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Soul Portrait

Soul Portrait

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An Alternative | Experimental Rock Band hailing from Himachal Pradesh, India. The band Soul Portrait made its way initially with three of it's members Hitesh, Bhavtosh and Ashwani in the Autumn of 2012. After quite a few months the band felt the need of expanding it's line up which led to the addition of Anirudh, Khushal and Karan to the existing line up. The band primarily focuses on hunting for the most pleasing melodies and sounds. Technicalities have never been the priority of the band, ...
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Mere Humsafar With RJ Nidhi

Audio Pitara by Channel176 Productions

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साप्ताहिक
 
तनु जो की काशी में रहती है और वहां के एक छोटे बाल आश्रम में काम किया करती है, और अपना पूरा समय वहां के बच्चों के साथ व्यतीत किया करती है, तनु अपनी चाची दादी और अपनी बहन रागिनी के साथ रहती है काशी में , तनु दिल की बहुत ही साफ और बहुत ही प्यारी लड़की है पर स्वभाव से बहुत ही चंचल और नटखट है इसके साथ ही तनु बहुत ही ज्यादा गुस्से वाली है, जिसके वजह से उसके आए दिन किसी न किसी से पंगे या यूं कहें कि झगड़े होते रहते हैं ,तनु के इसी व्यवहार से उसकी चाची हमेशा उसे परेशान ही रहती हैं, तो वहीं दूसरी तरफ ...
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Udaya Raj Sinha Ki Rachnayein Podcast

Nayi Dhara Radio

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साप्ताहिक
 
स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। खड़ी बोली प्रसिद्ध गद्य लेखक राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह के पुत्र उदय राज सिंह ने अपने पिता की साहित्यिक धरोहर को आगे बढ़ाया। उन्होंने अपने जीवनकाल में बहुत से उपन्यास, कहानियाँ, लघुकथाएँ, नाटक आदि लिखे। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। उदयराज जी के इस जन्मशती वर्ष में हम उ ...
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तन्वी जैसे ही अपने घर जाती है उसकी बहन रागनी और उसकी दादी उसे सवाल करते हैं और उसकी तारीफ़ करने लगते हैं तारीफ होता देख सीमा रहती है कि बस आप दोनों नहीं इसे बिगाड़ के रखा है। Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoicesद्वारा Audio Pitara by Channel176 Productions
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘होली पर परिचर्चा’ मौलश्री कुलकर्णी की आवाज़ में। नई धार…
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आर्यन अपने सवालों में उलझ कर एक टक बस तन्वी को देख रहा था और सोच रहा था क्या तन्वी उसकी गर्लफ्रेंड की बहन है या कोई और तभी तन्वी गुस्से से कहती है कि मुझे ऐसे घूरना बंद करो मैं कोई डकैत या चोर नहीं हूं , उन दोनों की बात को काटते हुए लक्ष्मी वर्मा कहती है जिस काम के लिए आए हैं उस पर प्रकाश डालते है। Learn more about your ad choices. Visit megaphone.…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘कुछ अपनी कुछ उनकी’ आरती जैन की आवाज़ में। नई धारा र…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘बिहार की चार विभूतियाँ’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ …
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लक्ष्मी वर्मा की बातें सुनकर आर्यन कंफ्यूज होता है और जब उनसे पूछता है तो लक्ष्मी वर्मा कहती हैं, तन्वी, रागिनी और उसके पूरे परिवार को जानती हूं। वैसे ही मैं आनंद और उसके पूरे परिवार को जानती हूं। लक्ष्मी का यह जवाब सुनकर आर्यन और भी ज्यादा कंफ्यूज होता है और सोचने लगता है की लक्ष्मी वर्मा जिस रागिनी के बारे में बात कर रही है क्या वह रागिनी उसकी गर…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘अंगूर में छटी हैं पानी की चार बूँदें’ मौलश्री कुलकर्णी …
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तन्वी आनंद बच्चों की तरह एक दूसरे से बस लड़े जा रहे थे ,आर्यन के समझाने का कोई भी फायदा नहीं होता है उन दोनों की लड़ने की आवाज सुन वहां पर लक्ष्मी वर्मा आती हैं और कहती हैं कि लाजमी है जहां पर आनंद और तन्वी हो वहां पर झगड़ा होगा ही और मैं जितना आनंद को जानती हूं अच्छे तरीके से, उतनेही अच्छे तरीके से मैं तन्वी को भी जानती हूं। Learn more about your …
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘तो 'नई धारा' का प्रकाशन बंद कर दिया जाए’ कार्तिकेय …
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आश्रम में ही तन्वी और आनंद का झगड़ा हो जाता है दोनों के बीच बात विवाद बढ़ता जा रहा था, तभी दोनों के बीच में आर्यन कूद पड़ता है और दोनों को समझने और शांत करने लगता है और कहता है कि हमें आगे साथ में ही काम करना है। Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoicesद्वारा Audio Pitara by Channel176 Productions
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘यह गुजरात की सरज़मीं है’ आरती जैन की आवाज़ में। नई धारा …
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आनंद आर्यन आश्रम जाते हैं और वहीं के बच्चों से मिल रहे होते हैं ,तभी आर्यन पूछता है कि तुम्हें तो बच्चे पसंद भी नहीं है फिर भी बच्चों की इतनी मदद क्यों करना चाहते हो , आनंद कहता है ऐसे ही क्योंकि मुझे पसंद है , तभी गुस्से से तन्वी कहती है कि जब बच्चे पसंद नहीं है तो मदद मत करो इन बच्चों को भिख की जरूरत नहीं है। Learn more about your ad choices. Vis…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘अन्यथा हाशिये पर चला जायेगा साहित्य’ मौलश्री कुलकर्णी क…
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तन्वी लाडली पर गुस्सा करते हुए कहती है कि तुम को झूठ नहीं बोलना चाहिए , तभी रागिनी रहती है कि तन्वी तुम्हें इतना भी गुस्सा नहीं करना चाहिए बच्ची है हो गई गलती वही मंदिर के बाहर आनंद भी गुस्से से टहल रहा था और चाय पी रहा था आनंद को टहलता देख आर्यन कहता है कि क्या हुआ ,आनंद गुस्से से कहता है‌ की , क्यों चाय भी तुमसे पूछ कर पीना पड़ेगा क्या ? Learn mo…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘सबको सन्मति दे भगवन’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ में। नई…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘उजाला उनकी यादों का...!’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़…
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लाडली की कविता पढ़ने के बाद तन्वी नहीं:शब्द हो जाती है, उसके बाद रागनी लाडली की तारीफ करती है और तारीफ सुन लाडली बताती है कि यह कविता उसने नहीं लिखा है । Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoicesद्वारा Audio Pitara by Channel176 Productions
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘उजाला उनकी यादों का...!’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़…
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तन्वी को आश्रम में देखकर सभी बच्चे बहुत खुश होते हैं और सब तन्वी से सवाल करते हैं कि वह दो दिन से आश्रम में आई क्यों नहीं थी , बच्चों का सवाल सुनने के बाद तन्वी सोच में पड़ जाती है कि वह बच्चों को क्या बोले क्योंकी कुछ दिन बाद तो वह काशी ही छोड़ कर जाने वाली है Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘कारगिल के शहीदों को सलाम’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ मे…
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तन्वी को आश्रम में देखकर सभी बच्चे बहुत खुश होते हैं और सब तन्वी से सवाल करते हैं कि वह दो दिन से आश्रम में आई क्यों नहीं थी , बच्चों का सवाल सुनने के बाद तन्वी सोच में पड़ जाती है कि वह बच्चों को क्या बोले क्योंकी कुछ दिन बाद तो वह काशी ही छोड़ कर जाने वाली है Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘मॉस्को के कवि रमन भी नहीं रहे ’ कार्तिकेय खेतरपाल की आव…
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मंदिर से बाहर आने के बाद आनंद आर्यन को कॉल करके मंदिर के गेट पर बुलाता है वहीं दूसरी तरफ आर्यन रागिनी से कहता है कि मैं तुमसे दूर तो नहीं जाना चाहता हूं पर क्या करूं हर बार जाना पड़ जाता है मैं तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करता हूं यह सारी बातें बोलने के बाद आर्यन वहां से चला जाता है आर्यन की जाने के बाद रागिनी भी कहती है प्यार तो मैं भी करती हूं और दूर…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘मास्को के कवि रमन’ मौलश्री कुलकर्णी की आवाज़ में। न…
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आनंद को मंदिर के अंदर चिल्लाता देख तन्वी गुस्से से आनंद के पास जाती है और उसके गालों पर जोरदार एक चांटा लगाते हुए कहती है कि तुम्हारे अंदर इतनी भी समझ नहीं है और तुम्हें इतना भी नहीं पता है कि मंदिर के अंदर खड़े होकर लड़ाई झगड़ा और चिल्लाया तो बिल्कुल नहीं जाता है ना समझ इंसान हो तुम तन्वी की बात सुनने के बाद आनंद कहता है कि मैं तुमको छोडूंगा नहीं …
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘सौ वर्षों का इतिहास सो गया’ आरती जैन की आवाज़ में। नई ध…
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तन्वी पुजारी बाबा से बातें कर ही रही थी कि पीछे से कुछ लड़ाई झगड़ा जैसी आवाज सुनाई देती है आवाज को सुनने के बाद तन्वी कहती है कि यह मंदिर में कौन लड़ाई झगड़ा कर रहा है क्या उसे नहीं पता है मंदिर पूजा और आस्था का केंद्र है इस पर पुजारी बाबा कहते हैं कौन समझाए की मंदिर आस्था का केंद्र है लड़ाई झगड़ा का नहीं यह नई जनरेशन का अलग ही लोचा है। Learn more …
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख 'तुलसी जयंती’ कार्तिकेय खेतरपाल की आवाज़ में। नई धारा रे…
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मंदिर में तन्वी को शांत बैठा देख पुजारी बाबा तन्वी के पास आते हुए पूछते हैं कि क्या हुआ है जो तुम इस तरह शांत बैठी हो तन्वी उन्हें जवाब देते हुए कहती है कि मैं सोच रही हूं कि आश्रम के बच्चों का क्या होगा ,इस पर पुजारी बाबा कहते हैं की परेशान होने वाली क्या बात है तुम हो ना और आश्रम के सभी बच्चे तुमको मानते भी हैं पुजारी बाबा की बात सुनने के बाद तन्…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा लेख ‘राजन, अब भी तो अपनी लीला समेटिये ’ मौलश्री कुलकर्णी की …
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इतने बड़े बिजनेसमैन होकर ₹10 के लिए अम्मा से बहसबाजी कर दिए रागिनी की बातों का जवाब देते हुए आर्यन कहता है कि मेरी गर्लफ्रेंड होने के बाद भी मेरे ऊपर चिल्लाई क्यों और तुम अपनी बहन की धमकी क्यों देती हो धमकी देने से अच्छा है मिलवा दो मुझे, आर्यन की बातों का जवाब देते हुए रागिनी रहती है यदि मेरी बहन को पता चल जाए कि तुम्हारी वजह से मुझे परेशान भी होन…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा यात्रावृत्तांत ‘रोम’ आरती जैन की आवाज़ में। नई धारा रेडियो क…
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रागिनी तन्वी दोनों मंदिर के लिए निकल जाते हैं तभी रागिनी को कुछ याद आता है और वह तन्वी से कहती है कि वह भी 5 मिनट में आती है यह बोलने के बाद रागिनी बाहर पास की दुकान के पास जाती है जहां से बहुत ज्यादा आवाज आता है या देखकर रागिनी पूछती है कि हुआ क्या है बात क्या है तभी रागिनी को पता चलता है कि उसके सामने खड़ा शख्स बहुत ही बदतमीजी बात कर रहा है, रागि…
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Udaya Raj Sinha Podcast | Ujala Unki Yaadon Ka! स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘गों…
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रागिनी तन्वी के पास जाते हुए कहती है कि एक बात बोलूं तन्वी तू मानेगी क्या रागिनी को ऐसा बोलना देख तन्वी रहती आप बोलो मैं ना मानो ऐसा हो सकता है क्या आप मेरी फेवरेट वन हो मैं आपकी सारी बातें मानूंगी, तन्वी की बातें सुनने के बाद रागनी कहती कि आज मेरे साथ मंदिर चलेगी ,मेरा बहुत मन कर रहा है रागिनी की यह बात सुनते ही तन्वी रहती है कि पर मेरा मन नहीं कर…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘माटी में मेरा हीरा हेराय गयो रे!’ मौलश्री कुलकर्णी …
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तन्वी को उदास बैठा देख रेनू सीमा से कहती है कि देख बच्चे की कैसी हालत हो गई है बच्ची चंचल अच्छी लगती है ऐसी अच्छी नहीं लगती है कुछ कर तु, रेणु की बात सुनने के बाद सीमा रहती है हां मैं कुछ करती हूं उसके बाद सीमा अंदर रागिनी के पास जाते हुए कहती है कि रागिनी तुम तन्वी को मंदिर लेकर जाओ, मंदिर जाने के बाद तन्वी को अच्छा लगेगा सीमा की बातें सुनने के बा…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘नई धारा के बयालीस वर्ष’ मौलश्री कुलकर्णी की आवाज़ म…
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रागिनी की बार-बार समझाने के बाद तन्वी खाना खाकर सो जाती है थोड़ी देर बाद रेनू सीमा के पास जाती है और उससे कहती है कि तू ऐसा क्यों कर रही है तू तो तन्वी से बहुत ज्यादा प्यार करती है रेणु की बातें सुनने के बाद सीमा रहती है मैं जो कर रही हूं उसमें तन्वी की भलाई है सालों पहले उसे खोते खोते बची हूं मैं दोबारा उसे खोना फिर नहीं चाहूंगी वह आए दिन किसी न क…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘पिताजी’ प्रमथ राज सिन्हा की आवाज़ में। नई धारा रेडि…
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तन्वी को चुप करते हुए रागिनी रहती है कि चुप हो जा मत रो इतना तेरे साथ मैं भी तो बाहर जा रही हूं मैं तेरा पूरा ख्याल रखूंगी, रागिनी की बातें सुनने के बाद तन्वी कहती है कि मैं काशी से दूर नहीं जाना चाहती काशी में मेरा बचपन बीता है मेरी यादें हैं प्लीज समझो ना चाचा को कि मैं काशी से दूर नहीं जाना चाहती हुं,रागिनी तन्वी को चुप नहीं कर पाती है, उसके बाद…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘न्यायमूर्ति श्री तारकेश्वर नाथ’ कार्तिकेय खेतरपाल क…
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अपनी बहन तन्वी का इशारा पाते ही रागिनी उसके बचाव करने के लिए उसके पास आ जाती है और अपनी मां सीमा को समझाते हुए कहती है कि जाने दो बच्ची है सुधर जाएगी , तनु को समझाते समझाते सीमा इमोशनल हो जाती है,अपनी चाची को रोता देख तनु उनसे माफी मांगती है वह दोबारा ऐसा फिर नहीं करेगी यह उनसे कहती है तनु की बात सुनने के बाद उसकी चाची रहती हैं कि ऐसा मैं दोबारा हो…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘श्रद्धेय जगजीवन बाबू!’ मौलश्री कुलकर्णी की आवाज़ मे…
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तन्वी अपने चाचा सीमा के पास जाते ही कान पड़कर उठक बैठक करना चालू कर देती है और अपनी चाची को मानते हुए कहती है कि प्लीज मुझसे नाराज मत होना मुझसे बात करना बंद मत करना मैं घर के सारे काम करूंगी बस मुझसे नाराज मत होना तन्वी की ऐसी हरकतें देखने के बाद सीमा को एक पल हंसी आ जाती है उसके बाद वह तन्वी को बड़ी प्यार से समझती हैं कि टाइम से आया करो टाइम से ज…
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स्वागत है आपका नई धारा रेडियो की एक और पॉडकास्ट श्रृंखला में। यह श्रृंखला नई धारा के संस्थापक श्री उदय राज सिंह जी के साहित्य को समर्पित है। सन 1950 में उदय राज सिंह जी ने नई धारा पत्रिका की स्थापना की जो आज 70+ वर्षों बाद भी साहित्य की सेवा में समर्पित है। आज सुनिए उदय राज जी द्वारा लिखा संस्मरण ‘अनवरत बहती रहे साहित्य की नई धारा’ आरती जैन की आवाज…
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मंदिर से घर लौट के बाद तन्वी अपनी दादी के पास जाती है उनसे आधी हिंदी और आदि पंजाबी में बात करती है, तभी तन्वी की दादी तन्वी को बताते हैं कि उसकी चाची उसे बुला रही है अपनी चाची का नाम सुनते ही तन्वी डर जाती और कहती है कि बचा लो मुझे अपनी बहुरानी से मैंने कुछ भी नहीं किया है तन्वी की बातें सुनने के बाद तन्वी की दादी उससे कहती है कि जाओ पहले सुन तो लो…
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