मिंग राजवंश के लेखक वू छङअन की रचना《पश्चिम की तीर्थयात्रा》चीन का एक प्रसिद्ध पौराणिक उपन्यास है, जिसमें थांग राजवंश के धर्माचार्य सानचांङ (ह्वेनसांग) और उसके तीन शिष्यों यानी वानर, शूकर तथा भिक्षु रेतात्मा के उस समय के साहसिक कार्यों का चित्रण है, जब बौद्धिक सूत्रों की खोज के लिए उन्होंने पश्चिम की तीर्थयात्रा की थी। 《पश्चिम की तीर्थयात्रा》का हिंदी संस्करण चीनी संस्कृति प्रेमियों को एक मंच प्रदान करता है।
“रोज़मर्रा की चीनी भाषा”चीनी भाषा सीखाने का कार्यक्रम है जिसमें कुल 68 पाठ हैं। इस कार्यक्रम की अपनी नई रूपरेखा, यथार्थ विषय और जीवित तरीके हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से हिन्दी भाषी लोग आसानी से अपनी मातृभाषा में चीनी भाषा सीख सकते हैं।
पश्चिम की तीर्थयात्रा
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