जमशेद क़मर सिद्दीकी के साथ चलिए कहानियों की उन सजीली गलियों में जहां हर नुक्कड़ पर एक नया किरदार है, नए क़िस्से, नए एहसास के साथ ये कहानियां आपको कभी हसाएंगी, कभी रुलाएंगी और कभी गुदगुदाएंगी भी चलिए, गुज़रे वक्त की यादों को कहानियों में फिर जीते हैं, नए की तरफ बढ़ते हुए पुराने को समेटते हैं. सुनते हैं ज़िंदगी के चटख रंगों में रंगी, इंसानी रिश्तों के नर्म और नुकीले एहसास की कहानियां, हर इतवार, स्टोरीबॉक्स में. Jamshed Qamar Siddiqui narrates the stories of human relationships every week that ...
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A friend who is learning ~ growing & sharing with you all through this platform. Spotify - Soniya Talks YouTube ~ Soniya Talks Instagram ~ Soniya Talks
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In This podcast You are going to listen conversation between me and someone special .
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Welcome to the (NVTS PODCAST) Nitish Verma Talk Show Podcast, your destination for all things related to Blogging, Digital Marketing, Technology, Cryptocurrency, and Business Ideas. Hosted by Nitish Verma, this Hindi podcast features in-depth conversations and expert insights on the latest trends and strategies in these fields. Whether you're a blogger, entrepreneur, or just someone looking to stay on top of the latest developments in the digital world, this podcast is for you. Website: http ...
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Bhailu: Bhailu is a character who is a PJ Master, he can connect to anything and everything and he always has a PJish take on any situation or person. Bhailu takes out 2 meanings out of one word or a sentence, though the most decent double meanings.
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एक शायर की ख़ुदकुशी | स्टोरीबॉक्स | EP 86
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एक मरता हुआ पेशेंट जो मरने से पहले आखिरी बार अपने उस पसंदीदा शायर की नज़्म सुनना चाहता है जिसने ज़िंदगी की बोरियत से तंग आकर खुदकुशी कर ली थी। और एक फीमेल डॉक्टर जो जानती है कि वो मरता हुआ पेशेंट मरते वक्त उसके गले लग कर इस दुनिया से जाना चाहता है क्योंकि वो उससे मुहब्बत करता है। सुनिए स्टोरीबॉक्स की कहानी 'एक शायर की खुदकुशी' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी …
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मोहल्ले का मंकी मैन | स्टोरीबॉक्स | EP 85
19:36
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मोहल्ले में आ गया है मंकी मैन. चश्मदीद बताते हैं कि उसकी आंखों की जगह लाल लाइट हैं और मुंह से धुआं निकलता है. वो छत के ऊपर से उड़ते हुए गुज़रता है और लोगों को काट लेता है. मोहल्ले के पार्षद जी बसेसर नाथ ने जनता से वादा किया है कि वो मंकी मैन से निपटने के लिए अपने घर की छत पर सोएंगे. क्या होगा पार्षद जी का - सुनिए 'स्टोरीबॉक्स' में नई कहानी 'मोहल्ले…
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ख़ामोश सा अफ़साना | स्टोरीबॉक्स | EP 84
14:17
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नए रिश्तों की चमक में पुराने रिश्ते मद्धम ज़रूर पड़ जाते हैं लेकिन उनकी याद अक्सर आंखों को भिगो जाती है. मेरी एक उंगली पर बना वो निशान जो पुरानी अंगूठी उतारने से बन गया था, मुझे बार बार मेरे गुज़र चुके शौहर की याद दिला रहा था पर अब वक्त आ गया था कि उसे उतार दिया जाए - सुनिए स्टोरीबॉक्स की कहानी 'ख़ामोश सा अफ़साना' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से…
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How to accept death of a loved one ?
34:42
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शायद मैं अकेली थी जिसे ईद का इंतज़ार नहीं था. इंतज़ार करें भी तो किसका. कुछ लोग आपकी ज़िंदगी से इस तरह जाते हैं कि सब कुछ बेरंग लगने लगता है, खासकर तब जब आपको पता हो कि वो इसी दुनिया के किसी हिस्से में आप के बारे में सोच रहे होंगे - सुनिए स्टोरीबॉक्स में एक खास कहानी 'ईद मुबारक' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से…
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एक डॉगी की लवस्टोरी | स्टोरीबॉक्स | EP 82
19:26
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कहते हैं कि आदमी इश्क़ में कुत्ता बन जाता है लेकिन मुझे ऐसा कोई डर नहीं था क्योंकि मैं तो एक कुत्ता ही था। मैं सड़क का आवारा कुत्ता था लेकिन मुझे इश्क़ हो गया था उस आलीशान घर में रहने वाली पिंकी पॉमेरेनियन से जो अपनी मंहगी कार में अपनी मालकिन की गोद में बैठी रहती थी। हमने भी हार नहीं मानी गली के सारे दोस्त यार, मरझिल्ले, कनकटे, दुबले-पतले कुत्ते जम…
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फांसी या उम्रक़ैद? | PART 2 | स्टोरीबॉक्स | EP 81
21:40
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15 साल कैद के बदले दस करोड़ की शर्त लगाने वाला वो अमीर कारोबारी कौन था जिसने सातवीं पास लड़के से लगाई एक अजीब शर्त? वो उस लड़के के कमरे में रिवॉल्वर लेकर क्यों गया था? और क्या वो लड़का अशर, 15 साल क़ैद की वो शर्त पूरी कर पाया? सुनिए स्टोरीबॉक्स में बेहद ख़ास कहानी फांसी या उम्रक़ैद - आजतक रेडियो पर साउन्ड मिक्सिंग: नितिन रावत…
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फांसी या उम्रक़ैद? | PART 1 | स्टोरीबॉक्स | EP 80
17:52
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एक सातवीं पास शख्स से एक अमीर कारोबारी ने लगाई अजीब शर्त जिसमें उसे 15 साल तक एक क़ैद खाने में रहना था जिसके एवज में वो उसे दस करोड़ देने वाला था. क्यों लगाई उसने ऐसी शर्त और कौन जीता इस शर्त को - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'फांसी या उम्रकैद' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से साउन्ड मिक्सिंग: सचिन द्विवेदीद्वारा Aaj Tak Radio
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सीमा दीदी ऑफिस में अपने पति की खूब तारीफें करती थीं लेकिन उनके हाथ पर हर रोज़ चोट का एक नया निशान दिखता था. वो कहती थीं, "वीकंड पर हम लोग फिल्म देखने गए थे, ये तो मेरा इतना ख़्याल रखते हैं कि पूछो मत बार बार फोन करते हैं" जबकि वो कभी उनको पिक करने दफ़्तर नहीं आए थे. सीमा दीदी दुनिया के सामने अपनी ज़िदगी को झूठी खूबसूरती से सजाए रखना चाहती थीं, जबकि…
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हकीम साहब की चूहेदानी | स्टोरीबॉक्स | EP 78
20:06
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जिस सुबह तीन मोटे चूहों ने हकीम साहब की सदरी दातों से कुतर डाली, उन्होंने तय किया कि अब चाहे जो भी हो जाए लेकिन इन चूहों से छुटकारा पाकर रहेंगे लेकिन उनको पकड़ने के लिए चाहिए एक चूहेदानी. एक तो सदरी कट गयी, ऊपर से पैसा खर्च करके वो खरीदें तो भई ये तो न हो पाएगा. इसके लिए उन्होंने एक ऐसी तरकीब सोची कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे, लेकिन ये तरकीब…
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A Nameless Dog (एक बेनाम कुत्ता) | स्टोरीबॉक्स | EP 77
19:52
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कोई नहीं जानता था कि उस कुत्ते का नाम क्या था और वो वहां कब से आया था? काले रंग का वो कुत्ता मुझे हमेशा ग्राउंड फ्लोर के दरवाज़े की चौखट पर सर टिकाए बैठा रहता था. हर आहट पर उसके कान खड़े हो जाते थे पर अब वो बीमार हो गया था और एक रोज़ उसकी आंखें बंद होने लगीं... और तब मैंने उसे उसके नाम से पुकारा... शायद 8 साल में पहली बार किसी ने उसे उसके नाम से पु…
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उस खिड़की में ... कोई है | स्टोरीबॉक्स | EP 76
16:48
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कभी आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि सड़क से गुज़रते हुए किसी ऐसे खाली मकान की तरफ देखने पर जो सालों से खाली हो... ऐसा लगता है जैसे उसकी खिड़की से कोई आपको देख रहा है? दो आंखें आपकी तरफ देख रही हैं... क्योंकि उन्हें आपसे कुछ कहना है... वो आपका तब तक पीछा करती हैं जब तक ... आप उन्हें देख पाते हैं और या फिर वो आपको - सुनिए स्टोरीबॉक्स की कहानी 'उस खिड़की मे…
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राजू शर्मा की लव स्टोरी | स्टोरीबॉक्स | EP 75
12:02
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राजू शर्मा अब दो बच्चों के पिता और एक बीवी के पति हैं. बाहर निकला हुआ पेट है, डबल चिन है. ज़िंदगी की दो दुनी चार में उलझे रहते हैं पर क्या कोई कह सकता है कि ये वही राजू हैं जो कॉलेज के ज़माने में 'राज' हुआ करते थे. स्पोर्ट्स बाइक पर जिधर से निकलते थे लड़कियां आहें भरती थीं... पर फिर उनकी शादी हो गयी. फरवरी की गुलाबी ठंड में वैलेटाइन जब दस्तक देने ल…
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शहर में हर तरफ दंगे फैले हुए थे. सड़कों से जली हुई गाड़ियों का काला धुआं उठ रहा था और बीच बीच में पुलिस की सायरन बजाती गाड़ियां सन्नाटे को चीरती हुई निकल जाती थीं. इसी वक्त मैं एक सड़क पर अपनी कार में बैठा मदद का इंतज़ार कर रहा था क्योंकि रास्ते में मेरी कार ख़राब हो गयी थी. तभी एक शख्स ने खिड़की पर दस्तक दी और उसके बाद वो हुआ जिसका मुझे बिल्कुल भी…
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आंटी ने मुझसे मना किया था कि मैं उस रास्ते से न आऊं लेकिन क्यों ये वो नहीं बताती थीं. एक बार जब मैंने ज़ोर देकर पूछा तो उन्होंने बताया कि उस रास्ते पर एक उदास रूह भटकती है. मुझे पता चला कि उसी रास्ते पर पहले भी तीन लाशें मिल चुकी हैं जिनकी हालत इतनी ख़राब थी कि उन्हें पहचाना भी नहीं जा सका. मैंने वादा तो कर लिया कि मैं उधर से नहीं जाऊंगा पर एक रोज़…
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शहर, कोहरा और क़त्ल | स्टोरीबॉक्स | EP 72
18:13
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पागलखाने की मोटी दीवारों के बीच नादिया ज़ंजीरों से बंधी हुई थी। शहर के अरबपति इत्र कारोबारी शेख अब्दुल हुनैद की इकलौती औलाद, चीख रही थी। दो डॉक्टरों की उंगली चबा लेनी वाली नादिया ने अपने शौहर के टुकड़े टुकड़े क्यों कर दिए और क्यों उसेक पिता ने उसके पति से कहा था - नादिया को नुकीली चीज़ों से दूर रखना। कोहरे की चादर से ढके शहर में कौन कर रहा था एक के…
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नौ सो की लिप्स्टिक | स्टोरीबॉक्स | EP 71
13:30
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“जाओ... कल से चली जाऊंगी रिक्शा करके, कोई ज़रूरत नहीं मुझे ऑफ़िस ड्रॉप करने की” अंजली गुस्से से बोली, “वैसे भी तुम्हारा टुटपुंजिया स्कूटर देखकर हंसते हैं मेरे ऑफिस वाले” मैंने कहा, “हां-हां तो तुम तो शाही घोड़ागाड़ी वाले खानदान की हो न... लोकेश ने तंज़ कसा तो अंजली ज़हरबुझी आवाज़ में बोली, “ख़ानदान की धौंस न दो, सब पता है तुमाए दादा सपरौता गांव में…
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अदरक वाली चाय | स्टोरीबॉक्स | EP 70
19:12
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मैं जब उनके घर में फ्रिज रिपेयर करने पहुंचा तो मैंने देखा कि वो बुज़ुर्ग और उनकी पत्नी बड़े से पीली रौशनी वाले घर में अकेले थे। उनके पास बातचीत करने के लिए कुछ नहीं था। शायद उन्हें जो कुछ एक दूसरे से कहना था वो अपने 35 साल के रिश्ते में सब कह चुके थे। जब बुज़ुर्ग चाय बनाने लगे तो मैंने कहा, "क्या आप दोनों इस घर में अकेले ही रहते हैं" बुज़ुर्ग ने मे…
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न्यू ईयर नाइट और एक क्राइम | स्टोरीबॉक्स | EP 69
19:06
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वो नए साल की रात थी... जब सारा शहर रंगिनियों में खोया था... शहर की सड़कें जश्न के रंग में डूबी हुई थी... लेकिन इसी शहर में शाम से ही पुलिस की गाड़ियां हड़बड़ाए सायरन की आवाज़ बजाते हुए शहर में घूम रही थीं। खबर थी कि इस शहर में एक संदिग्ध शख्स को दाखिल होते हुए देखा गया है जिसके इरादे खतरनाक हैं। वो शख्स कौन था... और क्या चाहता था... जश्न में डूबा ह…
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छुट्टी का एक दिन | स्टोरीबॉक्स | EP 68
13:11
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उस कड़कड़ाती ठंड की सुबह, स्कूल में बतौर टीचर पढ़ाने वाले एक साहब जब स्कूल जाने की तैयारी कर रहे थे कि तभी उन्हें रेडियो पर खबर मिली कि सर्दी की वजह से आज डीएम साहब ने पूरे ज़िले में दसवीं तक के स्कूलों की छुट्टी कर दी है। वो मारे खुशी के उछल पड़े लेकिन तभी उनके दिमाग में आयी एक शरारत... - सुनिए 'छुट्टी का एक दिन' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी…
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पुराने लखनऊ में वो करीब सौ साल पुरानी क्लीनिक थी जिसमें डाकटर साहब एक बड़ी सी मेज़ के पीछे बैठते थे। पीछे अलमारी में सैकड़ों दवाएं सजी रहती थीं जिसे शायद अर्से से खोला नहीं गया था। डॉकटर खान के हाथों में बड़ी शिफ़ा थी। नाक कान गले के डॉक्टर थे और दो खुराक में पुराने से पुराना मर्ज़ ठीक हो जाता था। बस एक दिक्कत थी और वो ये कि 'डाकटर साहब' डांटते बहु…
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Play this everyday to protect your house 🏡
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चचाजान की लव मैरिज | स्टोरीबॉक्स | EP 66
17:23
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ये उन दिनों की बात है कि जब चचा जान अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे और उन दिनों गेट नम्बर दो पर एक पीसीओ होता था। पीसीओ के मालिक रमज़ानी भाई से चचा की दोस्ती थी। दिनभर चाय का दौर चलता रहता। लेकिन उन दिनों फोन पर किसी को बुला देना का बड़ी रवायत थी। फोन आता है कि भई फलां बोल रहे हैं, फलां को बुला दीजिए। दिन भर मोहल्लेदारी में किसी न किसी को बुलाना हो…
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सागर साहब का ऑटोग्राफ़ | स्टोरीबॉक्स | EP 65
16:08
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सड़क पर टहलते उस आदमी ने मुझसे कहा कि आप मेरी मदद कर सकते हैं क्या? मैं समझ गया कि ये आदमी अब मुझसे कहेगा कि इसका पर्स कहीं गिर गया है या फिर ये दूसरे शहर का है और पैसे कहीं खो गए हैं या ऐसी ही कोई बात कहेगा और मुझसे पैसे मांगेगा. मैंने भी सोच लिया था कि मैं उसे पैसे बिल्कुल नहीं दूंगा क्योंकि ऐसे ठगों को मैंने खूब देखा है. मैंने कहा, "बताइये क्या …
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पाँच सौ का नोट | स्टोरीबॉक्स | EP 64
20:06
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सात साल की मेरी बेटी त्रिशा दोपहर से लापता थी। मैंने पूरे शहर के कई चक्कर लगा लिये थे लेकिन अब तक उसका कोई पता नहीं चल पाया था। मैं और मेरे पड़ोसी ज़ैदी साहब थक हार कर घर पहुंचे ही थे कि मेरे घर का फोन बजा। पुलिस स्टेशन से कॉल था। उन्होंने बताया कि भगत सिंह चौक पर लगे सीसीटीवी में त्रिशा को देखा गया है। उसके साथ कोई आदमी है। मैं हड़बड़ाया हुआ पुलिस…
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How to say Goodbye to Toxic People ?
20:53
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तूफ़ान की एक रात | स्टोरीबॉक्स | EP 63
19:44
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वो तूफ़ान की एक रात थी। पूरे शहर की बिजली चली गयी थी और इस सिरे से उस सिरे तक अंधेरा ही अंधेरा था। बारिश इतनी तेज़ थी कि लगता था पूरे शहर को बहा ले जाएगी। इसी अंधेरे में चैपल स्ट्रीट के एक दो मंज़िला मकान पर एक लड़की अंधेरे कमरे में अपनी ज़िंदगी की उदासियों, मायूसियों और तल्खियों के साथ छत से लटकते फंदे से झूल जाने की तैयारी में थी। लेकिन उसी वक्त …
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Lessons & Blessings from a Narcissistic Relationship
31:14
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बदनाम सा एक शायर | स्टोरीबॉक्स | EP 62
19:53
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शायर का काम दुनिया बदलना नहीं होता, उनका काम बस दुनिया को ये बताते रहना है कि इस दुनिया को बदलना क्यों ज़रूरी है। वो भी एक शायर था जिसके मन में इंकलाब के शोले थे मगर उसके दामन पर एक अजीब क़िस्म की बदनामी का दाग था जिसे वो हर हाल में मिटाना चाहता था। सुनिए कहानी 'बदनाम सा एक शायर' स्टोरीबॉक्स में.द्वारा Aaj Tak Radio
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किसी की दुआ, किसी और के लिए बद्दुआ बन जाती है। उसे तो यही लगता था कि काश उसने हिबा को पाने की दुआ न मांगी होती तो उसका मंगेतर रोड एक्सीडेंट में मरता नहीं। क्या अब हिबा अपने मंगेतर के पसंदीदा रंग सफेद तो को ही अपनी ज़िंदगी में शामिल रखेगी या कभी कोई और रंग भी उसके हिस्से में आ पाएगा? सुनिए कहानी 'हरा दुपट्टा' स्टोरीबॉक्स में…
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हम नहीं थे बेवफ़ा | स्टोरीबॉक्स | EP 60
22:46
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शायर बशीर बद्र ने कहा था कि हर बेवफ़ा शख्स की कुछ मजबूरियां होती हैं लेकिन क्या अपने साथ हुई बेवफ़ाई को इस तरह भुला पाना सबके बस में होता है? क्या सुहानी जो अपने दिल में ज़ख्मों को सजा कर बैठी है कभी उन कड़वी यादों की सरहद को लांघ पाएगी? सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'हम नहीं थे बेवफ़ा' जमशेद कमर सिद्दीक़ी से.…
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उल्लू का पट्ठा | स्टोरीबॉक्स | EP 59
16:07
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क़ासिम पागल नहीं था, वो होशमंद आदमी था पर ये अजीब सी ख़्वाहिश उसके दिल में चिंगारी की तरह भड़क रही थी कि वो जल्दी से किसी को 'उल्लू का पट्ठा' कह दे। लेकिन क्यों? किसलिए? ये नहीं पता था। बस दिल से आवाज़ निकल रही थी कि किसी से कोई ग़लती हो और वो फ़टाक से उसे 'उल्लू का पट्ठा' कह दे। क्या क़ासिम किसी को कह पाया उल्लू का पट्टा? - सुनिए सआदत हसन मंटो की …
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चौधरी साहब का तोता | स्टोरीबॉक्स | EP 58
13:40
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चौधरी साहब जब मरे तो अपने पीछे एक तोता छोड़ गए। तोते का पिंजड़ा घर की ड्योढ़ी पर लटका रहता था और तोता आते-जाते लोगों को गालियां देता रहता। दरअसल गाली-गलौज की आदत तोते ने अपने मरहूम मालिक से सीखी थी। बेवा चौधराइन उसे कभी अमरूद, कभी रोटी का टुकड़ा डाल देती और वो मज़े से खाकर टें-टें करने लगता। एक रोज़ मकान मालिक किराया लेने घर आया - सुनिए मशहूर राइटर…
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इश्क़ में कभी कभी | Part 2 | स्टोरीबॉक्स | EP 57
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हम एक बार बिछड़ चुके थे, दूसरी बार बिछड़ना नहीं चाहते थे। शनाया से जब मैं दूसरी बार मिला तो मेरे हाथ में एक किताब थी 'निर्मल वर्मा' की 'वे दिन' जिसके आखिरी पन्ने पर जो लिखा था अगर वो शनाया पढ़ लेती तो हमारे बीच का वो फासला मिट जाता जो देखने में तो हमारे बीच रखी मेज़ बराबर था, पर असल में उससे कहीं ज़्यादा था - सुनिए स्टोरीबॉक्स में इस हफ्ते की कहानी…
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इश्क़ में कभी कभी | Part 1 | स्टोरीबॉक्स | EP 56
20:13
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बेल बजी और दरवाज़ा खुला... लाल लाल सुर्ख आंखे, रंग बादामी, मूछें घनी... वो शख्स पुलिस अफसर तो कहीं से नहीं लग रहे थे पर बल्कि कदकाठी से ऐसे जल्लाद मालूम होते थे जो फांसी का तख्ता न होने पर आदमी को बगल में दबाकर भी मार सकते थे। सुनिए कहानी - 'इश्क़ में कभी कभी' स्टोरीबॉक्स में.द्वारा Aaj Tak Radio
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