न्याय के समय की पुस्तकें/The Books at the Judgment.
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न्याय के समय की पुस्तकें
The Books at the Judgment.
पृथ्वी के सब निवासी [पशु] की पूजा करेंगे, अर्थात प्रत्येक व्यक्ति जिसका नाम उस मेमने के जीवन की पुस्तक में, जो जगत की उत्पत्ति के समय से घात किया गया है नहीं लिखा गया है। (प्रकाशितवाक्य 13:8)
जिनका नाम जीवन की पुस्तक में लिखा गया है उद्धार उन सब के लिए सुरक्षित है।
जीवन की पुस्तक में नाम लिखा जाना हमारे उद्धार को सुरक्षित इसलिए करता है क्योंकि इस पुस्तक को कहा जाता है, “मेमने के जीवन की पुस्तक जो घात किया गया है।” इस पुस्तक में लोगों के नाम उनके कार्यों के आधार पर नहीं लिखे जाते हैं। वे नाम तो ख्रीष्ट के घात किए जाने के आधार पर लिखे गए हैं।
परन्तु यूहन्ना प्रकाशितवाक्य 20:12 में कहता है, “तब मैंने छोटे बड़े सब मृतकों को सिंहासन के समक्ष खड़े हुए देखा, और पुस्तकें खोली गईं, तथा एक और पुस्तक खोली गई जो जीवन की पुस्तक है, और उन पुस्तकों में लिखी हुई बातों के आधार पर सब मृतकों का न्याय उनके कामों के अनुसार किया गया।” तो, “पुस्तकों” में निहित हमारे जीवन के अभिलेखों का हमारे न्याय में क्या लेना-देना होता है, यदि हम ख्रीष्ट के घात किये जाने के आधार पर बचाए जाते हैं?
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