Laughter सार्वजनिक
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Storybox with Jamshed Qamar Siddiqui

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साप्ताहिक
 
जमशेद क़मर सिद्दीकी के साथ चलिए कहानियों की उन सजीली गलियों में जहां हर नुक्कड़ पर एक नया किरदार है, नए क़िस्से, नए एहसास के साथ. ये कहानियां आपको कभी हसाएंगी, कभी रुलाएंगी और कभी गुदगुदाएंगी भी. चलिए, गुज़रे वक्त की यादों को कहानियों में फिर जीते हैं, नए की तरफ बढ़ते हुए पुराने को समेटते हैं. सुनते हैं ज़िंदगी के चटख रंगों में रंगी, इंसानी रिश्तों के नर्म और नुकीले एहसास की कहानियां, हर इतवार, स्टोरीबॉक्स में. Jamshed Qamar Siddiqui narrates the stories of human relationships every week tha ...
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Shendi

Red FM

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मासिक
 
Shendi is the greatest equalizer! From Bollywood superstars to their Jabra fans, from business tycoons to their drivers, from doctors to their patients no matter who you are and where you come from; If you have a phone, you are a prospective target of Red FM’s Kaan Phaad ‘Abhilash’! One of the most versatile voices of all time, effortlessly gets into the skin of a plethora of characters, while he pranks unsuspecting innocent mortals and pushes them to the limit of believing that their world ...
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Jokes In Hindi

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मासिक
 
Welcome to "Jokes in Hindi," your ultimate destination for laughter and fun! Tune in for a delightful collection of the latest and funniest jokes in Hindi. From Bollywood humor to classic Santa-Banta quips, and all things desi, we've got your comedy cravings covered. Whether you're looking for a good laugh or simply want to brighten your day, our podcast delivers joy with every episode. Get ready to chuckle, giggle, and laugh out loud with jokes that are 100% made in India!
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“Gajabpur Ke Karare Kisse” ek aisa show jismein Gajabpur naam ke Gaon ki, aur wahan rehne waale logon ki kahaniyan hain. Gajabpur gaon ke logon ki zindagi asaan nahin hai, kyunki unke saamne aane wali situation aam nahin . Lekin jis tarike se Gajabpur ke log inn halaaton se nipatte hain, vo yahan ke logon aur unki kahaniyon ko bana deta hai ek dum khaas. Iss show ke Writer hai Vinay Baghela. Aapko yeh show kaisa laga ye comment karke humein zaroor batayein aur aapke doston ke saath zyada se ...
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show series
 
वो हमारे कॉलेज के सबसे शरीफ़ स्टूडेंट थे, लड़कियों की तरफ़ देखना तो दूर उनकी परछाईं से भी दूर भागते थे. ढीले कपड़े पहनते थे और सादा खाना खाते थे लेकिन फिर कॉलेज में आई एक अंग्रेज़ लड़की और हम दोस्तों ने रचा एक खेल. उस लड़की के नाम से इन भाई साहब को एक फर्ज़ी ख़त भेजा और फिर जो हुआ जानने के लिए स्टोरीबॉक्स में सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से मुंशी प्र…
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सुपरहीरो वो नहीं जो आसमान में उड़ते हैं, बिल्डिंग्स से लटकते हैं या फिर विलेंस को मारते हैं. सुपरहीरो तो वो होते हैं जो ज़िंदगी की तकलीफ़ों, दूरियों और ग़म के बीच कुछ ऐसा कर जाते हैं कि दुनिया उन्हें याद रखती है. ये कहानी है कारगिल के एक ऐसे ही हीरो की. जमशेद क़मर सिद्दीक़ी इस बार स्टोरीबॉक्स में सुना रहे हैं 'एक सुपरहीरो की सच्ची कहानी'.…
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एक सर्द शाम को पूरे शहर में सनसनी फैल गई जब पता चला कि एक हमलावर ने सियासी पार्टी के नेता पर जानलेवा हमला किया, लेकिन इंसाफ मिलने के लिए ये क्यों ज़रूरी था कि अस्पताल में भर्ती नेता की मौत रात को बारह बजे ही हो. ऐसी क्या मजबूरी थी? - सुनिए स्टोरीबॉक्स की नई कहानी 'मिडनाइट मर्डर' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.…
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सर्दियों की रात में जब बूढ़ा-बूढ़ी अपनी झोपड़ी में आग के सामने बैठे हाथ ताप रहे थे, तभी किसी ने दरवाज़ा खटखटाया और बताया कि डॉ साहब के बेटे को सांप ने काट लिया है - सुनिए मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी 'मंत्र' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.द्वारा Aaj Tak Radio
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तभी मेले के भोंपू से आवाज़ गूंजी, "तो दोस्तों... अब समय है विजेता लॉटरी नंबर बताने का. आज का विनर है लॉटरी नंबर 1 0 0 5". ये सुनते ही मेरे हाथ पांव कांपने लगे क्योंकि यही नंबर तो मेरी लॉटरी पर था. मैंने आंखे मलकर नंबर दोबारा चेक किया, बिल्कुल वही नंबर था - सुनिए कहानी 'लॉटरी का टिकट' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.…
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रात के ख़ामोश पहर में उस घर में जहां मैं अकेले रहता था, दूसरे कमरे से वो आवाज़ दरअसल कई दिनों से आ रही थी. रात की खामोशी को चीरती हुई वो आवाज़ हर रात मुझे परेशान करने लगी थी. किसकी थी वो आवाज़? और क्या थी उस आवाज़ की दर्दनाक कहानी - सुनिए स्टोरीबॉक्स विद जमशेद में कहानी 'आधी रात की ख़ामोशी'.द्वारा Aaj Tak Radio
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सुबह की अज़ान हुई ही थी कि पता चला मुहल्ले के चचा मियां गुज़र गए. वैसे उम्र काफ़ी थी उनकी और लंबे समय से बीमार थे लेकिन उनके जाने के बाद उनकी कब्र को लेकर एक ऐसा मसला खड़ा हो गया कि वो दिन भुलाए नहीं भूलता. सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी 'चचा मियां की कब्र' स्टोरीबॉक्स में.द्वारा Aaj Tak Radio
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पांच साल के बाद वो अचानक दिखी एक अस्पताल में. ये वही लड़की थी जो हमेशा ब्रैंडेड कपड़े पहनती थी. महंगे शौक रखती थी लेकिन आज उसकी हालत ख़राब थी. कपड़े औसत, बाल बिखरे, चप्पलें घिसी हुई, चेहरे का रंग उड़ा और हाथ में मेडिकल रिपोर्ट्स. ये वही लड़की थी जिसने कभी मेरा इश्क़ ठुकराया था. सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी 'एक कागज़ का फूल' स्टोरीबॉक्स …
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बंदूक मेरी कनपटी पर थी और उंगली ट्रिगर पर. मेरी ज़िंदगी और मौत के बीच बस चंद लम्हों का फ़ासला था, लेकिन तभी मन किया कि ज़िंदगी की एक आख़िरी सिगरेट पी लूं - सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी 'स्टोरीबॉक्स' में.द्वारा Aaj Tak Radio
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सैलून पर मैंने अभी शेव बनवाना शुरु ही किया था कि मेरे हाउस ब्रोकर का फोन आया और उसने कहा कि कोई मेरा घर किराए पर लेना चाहता है. मैंने हां बोल दिया लेकिन तभी उसने किरायेदार का नाम बताया और वो नाम सुनकर मैं चौंक गया - सुनिए पूरी कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ.द्वारा Aaj Tak Radio
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आतिश साहब को एक रोज़ सड़क पर एक औरत पर्चा पकड़ा गई जिसमें लिखा था कि ये पर्चा आगे एक हज़ार लोगों को छपवाकर बढ़ाइए, अब क्या करेंगे आतिश साहब... क्या वाकई पर्चा नहीं छपवाने पर कुछ बुरा होगा? सुनिए स्टोरीबॉक्स में नई कहानी जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथद्वारा Aaj Tak Radio
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एक ट्रेन में मिले दो जादूगर और एक-दूसरे को दिया चैंलेज. कौन है बड़ा जादूगर? उस्ताद और शागिर्द के बीच हुए जादू के मुकाबले में कौन जीता और किसकी हुई हार? सुनिए सत्यजीत रे की लिखी कहानी का ऑडियो वर्जन स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.द्वारा Aaj Tak Radio
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आजकल जो नहारी दिल्ली में मिलती है वो कोई नहारी है साहब? नहारी तो बंटवारे से पहले मिलती थी दिल्ली में. दुकान का नाम था गंजे भाई की नहारी. ऐसी नहारी कि अलीगढ़ से लेकर लाहौर तक से खाने वाले आते थे. सुनिए कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी सेद्वारा Aaj Tak Radio
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पारितोष साहब के घर के पास उस शाम मैंने जिस आदमी को देखा वो कौन था और क्या ये सिर्फ़ इत्तिफ़ाक था कि जिस दिन शैंकी गायब हुआ और पारितोष साहब की मौत हुई, वो उस दिन भी दिखाई दिया था - सुनिए नई थ्रिलर कहानी 'वो कौन था' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी सेद्वारा Aaj Tak Radio
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चचा छक्कन वो आदमी थी कि जैसे ही वो पेंचकस लेकर ख़राब रेडियो खोलने बैठते थे घर वाले नया रेडियो खरीदने का मन बना लेते थे. जानते थे कि जिस चीज़ पर हाथ रख दिया वो खराब होकर रहेगी. एक दिन चचा के ज़िम्मे एक काम आ गया. काम बस इतना था कि एक तस्वीर दीवार पर टांगनी थी. क्या क्या हुआ तस्वीर टांगने में... सुनिए स्टोरीबॉक्स विद जमशेद में इम्तियाज़ अली ताज की लि…
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अगर आप एक पुरानी कार ख़रीदना चाहते हैं तो ध्यान दें। कार वैसे बढ़िया है लेकिन कभी कभी स्पीड ब्रेकर आने पर बोनट खुल कर खड़ा हो जाता है, और गियर वाला लीवर थोड़ा ढीला है तो अपने आप रिवर्स में गिर जाता है जिसकी वजह से गाड़ी सड़क पर आगे जाते-जाते अचानक पीछे चलने लगती है। हॉर्न थोड़ा प्लैनिंग के साथ बजाना पड़ता है यानि अगर आप अभी दबाएंगे तो तीन गली बाद ज…
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आधी रात को गांव में शोर मचा "चोर.. चोर" लोग अपने घरों से निकलकर आवाज़ की तरफ भागे. किसी ने बताया कि चोर उस खेत में घुस गया है... सब लोग उसी तरफ भागे...एक ने कहा, "खेत को आग लगा देते हैं, खुद बाहर आएगा" जिसका खेत था वो लोगों के पैरों में गिर गया कि ऐसा मत करो, बहुत नुकसान हो जाएगा लेकिन लोग सुनने को तैयार नहीं थे, वो बस चोर को खत्म कर देना चाहते थे.…
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आग़ा शिराज़ी साहब वैसे तो नेक आदमी थे लेकिन उनको एक बीमारी थी कि हर बात के लिए उनके पास चार शेर होते थे. अगर आप कभी कहें कि मुझे दिल का दौरा पड़ रहा है और मैं मरने वाला हूं एंबुलेंस बुला दीजिए तो कहेंगे "बुलाता हूं लेकिन पहले मौत पर चार शेर सुन लीजिए" - सुनिये एक सनकी शायर की मज़ेदार कहानी स्टोरीबॉक्स में…
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ये जो सुबह सुबह बड़े शहरों में आप टिफिन कंधे पर लटकाए मल्टी नैशनल कंपनियों की शीशे की ऊंची-ऊंची इमारतों में दाखिल होते हुए देखते हैं, ये लोग ऑफ़िसों में पूरे दिन क्या करते हैं - जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ सुनिये 'दफ्तर का एक दिन' मेंद्वारा Aaj Tak Radio
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सिगरेट पीने वाले दो लोगों की दोस्ती तब होती है जब वो साथ में सिगरेट पीते हैं, वो दोस्ती पक्की तब होती है जब वो एक-दूसरे की सिगरेट पीने लगते हैं और पक्की दोस्ती जिगरी दोस्ती में तब बदलती है जब वो सिगरेट के चक्कर में आपस में झगड़ा करने लगते हैं - सुनिये "सिगरेट पीने वाले लोग" स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से…
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लंदन में रहने वाले मुखर्जी साहब के पास एक डायरी थी जिसमें उन तमाम ख़ूबसूरत औरतों के नाम थे जो उनसे पिछले 15 सालों में मिली थीं. जब भी उनके पास कुछ फ़ुर्सत होती तो डायरी खोलते और लाइन से लिखे नामों पर फोन करने लगते. उन्होंने नामों के आगे ये भी लिख रखा था कि आखिरी बार बात हुई थी तो क्या बात हुई थी. फोन करते ही उसी बात से बात शुरु करते ताकि लगे कि पुर…
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दुनिया का हर पिता अपनी औलाद की खुशी के लिए तो जीता है. बच्चे की एक मुस्कुराहट के लिए खुद को थोड़ा-थोड़ा रोज़ खत्म करता है. सुनिये कहानी पापा की कलाई घड़ी, सिर्फ स्टोरीबॉक्स परद्वारा Aaj Tak Radio
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चांद की सरकार को ये सिखाने के लिए कि कम मेहनत में ज़्यादा क्रिमिनल कैसे पकड़े जाएं, देश की सरकार ने अपने कर्मठ कर्मचारी इंस्पेक्टर मातादीन को चांद पर भेजने का फैसला किया. फिर क्या हुआ? जानने के लिए सुनिए हरिशंकर परसाई की लिखी कहानी ‘इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर’, स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ.…
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आदमी के कपड़े क्या उसकी शख्सियत तय करते हैं? कोई कहता है हां और कोई कहना है ना, तो भइय्या मैंने अपनी बीवी से लगाई शर्त और फटी पुरानी कमीज़ पहनकर चल दिये डॉक्टर साहब की क्लीनिक. क्या हुआ वहां, सुनिए स्टोरीबॉक्स में जमशेद कमर सिद्दीक़ी से 'मेरी पुरानी कमीज़' में.द्वारा Aaj Tak Radio
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उसकी नींद का कमरा अजीब-अजीब सपनों के काले पर्दों से ढका था. घबरा कर उठ जाना जाने नियति थी या आदत लेकिन हर बार यूँ पसीने से लथपथ घबराई सी हालत में उठने के बाद वह सबसे पहले अपना चेहरा देखने की कोशिश करती. जब भी वह जागती तब गाल पर, हथेलियों पर, कलाईयों पर अलग अलग से निशान मिला करते. सुंदर होना उसके लिए अभिशाप बन गया था. सुनिए सुष्मा गुप्ता की लिखी कहा…
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किसकी बिरयानी सबसे बढ़िया? ये एक ऐसा सवाल है जिसको लेकर आए दिन हैदराबाद, लखनऊ और दिल्ली वाले आपस में तूतू-मैंमैं किया करते हैं. यही बहस एक दिन शुरु हो गयी मोहल्ले की चाय की टपरी पर जहां मौजूद थे एक हैदराबादी, एक लखनऊ और एक दिल्ली वाले. बहस में किस शहर की हुई जीत? सुनिए जमशेद कमर सिद्दीक़ी से स्टोरीबॉक्स में…
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सामने वाली सीट पर बैठी उस लड़की को जब मैं देखने लगा तो काका बोले, "सुनो तुम मत देखो. मैं देख सकता हूं. इस देश में बूढ़े लोगों को प्रिवलेज मिला है कि वो किसी को भी देख सकते हैं लेकिन तुम मत देखो, तुम अभी जवान हो" पेश है सटायर के उस्ताद हरिशंकर परसाई की लिखी कहानी 'प्रेमी के साथ एक सफर'द्वारा Aaj Tak Radio
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पुराने लखनऊ में अकबरी गेट के पास चाय की दुकानों पर अख़बार पढ़ते दिखाई देने वाले चुस्सी पहलवान को इस बार नया शिगूफ़ा मिला. ज़मीन के नीचे दबी गड़ी हुई दौलत तलाशने का. सुनिए कहानी ‘स्टोरीबॉक्स’ में.द्वारा Aaj Tak Radio
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मुल्क में हालात खराब थे. हर तरफ नफरत की आग धधक रही थी. सोशल मीडिया पर दोनों तरफ से नाराज़गी साफ दिख रही थी. और ऐसे समय में समर्थ को अंसारी साहब के दरवाज़े पहुंचना था, उस गली में जहां उसका बचपन गुज़रा था, पर अब वो इलाका उसका 'अपना' नहीं रहा था. सुनिए पूरी कहानी 'नफरत ऑनलाइन' स्टोरीबॉक्स में.द्वारा Aaj Tak Radio
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वो सात साल का बच्चा स्कूल के अकेले कमरे में किससे बातें करता था? वो कौन था जो हमेशा उसके साथ रहता था लेकिन और किसी को दिखाई नहीं देता था? सुनिए कहानी 'मुझे मरे हुए लोग दिखते हैं' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी सेद्वारा Aaj Tak Radio
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जब जेब में आखिरी अठन्नी बची तो मैं बाज़ार से बैंगन खरीद लाया लेकिन बावर्ची खाने में जब बीवी ने बैंगन को काटा तो उसमें उसे कुछ अजीब सा निशान दिखाई दिया जिसे ग़ौर से देखो तो लग रहा था 'अल्लाह' लिखा है - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी अल्लाह मियां का बैंगनद्वारा Aaj Tak Radio
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वो लड़का हर सवाल के सही जवाब देता था चाहे आप उससे इतिहास पर पूछिए या राजनीति पर, धर्म पर पूछिये या विज्ञान पर. उसे सब पता था लेकिन उस जीनियस लड़के की एक बचकानी ख्वाहिश भी थी जो कोई नहीं जानता था. सुनिये स्टोरीबॉक्स में कहानी - वो जीनियस लड़काद्वारा Aaj Tak Radio
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आशिक़ अली ने ईद का दिन चुना था अपनी मुहब्बत के इज़हार के लिए लेकिन क्या उन्हें मिल पाएगी मुहब्बत की ईदी? सुनिए स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.द्वारा Aaj Tak Radio
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अजनबी शहर में उस अजनबी औरत ने अचानक मेरे कान के पास आकर कहा, "सच जानना है तो मेरे साथ आइये" पता नहीं मैं उसकी खूबसूरती से मुतास्सिर था या उसके अंदाज़ से मैं उसके पीछे चल दिया - सुनिए चतुर्सेन शास्त्री की कहानी 'कलकत्ता की एक रात' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.द्वारा Aaj Tak Radio
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जिलानी साहब के बेटे की सगाई में बड़ी दावत का इंतज़ाम था लेकिन ऐन वक्त पर जब लोग खाने का लुत्फ़ ले रहे थे तो पता चला कि कुछ लोग बिन बुलाए दावत में घुस आए हैं - कैसे पकड़ेंगे उन बिन बुलाए लोगों को जिलानी साहब - सुनिए स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.द्वारा Aaj Tak Radio
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नब्बे के दशक की एक उदास प्रेम कहानी जिसमें तृष्णा और केशव ने प्रेम की एक नई परिभाषा गढ़ी जो सदियों तक याद की जाएगी. सुनिए रश्मि कुलश्रेष्ठ की लिखी कहानी 'शेष रहेगा प्रेम' का एक हिस्सा स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.द्वारा Aaj Tak Radio
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एक ज़मीन जो अपनों का खून मांगती थी और उसके बदले में देती थी लहलहाती फसल. ज़मीन से पैदावार निकालने के इस लालच भरे खेल में बहा बेइंतिहा खून और काट कर डाल दी गयी अपनों की लाशें - सुनिए पूरी कहानी जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से. साउंड मिक्सिंग: रोहन भारतीद्वारा Aaj Tak Radio
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नफ़रत की आग में पूरा शहर जल रहा था. हर तरफ लाशों के ढेर लगे थे. कहीं से हर हर महादेव के नारे की आवाज़ आती थी कहीं से अल्लाह हुअकबर की. यूनुस खान नाम का बलोच अपने ट्रक से गुज़र रहा था कि उसे सड़क किनारे एक छोटी बच्ची खून से लथपथ दिखाई दी - सुनिए कृष्णा सोबती की लिखी कहानी 'मां कहां है' साउंड मिक्सिंग: रोहन भारती…
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उस दोपहर घर के कबाड़ वाले कमरे में कुछ ढूंढते हुए मेरी नज़र एक पुरानी किताब पर पड़ी. धूल से पटी वो किताब कोई नॉवेल थी. मैंने उसे खोला तो अंदर से एक कागज़ सरक कर नीचे गिरा. मैंने पढ़ा तो वो ख़त उनके प्रेमी का था. सुनिए पूरी कहानी स्टोरीबॉक्स में. साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंहद्वारा Aaj Tak Radio
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बहुत पुराने वक्त की बात है. एक शहर था जहां सब कुछ ठीक था. ठीक इसलिए था क्योंकि उस शहर में कोई किसी से शिकायत नहीं करता था. लोगों में ज़ब्त का बड़ा माददा था. उदास चेहरे , भूख और बेकारी तो थी लेकिन फिर भी सब कुछ ठीक था. लोग अपने शहर के हुक्मरान से प्यार करते थे. क्रांति स्थगित थीं क्योंकि क्रांतिकारियों को दफ़्तर से छुट्टी नहीं मिलती थी लेकिन हां कुछ…
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हम उस जेनरेशन से आते हैं जो इश्क़ करना फिल्मों से सीखती है जहां हर पल कुछ हो रहा होता है. कोई शरारत, कोई बात, कोई बातचीत. हम समझते हैं कि इश्क़ में ऐसा ही होता है और अगर ये नहीं है तो इश्क़ बोरिंग है लेकिन हकीकत ये है कि इश्क़ उन शादीशुदा पुराने लोगों के बीच भी होता है जो एक कमरे में बैठे बिना बात किये खामोशी से अपना अपना काम करते रहते हैं. उनका इश…
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हमारे मुहल्ले में एक साहब रहते हैं जिनके 6 बच्चे हैं और सारे के सारे बच्चे इतने शैतान कि जिस तरफ जाते हैं लगता है टिड्डी किसी खेत पर हमला करने जा रहे हैं. एक रोज़ वो साहब अपने सारे बच्चों और बीवी के साथ हमाए घर मोहल्लेदारी करने आ गए. बच्चों ने पूरे घर का जायज़ा इस तरह लेना शुरु कर दिया जैसे वो किसी कमरे में नहीं, किसी जंगल में आए हों. उसके बाद दो ब…
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"दुनिया में औलाद और मां-बाप की ये कहानी हज़ारों बार दोहराई जा चुकी है पर ये कहानी है कि कभी पुरानी नहीं होती. ये कहानी तब तक दोहराई जाएगी जब तक औलादें उतनी मुहब्बत अपने मां-बाप से करना नहीं सीखेंगी. फिक्र मत करो, घर तुम्हारे नाम कर दिया है बेटा" - सुनिये उम्र के आखिरी मोड़ पर खड़े एक शख्स की आखिरी मुहब्बत और उसके बेटे की नाराज़गी की कहानी - चलो एक …
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उनकी हर बात 'नहीं' से शुरु होती थी. मान लीजिए आप उनसे कहें कि आज बड़ी सर्दी है, वो कहेंगे "नहीं, कल ज़्यादा पड़ेगी" आप कहिए, "मैं कल सड़क पर फिसल कर गिर गया" वो फौरन कहेंगे, "नहीं, ये तो कुछ भी नहीं, मैं तो एक दफ़ा ऐसा फिसला था कि क्या बताऊं, हुआ यूं कि..." और फिर किस्सा शुरु कर देंगे. हमेशा चूड़ीदार पैजामा पहनते थे औक मूंछों पर ताव देते थे. पैजामा…
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निज़ामुद्दीन एक्सप्रेस में मिले दो अजनबी खेलते हैं ट्रेन में कौन सा ख़तरनाक खेल? सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की नई थ्रिलर कहानी - दा निज़ामुद्दीन एक्सप्रेसद्वारा Aaj Tak Radio
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वो नए साल की रात थी... चैपल स्ट्रीट से घर लौटते एक शख्स को एक औरत की लाश पड़ी मिली... लाश का सर धड़ से अलग था. और उसे बेरहमी से मारा गया था. जिस्म के सारे नाखून खींच लिये गए थे और सर से सारे बाल नोच लिये गये थे. पुलिस को ख़बर की गयी लेकिन जबतक पुलिस पहुंची तब तक इलाके में एक और कत्ल हो गया. दो रोज़ के बाद पुलिस को एक खत मिला जिसमें कातिल ने कहा था …
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"तुम कहना क्या चाहती हो, क्या ये कह रही हो कि मैं नहाता नहीं हूं, मैं तो रोज़ नहाता हूं बल्कि दिन में दो बार नहाता हूं" - "देखिए, दो डोंगा पानी डाल कर पोछ लेने को नहाना नहीं कहते, कभी बाथरूम में रखी वो लाल रंग की टिकिया देखी है उसे साबुन कहते हैं, कभी इस्तेमाल की है वो" - "नहीं, मैं साबुन नहीं लगाता क्योंकि साबुन में तेज़ाबी चीज़ें होती हैं और उससे…
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सर्द रात में उसकी बेटी बुखार से बुरी तरह से तप रही थी लेकिन उसकी जेब में इतना पैसा भी नहीं था कि एक चादर ख़रीद सकता. बेटी अपनी कंपकपी छुपा रही थी ताकि बूढ़ा बाप अपनी बेबसी पर कम शर्मिंदा हो लेकिन उसके कांपते हुए होंठ उसका साथ नहीं दे रहे थे. बाप उठा और कब्रिस्तान की तरफ चल दिया - सुनिए कहानी जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से…
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चुगलखोर चाचा जब मर कर दूसरी दुनिया में पहुंचे तो उन्हें पता चला कि वो तो दोज़ख में भेज दिये गए हैं। वहां उन्होंने क्या किया कि उन्हें वापस जन्नत भेजा गया और आखिर क्यों उन्हें जन्नत रास नहीं आई - सुनिए पूरी कहानी स्टोरबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी सेद्वारा Aaj Tak Radio
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बात सिर्फ एक ग्लास पानी की थी लेकिन घर में रखा पानी बदबूदार था. उसका गला इस क़दर सूख गया था कि बस मरने ही वाला था और पूरे गांव में सिर्फ एक कुआं था जहां पानी मिल सकता था और वो था ठाकुर साहब का कुआं. उस कुएं से पानी पीना उसके लिए मना था लेकिन उसकी पत्नी ने फैसला किया कि वो आधी रात को जाएगी पानी लेने के लिए - सुनिए कहानियों के बादशाह मुंशी प्रेमचंद क…
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