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ग़ज़ल - इतनी मेरी कहानी (Ghazal - Itni Meri Kahani)

7:13
 
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Manage episode 325088507 series 3337254
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नखरे तिरे उठाये, तिरि बात हम ने मानी।

तिरा इंतज़ार करते, मिरि खो गयी जवानी।

तुम दूर हम से हो तो, कमतर है जिंदगानी।

दिन भी नहीं है अच्छा, न ही रात है सुहानी।

तुम आज हो ये कहते, कहीं और दिल लगा लूँ।

अब यूँ किसे मैं चाहूँ, न तिरा बना है सानी।

अहसान कर दे इतना, कि न याद हम को करना।

यदि कोइ रह गयी है, मिरि फेंक दे निशानी।

शुरुआत भी तुझी से, अनजाम तुम हो मेरा।

कुछ और ना है शामिल, इतनी मेरी कहानी।

~ विवेक (सर्व अधिकार सुरक्षित)

स्वरचित व मौलिक

Write 2 me on HindiPoemsByVivek@gmail.com

--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/vivek-agarwal70/message
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तिरा इंतज़ार करते, मिरि खो गयी जवानी।

तुम दूर हम से हो तो, कमतर है जिंदगानी।

दिन भी नहीं है अच्छा, न ही रात है सुहानी।

तुम आज हो ये कहते, कहीं और दिल लगा लूँ।

अब यूँ किसे मैं चाहूँ, न तिरा बना है सानी।

अहसान कर दे इतना, कि न याद हम को करना।

यदि कोइ रह गयी है, मिरि फेंक दे निशानी।

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