बिहार में बदलते राजनीतिक रिश्ते, किसका फायदा-किसका नुकसान?
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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और जेडीयू ने सीट शेयरिंग का ऐलान कर दिया है. बिहार में इस बार बीजेपी 121 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी, वहीं जेडीयू+ के खाते में 122 सीटें हैं. एनडीए दल पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो नीतीश कुमार के नेतृत्व में ये चुनाव लड़ेंगे, यानी सीएम का चेहरा नीतीश ही होंगे.
लेकिन, इस सीएम के चेहरे को नामंजूर करते हुए LJP बागी बन चुकी है. सीट शेयरिंग के ऐलान से कुछ ही दिन पहले चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी ने नीतीश के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया. चिराग पासवान का कहना है कि उन्हें नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है और वो बिहार की जनता तक विकास पहुंचाने में सफल नहीं रहे. इसलिए वो जेडीयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारेंगे. हालांकि चिराग ने कहा था कि वो बीजेपी को समर्थन जारी रखेंगे. इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी की भी जमकर तारीफ की और उनके विजन को बिहार के लिए जरूरी बताया. लेकिन 10 अक्टूबर को बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने साफ-साफ दोहराया कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव मैदान में है और जो नीतीश के नेतृत्व को नहीं मानेगा वो एनडीए में नहीं रह सकता.
अब युवा नेता चिराग पासवान का ये कड़ा और बड़ा फैसला उन्हें बिहार की राजनीति में कितने नंबर देगा, इस पर सभी की नजरें टिकीं होंगी. बिहार NDA में रंग बदलते रिश्तो के बारे में समझिये आज बिग स्टोरी में.
रिपोर्ट: फबेहा सय्यद
असिस्टेंट एडिटर: मुकेश बौड़ाई
म्यूजिक: बिग बैंग फज
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