:14)। वह हमें यह भी बताता है कि कठिनाइयों के मध्य बने रहने में वह हमारी सहायता करेगा। (लूका 22:32)। वह हमें यह भी बताता है कि हमारा पिता हमें पवित्र आत्मा देगा (लूका 11:13)। वह यह भी प्रतिज्ञा करता है कि यदि हम उसके राज्य के लिए घात भी किए जाएँ “फिर भी तुम्हारा एक बाल भी बाँका न होगा” (लूका 21:18)।
जिसका अर्थ यह है कि जब हम यीशु के पीछे चलने के मूल्य की गणना करने बैठें— अर्थात् जब हम “भयंकर” पक्ष और “उत्तम” पक्ष की तुलना करें — तो वह इस योग्य पाया जाता है कि हम उसके पीछे चलें। वह तो पूर्ण रीति से इस योग्य है (रोमियों 8:18; 2 कुरिन्थियों 4:17)।
परन्तु शैतान के साथ ऐसा नहीं है। छल-कपट से प्राप्त रोटी मनुष्य को मीठी लगती है, परन्तु बाद में उसका मुँह कंकड़ से भर जाता है (नीतिवचन 20:17)।
--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
756 एपिसोडस