Transition सार्वजनिक
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This Hindi Podcast brings to you in-depth conversations on politics, public policy, technology, philosophy and pretty much everything that is interesting. Presented by tech entrepreneur Saurabh Chandra, public policy researcher Pranay Kotasthane, and writer-cartoonist Khyati Pathak, the show features conversations with experts in a casual yet thoughtful manner. जब महफ़िल ख़त्म होते-होते दरवाज़े के बाहर, एक पुलिया के ऊपर, हम दुनिया भर की जटिल समस्याओं को हल करने में लग जाते हैं, तो हो जाती है ...
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Jyotish in Hindi

Astro Life Sutras

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मासिक
 
In this series we are going to discuss fundamentals of Astrology in hindi. Divine and occult knowledge of astrology can make you a good human being. This subject is not for knowing future. This subject will help you to know your inner self. This is astrology podcast for the learner of Jyotish. You can learn astrology here. Nitin P.Kashyap is going to share his knowledge through this Jyotish Podcast.
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Power sector will play a crucial role in India's climate transition. However, reforms remain stalled and the price system is broken in this sector dominated by the state. What are some possible solutions to navigate this challenge? This week on Puliyabaazi, Akshay Jaitly joins us to give us a comprehensive view of the sector and presents new ideas …
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पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था उथल-पुथल भरे दौर से गुज़र रही है। बढ़ती महंगाई और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के जीवन स्तर को काफ़ी प्रभावित किया है। इसके पीछे क्या वज़ह है? पाकिस्तान इन आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए ज़रूरी सुधारों को लागू क्यों नहीं कर पा रहा है? इस हफ़्ते, हम बात करेंगे उज़ैर यूनुस से, जो अपने पॉडकास्ट पाकिस्तो…
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पेरिस ओलंपिक्स के नजदीक आने के साथ ही भारत में कई खेल प्रेमी सोच रहे होंगे: भारत ओलंपिक की मेजबानी कब करेगा? लेकिन अगर कोई खेल प्रेमी पुलियाबाज़ी का श्रोता है, तो वह सबसे पहले यह सवाल पूछेगा: क्या भारत को ओलंपिक की मेजबानी करनी चाहिए? क्या इस तरह के आयोजन से भारत में खेल को बढ़ावा मिलेगा या यह हमारे सीमित संसाधनों की बर्बादी होगी? क्या कोई और विकल्…
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इस सप्ताह पुलियाबाज़ी पर हम चर्चा करते हैं कि कैसे फ्री मोबिलिटी समझौतों के माध्यम से भारतीयों के लिए नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। क्या यह हमारे ब्रेन ड्रेन को ब्रेन गेन में बदलने का मार्ग हो सकता है? ज़रूर सुनें। This week on Puliyabaazi, we discuss how new opportunities can be created for Indians by improving rotational labour mobility for India…
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इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर और एक सफरनामा जिसमें सौरभ देते हैं अपने बोस्टन सफर का ब्यौरा। क्या इकोसिस्टम है बोस्टन में जिससे वहाँ रोबोटिक्स से लेकर बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्र में अप्रतिम संशोधन निकल कर आते हैं? क्या चीन में भी ऐसी इकोसिस्टम बनाना संभव है? जुड़िये इस पुलियाबाज़ी पर। अगर आपकी कोई टिप्पणियाँ हो तो ज़रूर भेजें। अगर आप पुलियाबाज़ी पर अपने विचार…
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भारत में आर्थिक विश्लेषण अक्सर राज्य-केंद्रित होता है। हालाँकि, राज्यों के भीतर भी काफ़ी आर्थिक भिन्नताएँ हैं। भारत को क्षेत्रीय विविधता के नज़रिए से देखना शायद ज़्यादा सटीक होगा- 85 क्षेत्रों का देश, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अर्थव्यवस्था, भौगोलिक पहचान, संसाधन और कुशलता हैं। इस नज़रिए से भारत कैसा दिखता है? क्षेत्रीय स्तर पर विश्लेषण से हम भारत क…
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Discover how to boost motivation using insights from the Lagna Lord in astrology with Astrologer Nitin Kashyap. Learn where to find self-confidence through Jyotish principles in this informative podcast. Admission Queries Form Join our Whatsapp community - Astro Life Sutras provided astrology online and offline courses, consultation with Astrologer…
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ये अंक २०१९ लोक सभा चुनाव के पहले प्रकाशित किया गया था इलोन मस्क के EVM से जुड़े ट्वीट ने इस मशीन को एक बार फिर अख़बारों के प्रथम पृष्ठ पर ले आया है | तो पुलियाबाज़ी में हमने इस प्रश्न से हटकर मतदान प्रक्रिया को समझने का प्रयास किया | इस पुलियाबाज़ी में हमारे गेस्ट है श्री अलोक शुक्ला जो २००९ और २०१४ के बीच भारत के डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर रह चुके हैं …
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'कोस कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी, जो नहीं बदलती वो है हिंदुस्तानी।’ तो आइये करते है आज हिंदुस्तानी भाषाओं पर एक पुलियाबाज़ी। जिसमे बातें पाकिस्तान में बोली जाती एक द्रविड़ भाषा ब्राहुई से लेकर पूर्वोत्तर के बाजार की भाषा नगामीस तक। एक दूसरे के जैसी पर एक दुसरे से अलग, ऐसी भारतीय भाषाओं की कहानी संपादक और लेखक कार्तिक वेंकटेश के साथ। This week, …
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नीतियां बनाते वक़्त, ये समझना ज़रूरी होता है कि लोग कैसे सोचते हैं और कैसे अपना व्यवहार तय करते हैं, तभी कामयाब और फायदेमंद नीतियां बन पाएंगी। लेकिन, क्या नीति बनाने वाले ये मान लें कि लोग अक्सर अतार्किक फैसले लेते हैं या ये कि लोग ज़्यादातर विवेकशील होते हैं? आखिर, ऐसी मान्यताओं के आधार पर कैसी नीतियां बनेंगी? आइये, करते हैं आज इसी पर चर्चा। In the …
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क्या आपको पता है कि विश्व युद्ध और भारत के बंटवारे के बाद भी दशकीय जनगणना समय पर की गयी थी, जब की हालिया दशकीय जनगणना करने में देरी हो चुकी है। इससे शासन प्रणाली पर काफ़ी असर पड़ेगा क्योंकि हर एक जिल्ले में कितनी सरकारी सुविधा प्रदान की जाये ये जनगणना के हिसाब से निश्चित किया जाता है। जनगणना और जनसंरचना याने कि डेमोग्राफी एक दिलचस्प विषय है जिसको गहर…
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अक्सर हमारे नेता भारतीय शहरों को सिंगापुर जैसा बनाने का सपना रखते है। क्या है जो हमारे शहर सिंगापुर से सीख सकते हैं? इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर सुनिए सिंगापुर यात्रा से प्रणय के अवलोकन। इस सफ़रनामा में बात खुले व्यापार से लेकर स्ट्रीट लाइट्स तक। सुनियेगा ज़रूर। Singapore is often seen as a model for development for Indian cities. This week, Pranay shares…
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क्या आपने कभी सोचा है कि एक न्यायपूर्ण समाज कैसा दिखता है? आज हम न्यायपूर्ण समाज की दो परिकल्पना को समझेंगे, जॉन रॉल्स और रोबर्ट नोज़िक के दृष्टिकोण से। जॉन रॉल्स करते हैं समानता की पैरवी, जब के नोज़िक रखते हैं स्वतंत्रता का पक्ष। इस पुलियाबाज़ी में हम दोनों पक्षों के तर्क को समझने की कोशिश करेंगे। क्या इसमें कोई समाधान की आशा है? वो तो आप ही सुनिए, …
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भारत में भवन निर्माण कोड तो कई है, पर क्या वे सभी तर्कसंगत और व्यावहारिक है? समय के साथ जड़ हो गए बिल्डिंग कोड से भारतीय कंपनियों का कितना नुकसान हो रहा है? क्या है इसके दीर्घकालिक परिणाम? आज इस विषय को गहराई से समझेंगे भुवना आनंद और सरगुन कौर के साथ जिन्होंने स्टेट ऑफ़ रेगुलेशन रिपोर्ट में भारतीय फैक्ट्रियों के बिल्डिंग कोड का गहराई से अध्ययन किया ह…
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हम सभी जानते है कि भारत की राज्य क्षमता यानी की state capacity सीमित है। इसका असर आम भारतीयों के जीवन पर भी होता है। प्राथमिक शिक्षा का उदाहरण लें तो यदि हम यथास्थिति बनाए रखते हैं, तो 2047 तक, हमारे पास अन्य 20 करोड़ बच्चे होंगे जो बुनियादी साक्षरता के बिना प्राथमिक शिक्षा पूरी करेंगे। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि राज्य की क्षमता कैसे बढ़ाई जाए? सरकार…
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इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर हमारे दो बेंगलुरु निवासी होस्ट ‘कारे मेघा, कारे मेघा’ का आलाप लगाते पाए गए। पानी कब बरसेगा ये तो पता नहीं, पर इस पानी की समस्या में छिपे कुछ पब्लिक पॉलिसी के पाठ प्रणय ने ख़ोज निकाले। जब किसी संसाधन की कमी हो तो उसकी सही कीमत लगाने से उसका सही उपयोग निश्चित किया जा सकता है, ये तो पुलियाबाज़ी के श्रोता जानते ही होंगे। आज की पुलि…
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आज़ादी के बाद भारत में जो राजनीतिक पार्टियां उभर कर आ रही थी उसमें से एक थी राजाजी द्वारा स्थापित स्वतंत्र पार्टी। उनकी कोशिश थी की आज़ादी के बाद के भारत में कांग्रेस की योजनाबद्ध व्यवस्था के सामने स्वतंत्र आर्थिक नीति के समर्थन में एक प्रतिपक्ष रखा जाये। क्या थी इस स्वतंत्र पार्टी की विचारधारा और उसकी राजनीति? जिस समय देश में समाजवादी विचारधारा का प…
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हाल ही में सौरभ अपने काम को लेकर अमरीका जाकर आए। तीन अलग अलग शहर एटलांटा, डेट्रॉइट और पालो आल्टो की मुलाकात ली। तो आइये जानते है कि अमेरिका में व्यापार प्रदर्शन कैसे होते है? कौन बचा सकता है एक दिवालिया शहर की कलाकृतियों को? और ऐसे कई अनोखे अवलोकन सौरभ के पिटारे से। This week, we get a peek into the world of manufacturing in the US as Saurabh share…
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