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Udaya Raj Sinha Ki Rachnayein Podcast

Nayi Dhara Radio

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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। खड़ी बोली प्रसिद्ध गद्य लेखक राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह के पुत्र उदय राज सिंह ने अपने पिता की साहित्यिक धरोहर को आगे बढ़ाया। उन्होंने अपने जीवनकाल में बहुत से उपन्यास, कहानियाँ, लघुकथाएँ, नाटक आदि लिखे। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। उदयराज जी के इस जन्मशती वर्ष में हम उ ...
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Sindhi Sanskriti with Tamana and Meena : Sindhi Samaj Podcast

Audio Pitara by Channel176 Productions

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साप्ताहिक
 
एक ऐसी संस्कृति जो दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृतियों में से एक है, जो मुअन-जो-दड़ो से शुरू होती है या उससे भी पहले की हो सकती है। सिंधी भाषा प्राचीन और साहित्य की दृष्टि से समृद्ध है। सिंधी साहित्य जगत के साहित्यकारों ने सिंधी साहित्य को बहुत समृद्ध बनाया है। कोण है सिंधीयो के देवता? सिंधी साहित्य में सबसे पहला संदर्भ किस इतिहासकारों के लेखन में मिलता है? इन सारे सवालों के जवाब जानने के लिए सुनिए सिंधी संस्कृति with तमन्ना और मीणा सिर्फ ऑडियो पिटारा पर. आपको ये शो कैसा लगा? ये कमेंट करके जरू ...
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। सिंधी संस्कृति पॉडकास्ट पर बने रहे । सिर्फ़ ऑडियो पिटारा पर।…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा कहानी ‘कवन होइहें गतिया’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ में। नई …
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘पटना कलम का आख़री सितारा भी टूट गया’ मौलश्री कुलकर्णी की…
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। सिंधी संस्कृति पॉडकास्ट पर बने रहे । सिर्फ़ ऑडियो पिटारा पर…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘जुआड़ी बनने का मंत्र सिखाते टीवी चैनल ’ आरती जैन की आवाज…
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। सिंधी संस्कृति पॉडकास्ट पर बने रहे । सिर्फ़ ऑडियो पिटारा पर।…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘मल्लिक जी’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ में। नई धारा …
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'वह सोना है बेकार जो कानों को करे तार - तार । वह सोने की बालियाँ हैं बेकार, जो कानों पर करे वार।'' किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘होली पर परिचर्चा’ मौलश्री कुलकर्णी की आवाज़ में। नई धार…
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। सिंधी संस्कृति पॉडकास्ट पर बने रहे । सिर्फ़ ऑडियो पिटारा पर।…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘कुछ अपनी कुछ उनकी’ आरती जैन की आवाज़ में। नई धारा र…
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। सिंधी संस्कृति पॉडकास्ट पर बने रहे । सिर्फ़ ऑडियो पिटारा पर।…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘बिहार की चार विभूतियाँ’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ …
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। जैसा व्यवहार हम यानि माता-पिता करेंगे, जैसे संस्कार देंगे, वैसा ही हमारे बच्चे हम से सीखेंगे …
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘अंगूर में छटी हैं पानी की चार बूँदें’ मौलश्री कुलकर्णी …
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। पहले अपने, पीछे पराए – यह एक प्रचलित मुहावरा है जो सामाजिक और नैतिक मूल्यों पर आधारित है।ऐसा …
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘तो 'नई धारा' का प्रकाशन बंद कर दिया जाए’ कार्तिकेय …
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सिंधी अबाणी बोली, मिठिड़ी अबाणी बोली, तंहिंखे मां कीअं विसारियां, जिंद जान तंहिंतां वारियां, जंहिं में डिनी आ मूंखे पींघे में माउ लोली!" मातृभाषा हमारी पहचान है, अपनी भाषा में पाया गया ज्ञान सदियों तक याद रहता है। यूनेस्को ने मातृभाषा को सम्मानित करते हुए 21 फरवरी अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में घोषित किया है। अपनी भाषा से प्रेम करे और सुनते…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘यह गुजरात की सरज़मीं है’ आरती जैन की आवाज़ में। नई धारा …
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जैसी करनी वैसी भरनी : अगर कोई अच्छा कर्म करेगा तो अच्छा फल प्राप्त होगा और यदि बुरा कर्म करेगा तो बुरा फल प्राप्त होगा। यदि हम किसी से मीठा बोलेंगे और हमारे कर्म अच्छे होंगे तो निश्चित रूप से हमें उसके बदले अच्छा ही मिलेगा।द्वारा Audio Pitara by Channel176 Productions
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘अन्यथा हाशिये पर चला जायेगा साहित्य’ मौलश्री कुलकर्णी क…
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"हरकत मे बरकत: कहावतें जीवन का एहसास है ;हमारे बुजुर्गों ने अपने एहसासो को समझाने के लिए साफ और सरल भाषा में काम करने और वक्त की कीमत सिखाई है। हरकत में बरकत ;काम करने से कुछ न कुछ हासिल होता है;जैसे कि काम के बदले पैसे व हुनर प्राप्त होता है, जिससे हमारे जीवन का दर्जा ऊपर होता है। "द्वारा Audio Pitara by Channel176 Productions
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘सबको सन्मति दे भगवन’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ में। नई…
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। जब इंसान मीठा बोलता है तो उसे सभी पसंद करते है परंतु जब वही इंसान कड़वा बोलता है तो उसे कोई पस…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘उजाला उनकी यादों का...!’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़…
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। ईश्वर सर्वशक्तिमान है, हम सभी उसके आगे बहुत कमजोर है। ईश्वर जब हमारा साथ देता है तो हमारी ताक…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘उजाला उनकी यादों का...!’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़…
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। सिंधी संस्कृति पॉडकास्ट पर बने रहे । सिर्फ़ ऑडियो पिटारा पर।…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘कारगिल के शहीदों को सलाम’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ मे…
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। सिंधी संस्कृति पॉडकास्ट पर बने रहे । सिर्फ़ ऑडियो पिटारा पर।…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘मॉस्को के कवि रमन भी नहीं रहे ’ कार्तिकेय खेतरपाल की आव…
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों तथा कहावतों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। विदेशी विद्वानों ने कहावतों के बारे में अलग-अलग परिभाषाएं बताई है।…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘मास्को के कवि रमन’ मौलश्री कुलकर्णी की आवाज़ में। न…
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किसी बात को असरदार ढंग से और बंद शब्दो में बोलना एक कला है। मुहावरों तथा कहावतों से भाषा की सुंदरता बनी रहती है।ऐसे ही सिंधी भाषा में अनंत मुहावरे, कहावते कहे गए हैं, जो जीवन के अनुभवों से कहे गए हैं ।आज भी कहे गए वही मुहावरे और कहावते बेहतर जीवन की राह रोशन करते हैं। सिंधी संस्कृति पॉडकास्ट पर बने रहे । सिर्फ़ ऑडियो पिटारा पर।…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘सौ वर्षों का इतिहास सो गया’ आरती जैन की आवाज़ में। नई ध…
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सिंधी भाषा विकास के उपलक्ष में प्रोफेसर (डॉ.) हासो दादलाणी जी से प्रत्यक्ष मुलाकात में अति महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। आज, रोज़ी - रोटी देने वाली अन्य / अंग्रेजी भाषा के चलन के दौर में मातृभाषा सिंधी की क्या अहमियत है?, सहजता से बताया है। घर बैठे बैठे सिंधी सीखने के डिस्टेंस लर्निंग के कौन से माध्यम हैं , इसकी भी जानकारी दी है। मातृभाषा सिंधी सीखने…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख 'तुलसी जयंती’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ में। नई धारा रे…
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अजमेर निवासी , हिंद -सिंध के प्रतिष्ठित कवि, नाट्यकार, गायक और, साहित्यकार ढोलण राही जी ने पूछा है सिंधियों से आप सिंधी हो ? सिंधी हों ना! ,तो क्यों नही सिंधी में बात करते? जब पशु- पक्षी भी अपनी भाषा में बतियाते हैं तो हम तो इंसान है ! हमें भी अपनी ज़बान में बात करनी चाहिए। हम सिंधियों ने अपनी ज़मीन ,जायदाद अपना वतन तक छोड़ा, वह हमारी मजबूरी थी। भा…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘राजन, अब भी तो अपनी लीला समेटिये ’ मौलश्री कुलकर्णी की …
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हमें गर्व है आपके उत्साहपूर्ण सहयोग से, बिना ठहराव के, सिंधी संस्कृति पॉडकास्ट के 25 एपिसोड पूरे हुए। आप सभी के प्यार और समर्थन के बिना यह संभव नहीं था। हमें अपनी संस्कृति और भाषा-बोली पर गर्व है । "सिंधी हैं , सिंधी में बात करेंगे, अपनी संस्कृति को आबाद करेंगे।" हमने संकल्प लिया है, हम अपनी मातृभाषा में बात करेंगे। सभी सुनने वालों के लिए उच्चतम गु…
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चइनि मुंदुंनि जो राग रिद्धि भोजवानी, अहमदाबाद, महात्मा गांधी हाई स्कूल में नवी कक्षा में पढ़ने वाली बालिका अपनी मधुर आवाज़ में चार ऋतुओ के बारे में गाकर आपको मंत्र मुक्त करने आई है। रिद्धि ने सिंधी ऋतु के नाम , उसके प्रभाव को, बेहतरीन उच्चारण से पेश किया है। आप जानते हैं शरद ऋतु में हम सिंधी खुराक माजून और कई सारी खाने की ताकत बक्श चीज़ें बनाते हैं। …
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Udaya Raj Sinha Podcast | Ujala Unki Yaadon Ka! स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘गों…
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इस एपिसोड में हमनें मुलाकात की सुप्रसिद्द साहित्यकार और कवि - श्री मोहन हिमथानी जी से। "कैरियर के साथ मातृ भाषा को साथ ले चलो, घर और परिवार में सिंधी में बात करो" का संदेश दिया। सिंधी बोली के विकास के बारे में चर्चा करते हुए हिमथानी जी ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी अपने कैरियर के बारे में बहुत संवेदनशील है और अपनी भाषा से दूर हो रही है। एक इंसान के ल…
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आर्या खिलनानी, अहमदाबाद,के. जी. कक्षा की छात्रा, रचना स्कूल, अहमदाबाद से अपनी प्यारी सी आवाज़ में सुनाएंगी ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार को छोड़ , वह रे तारा गोल तारा ... रोशन तारा ...कविता और साथ साथ हाथी और चींटी की कहानी एक अलग अंदाज में। दादी माँ से सिंधी कहानी और कविता आर्या बड़े चाह से सिखती है। दादी माँ से वह सिंधी में बात करती है ।क्या आप भी घर…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘नई धारा के बयालीस वर्ष’ मौलश्री कुलकर्णी की आवाज़ म…
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"लाल साईं की लीला बहुत निराली है। उन्हें जो भी सच्चे मन से, सच्चे दिल से याद करता है वह साकार रूप में प्रकट होते है, उसके मन की मुरादे पूरी करते हैं और फिर अंतर्ध्यान हो जाते है। कुछ ऐसा ही हुआ 'ममण' और उनकी धर्मपत्नी के साथ। उन्होंने लाल साईं से धन की जगह औलाद मांगी, साईं ने उनकी मुराद पूरी की। जो भी साफ़ मन और सच्चे भाव से भगवान झूलेलाल जी को ध्य…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘पिताजी’ प्रमथ राज सिन्हा की आवाज़ में। नई धारा रेडि…
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लाल साईं की लीला बहुत निराली है। उन्हें जो भी सच्चे मन से, सच्चे दिल से याद करता है वह साकार रूप में प्रकट होते है, उसके मन की मुरादे पूरी करते हैं और फिर अंतर्ध्यान हो जाते है। कुछ ऐसा ही हुआ 'ममण' और उनकी धर्मपत्नी के साथ। उन्होंने लाल साईं से धन की जगह औलाद मांगी, साईं ने उनकी मुराद पूरी की। जो भी साफ़ मन और सच्चे भाव से भगवान झूलेलाल जी को ध्या…
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