Holy सार्वजनिक
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Adventist World Radio

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रोज
 
For all the kokborok speaking people, Adventist World Radio (AWR) brings and broadcast a new kokborok program called ”Khatungmani Khorang.” Good news, the truths and the events of the days would be presented in the light of the scripture. The program will also include a talk about health and temperance as well as home and family.
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Holi Special

Hubhopper

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मासिक
 
होली (Holi) वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो आज विश्वभर में मनाया जाने लगा है। रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। यह त्यौहार कई अन्य देशों जिनमें अल्पसंख्यक हिन्दू लोग रहते हैं वहाँ भी धूम-धाम ...
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Udaya Raj Sinha Ki Rachnayein Podcast

Nayi Dhara Radio

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साप्ताहिक
 
स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। खड़ी बोली प्रसिद्ध गद्य लेखक राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह के पुत्र उदय राज सिंह ने अपने पिता की साहित्यिक धरोहर को आगे बढ़ाया। उन्होंने अपने जीवनकाल में बहुत से उपन्यास, कहानियाँ, लघुकथाएँ, नाटक आदि लिखे। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। उदयराज जी के इस जन्मशती वर्ष में हम उ ...
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Khidki

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मासिक
 
खिड़की, हिंदी साहित्य सभा, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, द्वारा प्रस्तुत किया गया, एक पॉडकास्ट है जो हमारे समाज के विभिन्न पहलुओं को समेटने जा रहा है जिन्हें हमने छोड़ दिया है। हम हिंदी और थोड़ी अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करेंगे। आज की पीढ़ी किसी भी प्रकार के विचार-विमर्श के लिए खुली है, चाहे वह एक सामाजिक निषेध हो, या किसी मित्र के साथ जीवन पर एक छोटी सी बातचीत। हम किसी भी चीज़ पर चर्चा कर सकते हैं, एक खिड़की के दहलीज़ पर बैठकर, 'चाय-की-चुस्की' लेकर और नज़ारों का आनंद लेते हुए! "एक नज़र खिड़की के उस प ...
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘पटना कलम का आख़री सितारा भी टूट गया’ मौलश्री कुलकर्णी की…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘जुआड़ी बनने का मंत्र सिखाते टीवी चैनल ’ आरती जैन की आवाज…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘मल्लिक जी’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ में। नई धारा …
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘होली पर परिचर्चा’ मौलश्री कुलकर्णी की आवाज़ में। नई धार…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘कुछ अपनी कुछ उनकी’ आरती जैन की आवाज़ में। नई धारा र…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘बिहार की चार विभूतियाँ’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ …
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘अंगूर में छटी हैं पानी की चार बूँदें’ मौलश्री कुलकर्णी …
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘तो 'नई धारा' का प्रकाशन बंद कर दिया जाए’ कार्तिकेय …
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘यह गुजरात की सरज़मीं है’ आरती जैन की आवाज़ में। नई धारा …
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘अन्यथा हाशिये पर चला जायेगा साहित्य’ मौलश्री कुलकर्णी क…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘सबको सन्मति दे भगवन’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ में। नई…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘उजाला उनकी यादों का...!’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़…
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