आप अन्त में हार नहीं सकते हैं/You Cannot Lose in the End.
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आप अन्त में हार नहीं सकते हैं
You Cannot Lose in the End.
“तुम्हारे पास पहरेदार हैं; जाओ, जैसे भी उसे सुरक्षित रख सको, वैसा ही करो” (मत्ती 27:65)
जब यीशु की मृत्यु हुई और उसको गाड़ा गया और उसके कब्र पर एक बड़ा पत्थर लुढ़काया गया, तब फ़रीसी पिलातुस के पास आए और उन्होंने पत्थर को मुहरबन्द करने और क़ब्र की सुरक्षा के लिए अनुमति माँगी।
उन्होंने व्यर्थ में अपनी ओर से उत्तम प्रयास किया था।
यह तब निष्फल था, यह आज भी निष्फल है, और यह सदैव निष्फल रहेगा। लोग भले ही जितना प्रयास कर लें, वे यीशु को दबाकर नीचे नहीं रख सकते हैं। वे उसे गाड़कर नहीं रख सकते हैं।
यह बात समझना कठिन नहीं है कि: वह इसे तोड़कर बाहर आ सकता है क्योंकि उसे बलपूर्वक अन्दर नहीं भेजा गया था। उसने यह सब होने दिया कि झूठ के सहारे उस पर दोष लगाया जाए, तथा उसको पीड़ित किया जाए, तिरस्कृत किया जाए तथा उससे घृणा की जाए तथा इधर-उधर धक्का देकर गिराया जाए और मार डाला जाए।
मैं अपना प्राण देता हूँ कि उसे फिर ले लूँ। कोई उसे मुझे से नहीं छीनता, परन्तु मैं उसे अपने आप ही देता हूँ। मुझे उसे देने का अधिकार है, और फिर ले लेने का भी अधिकार है। यह आज्ञा मैंने अपने पिता से पाई है। (यूहन्ना 10:17-18)
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