क्या कपड़ों के ऊपर से ग्रोप करना महिलाओं या लड़कियों पर यौन हमला नहीं है?
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आज बात करेंगे बॉम्बे हाईकोर्ट के एक अटपटे से आदेश की. आदेश में कहा गया है कि किसी नाबालिग के ब्रेस्ट को बिना ‘स्किन टू स्किन’ कॉन्टैक्ट के छूना POCSO यानि Protection of Children from Sexual Offences एक्ट के तहत सेक्सुअल असॉल्ट की श्रेणी में नहीं आएगा.
हाईकोर्ट की नागपुर बेंच की जज पुष्पा गनेडीवाला ने आदेश में कहा है कि किसी भी छेड़छाड़ की घटना को यौन शोषण की श्रेणी में रखने के लिए घटना में ‘यौन इरादे से किया गया स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट’ होना चाहिए.
हाईकोर्ट की नागपुर बेंच की जज पुष्पा गनेडीवाला ने आदेश में कहा है कि किसी भी छेड़छाड़ की घटना को यौन शोषण की श्रेणी में रखने के लिए घटना में ‘यौन इरादे से किया गया स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट’ होना चाहिए.
इस मामले में कानून की पेचीदगियों पर बात करेंगे क्विंट के लीगल एडिटर वकाशा सचदेव से.
साथ ही पॉक्सो कोर्ट्स में प्रैक्टिस करने वाली वकील सीमा मिश्रा से जानेंगे कि अब इस केस में आगे क्या हो सकता है.
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