हाथरस केस- इंसाफ दिलाने से ज्यादा प्रशासन को इज्जत बचाने की फिक्र
MP3•एपिसोड होम
Manage episode 273433201 series 2593782
Ideabrew Studios and The Quint द्वारा प्रदान की गई सामग्री. एपिसोड, ग्राफिक्स और पॉडकास्ट विवरण सहित सभी पॉडकास्ट सामग्री Ideabrew Studios and The Quint या उनके पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पार्टनर द्वारा सीधे अपलोड और प्रदान की जाती है। यदि आपको लगता है कि कोई आपकी अनुमति के बिना आपके कॉपीराइट किए गए कार्य का उपयोग कर रहा है, तो आप यहां बताई गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं https://hi.player.fm/legal।
देश ने निर्भया गैंगरेप मामले में हाल ही में करीब 8 साल बाद दोषियों को फांसी पर लटकते देखा और खुशी मनाई, लेकिन आज भी कई निर्भया ऐसी हैं, जिनकी आवाज पहले तो समाज तक पहुंचती नहीं है, लेकिन अगर किसी तरह मामला सामने आ भी गया तो सत्ता में बैठे लोग उसे दबाने की हर मुमकिन कोशिश में जुट जाते हैं. यूपी के हाथरस में भी एक ऐसा ही मामला देखने को मिल रहा है. जहां एक 20 साल की लड़की के साथ खेतों में ले जाकर दरिंदगी हुई और उसे बुरी तरह से पीटा गया, जिसके बाद 15 दिनों तक पीड़िता दर्द में कराहती रही और आखिरकार उसने इस दुनिया को छोड़ दिया. लेकिन इस पूरे मामले ने लचर कानून व्यवस्था के आगे लगे पर्दे को गिरा दिया.
14 सितंबर को जिस दिन लड़की के साथ दरिंदगी हुई, उस दिन से लेकर अब तक इस पूरे मामले से एक बार फिर यूपी में कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा पर बहस छिड़ चुकी है. ये पूरा मामला आप को तफ्सील से सुनायेंगे, लेकिन एक बुनियादी सवाल ये कि निर्भया को इन्साफ मिल गया, लेकिन हाथरस की इस बेटी के साथ ये नाइंसाफ़ी क्यों? इस पर सुनिए लेखक और दलित समाज पर कमेंट्री करने वाले पत्रकार अनिल चमड़िया जी को.
रिपोर्ट: फ़बेहा सय्यद
असिस्टेंट एडिटर: मुकेश बौड़ाई
म्यूजिक: बिग बैंग फज
रिपोर्ट: फ़बेहा सय्यद
असिस्टेंट एडिटर: मुकेश बौड़ाई
म्यूजिक: बिग बैंग फज
376 एपिसोडस