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बातें दिल की (Baaten Dil Ki)

4:28
 
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Manage episode 325088510 series 3337254
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एक ग़ज़ल लिखी है चन्दा पे,

छत पर आके पढ़ लेना।

है तेरी याद में गाया नगमा,

जब हवा बहे तो सुन लेना।

अपने सागर में उगते सूरज को,

नयन घटों से अर्घ्‍य दिया है।

तेरे सागर में जब सूरज डूबे,

अश्कों के मोती चुन लेना।

जितनी भी हैं मेरी यादें,

दो हिस्सों में कर लेना।

बुरी लगें जो उन्हें भुलाकर,

ठीक लगें वो रख लेना।

जो दुनिया वाले पूछें तुझसे,

किसने की थी बेवफ़ायी।

तुमको है ये कसम हमारी,

नाम मेरा तुम कह लेना।

अपने जीवन से रंग चुराकर,

इंद्रधनुष ये खींच दिया है।

लेकर धागे आसमान से,

ख्वाब नये तुम बुन लेना।

नये साल की ये अभिलाषा,

एक आखरी सौदा हो जाये।

अपने सारे ग़म मुझे देकर,

खुशियाँ मेरी तुम ले लेना।

स्वरचित और मौलिक

विवेक अग्रवाल

--- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/vivek-agarwal70/message
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94 एपिसोडस

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छत पर आके पढ़ लेना।

है तेरी याद में गाया नगमा,

जब हवा बहे तो सुन लेना।

अपने सागर में उगते सूरज को,

नयन घटों से अर्घ्‍य दिया है।

तेरे सागर में जब सूरज डूबे,

अश्कों के मोती चुन लेना।

जितनी भी हैं मेरी यादें,

दो हिस्सों में कर लेना।

बुरी लगें जो उन्हें भुलाकर,

ठीक लगें वो रख लेना।

जो दुनिया वाले पूछें तुझसे,

किसने की थी बेवफ़ायी।

तुमको है ये कसम हमारी,

नाम मेरा तुम कह लेना।

अपने जीवन से रंग चुराकर,

इंद्रधनुष ये खींच दिया है।

लेकर धागे आसमान से,

ख्वाब नये तुम बुन लेना।

नये साल की ये अभिलाषा,

एक आखरी सौदा हो जाये।

अपने सारे ग़म मुझे देकर,

खुशियाँ मेरी तुम ले लेना।

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