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Velankanni Mother Mary Novena in Hindi | DAY 02 | Novena for Impossible Requests in Hindi

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Velankanni Mother Mary Novena in Hindi | DAY 02 का विषय - धन्य कुँवारी मरियम : बचाए जा रहे लोगों की माँ मरियम

पवित्र बाइबिल में दो प्रकार की सृष्टियों का वर्णन है जैसे पवित्र बाइबिल को ही दो भागों में बाँटा गया है। दोनों की तुलना भी हम कर सकते हैं और करना भी चाहिए।

हम आदम के बारे में विचार नहीं कर रहे हैं, पर हेवा के बारे में।

'हेवा' शब्द का अर्थ ही "सभी मानव प्राणियों की माता"। (उत्पत्ति ग्रन्थ 3:20) आदम ही अपनी पत्नी को यह नाम दिए। लेकिन कब दिए इसको जानना भी अतिआवश्यक है। मनुष्य के पतन के बाद, ईश्वर उन्हें अदन-वाटिका से बाहर कर दिए। उसके बाद ही आदम अपनी पत्नी को हेवा नाम दिए।

नई सृष्टि भी एक वाटिका के बाहर ही हुई थी। गेथसेमनी बारी या वाटिका कलवारी पहाड़ के पास ही था। दोनों की शुरुवात एक पेड़ के सम्बन्ध से ही हुई, पर जहाँ एक का पतन हुआ तो दूसरे का उद्धार।

दूसरी सृष्टि में भी आदम ही नई हेवा को एक नाम दिए। इसमें दिलचस्प बात यह है - दोनों को "माँ" कहा जाता है। जहाँ एक ओर 'हेवा' शब्द का अर्थ ही "सभी मानव प्राणियों की माता" है दूसरी और नया आदम अपनी माँ को मुक्ति प्राप्त लोगों की माँ घोषित करते हैं।

प्रभु येसु क्रूस पर मरने ही वाले थे; उसी समय यह घटना घटती है -

26) ईसा ने अपनी माता को और उनके पास अपने उस शिष्य को, जिसे वह प्यार करते थे देखा। उन्होंने अपनी माता से कहा, "भद्रे! यह आपका पुत्र है"।

27) इसके बाद उन्होंने उस शिष्य से कहा, "यह तुम्हारी माता है"। उस समय से उस शिष्य ने उसे अपने यहाँ आश्रय दिया।

(सन्त योहन का सुसमाचार 19:26-27)

जिस व्यक्ति को प्रभु अपनी माँ को देकर उन दोनों के बीच एक नया सम्बन्ध जोड़ रहे थे उसका कोई नाम नहीं दिया गया है। उसकी पहचान यह है "उस शिष्य को, जिसे वह (प्रभु येसु) प्यार करते थे"।

प्रभु जिनको अपनी मृत्यु से मुक्त कर रहे थे उनमें से प्रथम फल पाने वाले वहीं खड़े थे। प्रभु एक नई सृष्टि का निर्माण कर रहे थे। उस में प्रवेश पाने वालों की माँ 'हेवा' नहीं बल्कि "दूसरी हेवा" हैं अर्तार्थ "धन्य कुँवारी मरियम ईश्वर की माँ" ।

प्रभु येसु का वह प्रिय शिष्य सभी मुक्ति-प्राप्त लोगों के प्रतिनिधि के रूप में खड़े थे। और ईश्वर जिस मुक्ति की बात करते हैं, वह केवल पापों से छुटकारा नहीं है। यह तो एक सम्बन्ध है जिसके तहत सभी मुक्ति-प्राप्त लोग प्रभु येसु के समान बनाये जायेंगे। क्यों?

"क्योंकि ईश्वर ने निश्चित किया कि जिन्हें उसने पहले से अपना समझा, वे उसके पुत्र के प्रतिरूप बनाये जायेंगे, जिससे उसका पुत्र इस प्रकार बहुत-से भाइयों का पहलौठा हो।" (रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 8:29)

यदि सभी मुक्ति-प्राप्त लोग प्रभु येसु के भाई-बहन हैं, तो क्या धन्य कुँवारी मरियम उनकी माँ नहीं हैं?

"यदि कोई निष्कलंक मरियम को अपनी माँ के रूप में नहीं चाहता है, वह येसु मसीह को अपने भाई के रूप में नहीं पा सकेगा।" "If anyone does not wish to have Mary Immaculate for his Mother, he will not have Christ for his Brother." Saint Maximilian Kolbe

इस विषय को अच्छे से समझने पूरे वीडियो को देखिये।

वेलांकन्नी में माता मरियम के दर्शनों का इतिहास :-

वेलांकन्नी में माता मरियम 16 वीं और 17 वीं सदियों में तीन बार दर्शन दीं। माता मरियम समय समय पर लोगों को दर्शन देकर ईश्वर की इच्छा प्रकट करतीं या लोगों की मदद करतीं।

भारत देश के तमिलनाडु में नागपट्टिनम जिले के वेलांकन्नी नामक जगह पर तीन बार दर्शन दीं।

प्रभु जिस माँ को क्रूस पर मरते समय हमारी माँ के रूप में दिए, वह माँ हमारा देख-रेख करती हैं।

08 सितम्बर माँ मरियम का जन्मोत्सव है। भारत के विश्वासी - ख्रीस्तीय और गैर-ख्रीस्तीय सभी - 30 अगस्त से लेकर 08 सितम्बर तक वेलांकन्नी माता के महोत्सव के रूप में मानते हैं।

08 सितम्बर की तैयारी में "स्वास्थ्य की माता वेलांकनी की नौरोजी प्रार्थना" के रूप में मनाते हैं। इस तैयारी को और सफल बनाने हम उसका वीडियो बनाये हैं।

हर दिन माँ मरियम के जुड़े एक विशेष विषय पर मनन-चिंतन और उसके बाद "स्वास्थ्य की माता वेलांकनी की नौरोजी प्रार्थना" होगा।

Novena In Hindi (Playlist) - https://bit.ly/3TtEzY8

Mary in Hindi (Playlist) - https://bit.ly/3C1PYId

Download the Novena in Pdf - https://greatergloryofgod.in/velankanni-mother-mary-novena-in-hindi-day-02/

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पवित्र बाइबिल में दो प्रकार की सृष्टियों का वर्णन है जैसे पवित्र बाइबिल को ही दो भागों में बाँटा गया है। दोनों की तुलना भी हम कर सकते हैं और करना भी चाहिए।

हम आदम के बारे में विचार नहीं कर रहे हैं, पर हेवा के बारे में।

'हेवा' शब्द का अर्थ ही "सभी मानव प्राणियों की माता"। (उत्पत्ति ग्रन्थ 3:20) आदम ही अपनी पत्नी को यह नाम दिए। लेकिन कब दिए इसको जानना भी अतिआवश्यक है। मनुष्य के पतन के बाद, ईश्वर उन्हें अदन-वाटिका से बाहर कर दिए। उसके बाद ही आदम अपनी पत्नी को हेवा नाम दिए।

नई सृष्टि भी एक वाटिका के बाहर ही हुई थी। गेथसेमनी बारी या वाटिका कलवारी पहाड़ के पास ही था। दोनों की शुरुवात एक पेड़ के सम्बन्ध से ही हुई, पर जहाँ एक का पतन हुआ तो दूसरे का उद्धार।

दूसरी सृष्टि में भी आदम ही नई हेवा को एक नाम दिए। इसमें दिलचस्प बात यह है - दोनों को "माँ" कहा जाता है। जहाँ एक ओर 'हेवा' शब्द का अर्थ ही "सभी मानव प्राणियों की माता" है दूसरी और नया आदम अपनी माँ को मुक्ति प्राप्त लोगों की माँ घोषित करते हैं।

प्रभु येसु क्रूस पर मरने ही वाले थे; उसी समय यह घटना घटती है -

26) ईसा ने अपनी माता को और उनके पास अपने उस शिष्य को, जिसे वह प्यार करते थे देखा। उन्होंने अपनी माता से कहा, "भद्रे! यह आपका पुत्र है"।

27) इसके बाद उन्होंने उस शिष्य से कहा, "यह तुम्हारी माता है"। उस समय से उस शिष्य ने उसे अपने यहाँ आश्रय दिया।

(सन्त योहन का सुसमाचार 19:26-27)

जिस व्यक्ति को प्रभु अपनी माँ को देकर उन दोनों के बीच एक नया सम्बन्ध जोड़ रहे थे उसका कोई नाम नहीं दिया गया है। उसकी पहचान यह है "उस शिष्य को, जिसे वह (प्रभु येसु) प्यार करते थे"।

प्रभु जिनको अपनी मृत्यु से मुक्त कर रहे थे उनमें से प्रथम फल पाने वाले वहीं खड़े थे। प्रभु एक नई सृष्टि का निर्माण कर रहे थे। उस में प्रवेश पाने वालों की माँ 'हेवा' नहीं बल्कि "दूसरी हेवा" हैं अर्तार्थ "धन्य कुँवारी मरियम ईश्वर की माँ" ।

प्रभु येसु का वह प्रिय शिष्य सभी मुक्ति-प्राप्त लोगों के प्रतिनिधि के रूप में खड़े थे। और ईश्वर जिस मुक्ति की बात करते हैं, वह केवल पापों से छुटकारा नहीं है। यह तो एक सम्बन्ध है जिसके तहत सभी मुक्ति-प्राप्त लोग प्रभु येसु के समान बनाये जायेंगे। क्यों?

"क्योंकि ईश्वर ने निश्चित किया कि जिन्हें उसने पहले से अपना समझा, वे उसके पुत्र के प्रतिरूप बनाये जायेंगे, जिससे उसका पुत्र इस प्रकार बहुत-से भाइयों का पहलौठा हो।" (रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 8:29)

यदि सभी मुक्ति-प्राप्त लोग प्रभु येसु के भाई-बहन हैं, तो क्या धन्य कुँवारी मरियम उनकी माँ नहीं हैं?

"यदि कोई निष्कलंक मरियम को अपनी माँ के रूप में नहीं चाहता है, वह येसु मसीह को अपने भाई के रूप में नहीं पा सकेगा।" "If anyone does not wish to have Mary Immaculate for his Mother, he will not have Christ for his Brother." Saint Maximilian Kolbe

इस विषय को अच्छे से समझने पूरे वीडियो को देखिये।

वेलांकन्नी में माता मरियम के दर्शनों का इतिहास :-

वेलांकन्नी में माता मरियम 16 वीं और 17 वीं सदियों में तीन बार दर्शन दीं। माता मरियम समय समय पर लोगों को दर्शन देकर ईश्वर की इच्छा प्रकट करतीं या लोगों की मदद करतीं।

भारत देश के तमिलनाडु में नागपट्टिनम जिले के वेलांकन्नी नामक जगह पर तीन बार दर्शन दीं।

प्रभु जिस माँ को क्रूस पर मरते समय हमारी माँ के रूप में दिए, वह माँ हमारा देख-रेख करती हैं।

08 सितम्बर माँ मरियम का जन्मोत्सव है। भारत के विश्वासी - ख्रीस्तीय और गैर-ख्रीस्तीय सभी - 30 अगस्त से लेकर 08 सितम्बर तक वेलांकन्नी माता के महोत्सव के रूप में मानते हैं।

08 सितम्बर की तैयारी में "स्वास्थ्य की माता वेलांकनी की नौरोजी प्रार्थना" के रूप में मनाते हैं। इस तैयारी को और सफल बनाने हम उसका वीडियो बनाये हैं।

हर दिन माँ मरियम के जुड़े एक विशेष विषय पर मनन-चिंतन और उसके बाद "स्वास्थ्य की माता वेलांकनी की नौरोजी प्रार्थना" होगा।

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